(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-814/2011
Smt Urmila Devi W/O Mahendra Prasad R/O Gram Nai Jhunsi. Allahabad
Versus
Dr. Shobh Nath Yadav S/O Gama Yadav & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :18.01.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-228/2006, श्रीमती उर्मिला देवी बनाम डॉ0 शोभनाथ यादव व अन्य में विद्वान जिला आयोग, इलाहाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 31.03.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर बल देने के लिए कोई उपस्थित नहीं है। अत: पीठ द्वारा स्वयं निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता मंच द्वारा परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि परिवादी ने यह कहा है कि विपक्षी झोलाछाप डॉक्टर है, इसलिए उसे खुद सावधान होना चाहिए था यथार्थ में जिला उपभोक्ता आयोग को अपना विचार (उपदेश) व्यक्त करने के निर्णय में कोई आवश्यकता नहीं थी यदि विपक्षी स्वयं को डॉक्टर बताते हुए इलाज करता है और परिवादिनी द्वारा इलाज करने के पश्चात पाया जाता है कि विपक्षी झोलाछाप डॉक्टर है तब भी उपभोक्ता परिवाद संधारणीय होता है, इसलिए केवल इस आधार पर परिवाद खारिज करना विधिविरूद्ध है कि स्वयं परिवादिनी ने यह कहा है कि विपक्षी झोलाछाप डॉक्टर है। अत: निर्णय/आदेश अपास्त होने योग्य है। प्रकरण जिला उपभोक्ता आयोग को प्रतिप्रेषित किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। जिला उपभोक्ता आयोग को इस आशय से परिवर्तित इस परिवाद का निर्णय गुणदोष पर किया जाए। दोनों पक्षकार को सूचना देने के बाद तथा पक्षकारोंकी उपस्थिति सुनिश्चित करनेके बाद भी तीन माह के अंदर इस परिवाद का निस्तारण किया जाये।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0-228/2006 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवार्इ्र का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण किया जाए। दोनों पक्षकारों को सूचना देने के पश्चात तथा पक्षकारों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के बाद तीन माह के अंदर इस परिवाद का निस्तारण करें।
पक्षकार दिनांक 23.02.2024 को संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3