(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-262/2012
Indian Railway Catering and Tourism Corporation Ltd
Versus
Dr. Pradeep Kumar & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :08.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद सं0-266/2008, डा0 प्रदीप कुमार बनाम जी0एम0 व अन्य मे विद्धान जिला आयोग, अलीगढ़ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 10.01.2012 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर बल देने के लिए कोई उपस्थित नहीं है। अत: स्वयं पीठ द्वारा पत्रावली एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने 1140/-रू0 एक टिकट शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में कोच सी-10 का क्रय किया गया था, जिसमें यात्रा की गयी थी। ट्रेन में खाना परोसा गया। खाना खाते समय 1.5 इंच का कीड़ा उसके दांत के बीच में आ गया एवं खाने के बाद उसे उल्टी भी हुई तथा एक घण्टे तक स्वास्थ्य खराब रहा। टिकट की राशि में खाने की राशि सम्मिलित की गयी थी, जिस पर विपक्षी द्वारा खाना तैयार करते समय सावधानी नहीं बरती गयी, इसलिए परिवादी के प्रति सेवा में कमी की गयी। जिला उपभोक्ता आयोग ने इस तथ्य को साबित मानते हुए क्षतिपूर्ति का आदेश अंकन 80,000/-रू0 का आदेश पारित किया है।
- भारत सरकार द्वारा आईआरसीटीसी को स्वतंत्र रूप से खाना तैयार कर यात्रियों को परोसने का कान्ट्रेक्ट दिया हुआ है, इसलिए भारत संघ को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। जिला उपभोक्ता आयोग ने अंकन 80,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है। परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष किसी तथ्य को शपथ पत्र के माध्यम से भी साबित किया जा सकता है, इसके लिए विशेषज्ञ साक्ष्य प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान लिया जा सकता है कि भारतीय रेलवे खान पान की सेवा के द्वारा जो खाना यात्रियों को दिया जाता है, उसमें अक्सर कीड़ा, काकरोच एवं यहां तक कि छिपकली मिलने की शिकायत आती रहती है, इसलिए इस तथ्य को साबित माना जा सकता है कि शपथ पत्र में जो कथन किया गया है, वह सत्य है। तदनुसार जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
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अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2