राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या- 2097 / 2002 (मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, प्रथम बरेली द्वारा परिवाद संख्या-227/1996 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 29-11-2001 के विरूद्ध)
मेसर्स सिपानी आटोमोबाइल्स लिमिटेड 25/26, इन्डस्ट्रीयल एरिया, दितीय स्टेज, तुमकर रोड़, बंगलौर, वर्तमान 149/250, बंदापुरा ग्राम- मरासुर पोस्ट-अनेकल तालुक, बंगलौर
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
1-डा0 इन्द्रजीत सिंह पुत्र डा0 प्रताप सिंह नैनीताल रोड़ बहेड़ी, बरेली।
...प्रत्यर्थी/परिवादी
2- मेसर्स कृष्णा कार्मस लि0 कृष्ण कुटीर, 15 आर-1 /बी, रामबाग, बरेली।
....प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठा0 सदस्य।
2. माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टण्डन, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 07-05-2015
माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य, द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी ने यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम प्रथम बरेली द्वारा परिवाद संख्या-227/1996 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 29-11-2001 के विरूद्ध प्रस्तुत की है। जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा अपने आदेश में यह कहा गया है कि:- परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-1 को निर्देश दिया जाता है कि वह आदेश के एक माह के अन्दर परिवादी को 10,000-00 रूपये की धनराशि मय दिनांक18-06-89 से भुगतान की तिथि तक 12 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा करें तथा 500-00 रूपये वाद व्यय के रूप में भी अदा करें।
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार से हैं कि परिवादी ने विपक्षी से बयाना धनराशि 10,000-00 रूपये तथा उस पर 11,000-00 रूपये ब्याज
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तथा विचारणकालीन एवं भविष्य कालीन ब्याज दिलाये जाने के लिए वाद इस अभिकथन के साथ प्रस्तुत किया है कि परिवादी ने दिनांक 18-06-1989 को विपक्षी सं0-1 के पास विपक्षीसं0-2 के माध्यम से डीजल कार बरेली में बुक करायी थी और 10,000-00 रूपये बतौर बयाना जमा किया, जिसकी रसीद विपक्षी ने जारी की, परन्तु विपक्षी द्वारा नियत समय में कार नहीं दिया गया। परिवादी ने बयाना धनराशि की मांग की। विपक्षी ने यह सूचित कियाकि 90 दिन में उसका प्रार्थना पत्र प्रोसेस किया जायेगा। दिनांक 17-07-1991 को परिवादी को पुन: विपक्षीगण से एक सूचना पत्र मिला कि उसकी बुकिंग कैंसिल कर दी गई है, परन्तु उसकी धनराशि का मामला देखा जा रहा है। यह भी बताया गया कि परिवादी यदि चाहे तो मोन्टाना डीजल कार या पेट्रोल कार ले सकता है। परिवादी ने पेट्रोल कार लेने से इंकार कर दिया और धनराशि की मांग की। विपक्षी ने सूचित किया कि उसकी धनराशि जुलाई 1996 में वापस की जायेगी और जुलाई 1996 में भी धनराशि वापस नहीं की गई। अत: परिवादी ने यह परिवाद योजित कर दिया कि उसे विपक्षीगण से 10,000-00 रूपये की राशि 18 प्रतिशत ब्याज के साथ दिलायी जाय।
विपक्षीगण को नोटिस भेजे गये। विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध वाद की कार्यवाही दिनांक 22-07-1998 को एक पक्षीय की गई।
विपक्षी सं0-2 ने अपना प्रतिवाद पत्र दिनांक 04-06-1999को दाखिल किया, जिसमें कहा गया है कि परिवादी ने स्वयं ही माना है कि उसने कार मेसर्स सिपानी आटोमोबाइल्स के यहॉ बुक करायी थी। अत: मेसर्स कृष्णा कार्मस लि0 बरेली के विरूद्ध वाद खारिज होने योग्य है। विपक्षी सं0-2 ने यह भी कहा कि प्रोयटी नं0 विपक्षी सं0-1 द्वारा जारी किया गया था तथा
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धनराशि भी सीधे विपक्षी सं0-1 के यहॉ जमा किया गया था। अत: धनराशि वापस करने की जिम्मेदारी विपक्षी सं0-1 की है।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन उपस्थित है। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
केस के तथ्यों परिस्थितियों में हम यह पाते है कि जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा जो निर्णय/आदेश दिनांकित 04-04-2000 पारित किया गया है, वह विधि अनुकूल नहीं है और रिमाण्ड किये जाने योग्य है। अपीलकर्ता की अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील स्वीकार किया जाता है। जिला उपभोक्ता फोरम प्रथम बरेली द्वारा परिवाद संख्या-227/1996 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 29-11-2001 को निरस्त करते हुए प्रकरण रिमाण्ड किया जाता है तथा जिला उपभोक्ता फोरम को यह निर्देश दिया जाता है कि दोनों पक्षों को साक्ष्य/सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए प्रकरण का निस्तारण गुणदोष के आधार पर यथाशीघ्र करना सुनिश्चित करें।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वयं वहन करें।
(राम चरन चौधरी) (राजकमल गुप्ता)
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर.सी. वर्मा, आशु. कोर्ट नं 5