सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-1852/2006
(जिला मंच, देवरिया द्वारा परिवाद संख्या-598/2003 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 06.05.2006 के विरूद्ध)
1.यूनियन आफ इंडिया द्वारा सेक्रेटरी, डिपार्टमेन्ट आफ पोस्ट
न्यू दिल्ली।
2. हेड पोस्ट आफिस, देविरया द्वारा सीनियर पोस्ट मास्टर।
.......अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
डा0 एम0 सिद्दीकी पुत्र स्व0 मो0 यूसुफ, होम्योपैथ, कैन्ट
होम्योहाल बिहाइन्ड विजय टाकिज, देवरिया। ........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से : डा0 यू.वी.सिंह के सहयोगी श्री कृष्ण पाठक,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक :19.12.2019
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, देवरिया द्वारा परिवाद संख्या-598/2003 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 06.05.2006 के विरूद्ध योजित की गयी है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी ने दि. 06.08.2003 को पार्सल संख्या 323 के द्वारा रू. 1380/- की दवाइयां जाम नगर, गुजरात के लिए भेजी थी। पार्सल टिकट रू. 140/- भी अदा किया। रजिस्ट्री पार्सल प्राप्तकर्ता को प्राप्त नहीं हुआ, इसके संबंध में परिवादी ने लिखित शिकायत की, फिर भी प्राप्तकर्ता को पार्सल नहीं मिला और न ही परिवादी को वापस की गई, अत: अपीलकर्ता द्वारा सेवा में कमी अभिकथित करते हुए परिवाद जिला मंच में योजित किया गया।
हमने अपीलकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता डा0 उदय वीर सिंह द्वारा अधिकृत अधिवक्ता श्री कृष्ण पाठक के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलकर्तागण के कथनानुसार परिवादी द्वारा रजिस्ट्री पार्सल भेजा जाना स्वीकार किया तथा यह भी स्वीकार किया कि यह पार्सल गंतव्य स्थान पर नहीं पहुंचा, किंतु अपीलकर्ता के कथनानुसार इंडियन पोस्टल अधिनियम की धारा-6 के अंतर्गत डाक कर्मियों की स्वेच्छापूर्वक असावधानी अथवा डाक कर्मियों द्वारा धोखा कारित किया जाना प्रमाणित न होने की स्थिति में मात्र डाक गंतव्य स्थान पर न पहुंचने के कारण डाक विभाग को क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु उत्तरदायी नहीं माना जा सकता।
अपीलकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि इण्डियन पोस्ट आफिस एक्ट की धारा-6 के अन्तर्गत डाक वितरण में हुए विलम्ब के लिए अधिनियम के अन्तर्गत दिये गये प्रावधान के अतिरिक्त क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु अपीलकर्तागण उत्तरदायी नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि इण्डियन पोस्ट आफिस एक्ट की धारा-6 में निम्नलिखित प्रावधान किया गया :-
“6, Exemption from liability for loss, misdelivery, delay or damage - The Government shall not incur any liability by reason of the loss, misdelivery or delay of or damage to, any postal article in course of transmission by post, except insofar as such liability may in express terms be undertaken by the Central Government as hereinafter provided and no officer of the Post Office shall incur any liability by reason of any such loss, misdelivery, delay or damage, unless he has caused the same fraudulently or by his willful act or default.”
यूनियन आफ इंडिया बनाम एम0एल0 बोरा रिवीजनल पिटीशन संख्या 2411/06 में मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा पारित निर्णय में यह मत व्यक्त किया गया है कि डाक गंतव्य स्थान पर न पहुंचने की स्थिति में जब तक यह प्रमाणित न हो कि गंतव्य स्थान पर डाक न पहुंचने में डाक कर्मियों द्वारा स्वेच्छापूर्वक लापरवाही की गई अथवा डाक कर्मियों द्वारा किए गए किसी धोखे के कारण डाक गंतव्य स्थान पर नहीं पहुंच सकी, डाक विभाग को क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु उत्तरदायी नहीं माना जा सकता। जिला मंच द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय अपास्त किए जाने योग्य है। तदनुसार अपील स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। जिला मंच द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 06.05.2006 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद भी निरस्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वंय वहन करेंगे।
इस निर्णय की सत्यप्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्ध कराई जाए।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-2