Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/2318

Union of India - Complainant(s)

Versus

Dr D P Tayal - Opp.Party(s)

Dr U V Singh

17 May 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/2318
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Union of India
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Dr D P Tayal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Alok Kumar Bose PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-2318/2002

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, बुलन्‍दशहर द्वारा परिवाद संख्‍या-249/1998 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 11.07.2002 के विरूद्ध)

 

 

1. यूनियन आफ इण्डिया द्वारा सेक्रेटरी मिनीस्‍ट्री आफ कम्‍यूनिकेशन, न्‍यू दिल्‍ली।

2. सुप्रीटेण्‍डेण्‍ट आफ पोस्‍ट आफिसेज, बुलन्‍दशहर, जिला बुलन्‍दशहर।

                            अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम्      

डा0 डी0सी0 तायल, रीडर, एनआरईसी कालेज, खुरजा, जिला बुलन्‍दशहर।

                                     प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. माननीय श्री आलोक कुमार बोस, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित     : डा0 उदय वीर सिंह, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित    : कोई नहीं।

दिनांक 08.07.2016

मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

यह अपील, परिवाद सं0-249/1998, डा0 डी0सी0 तायल बनाम पोस्‍ट मास्‍टर प्रधान डाकखाना खुरजा में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, बुलन्‍दशहर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 11.07.2002 से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत की गयी है, जिसके अन्‍तर्गत जिला फोरम द्वारा परिवाद स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया गया है कि वह काटी गयी धनराशि रू0 3,863/- दिनांक 26.04.1995 से उस पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ परिवादी को 45 दिन के अन्‍दर अदा करें तथा रू0 1,000/- वाद व्‍यय भी अदा करें। इसके अतिरिक्‍त यह भी आदेश पारित किया गया कि यदि उक्‍त धनराशि निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं की गयी तो उक्‍त समस्‍त धनराशि पर निर्धारित अवधि के बाद से भुगतान की तिथि तक 15 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज देय होगा।

प्रकरण के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने मुख्‍य डाकघर खुरजा में एक एनएसएस खाता सं0-900442 खुलवाया, जिसमें उसने रू0 6,000 – 6,000/- दो बार जमा किये। परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने जब दिनांक 10.04.1993 को उक्‍त जमा धनराशि वापस प्राप्‍त करने हेतु फार्म भरा तो संबंधित लिपिक ने आयकर काटकर रू0 5,989/- का भुगतान किया, लेकिन पासबुक में रू0 7,980/- की निकासी दिखायी और आयकर धनराशि अलग से प्रदर्शित नहीं की। दिनांक 26.04.1995 को परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने पुन: अपनी जमा धनराशि निकालने हेतु फार्म भरा तो संबंधित लिपिक द्वारा आयकर काटकर रू0 6,288/- का भुगतान किया गया, लेकिन पासबुक में रू0 8,360/- की निकासी दिखायी गयी। विपक्षी ने आयकर विभाग बुलन्‍दशहर में यह असत्‍य सूचना भेजी कि उसने बिना आयकर कटाये रू0 7,980/- व 8,360/- की धनराशि अपने खाते से निकलवायी है और विपक्षी के उक्‍त कथन पर आयकर कार्यालय से परिवादी/प्रत्‍यर्थी को दिनांक 05.08.1997 को नोटिस मिला, जिससे परिवादी/प्रत्‍यर्थी को विपक्षी की धोखा-धड़ी की जानकारी हुई। परिवादी ने इस संबंध में विपक्षी को पत्र लिखे, जिस पर विपक्षी द्वारा अपने पत्र दिनांक 21.10.1997 में यह स्‍वीकार किया गया कि दिनांक 10.04.1993 को रू0 1,791/- आयकर के काटे गये थे, परन्‍तु दूसरी बार आयकर कटौती से मना किया गया था।। इस पर परिवादी ने विपक्षी से जवाब मांगा कि जो रू0 1,791/- काटे गये हैं, उसको कहां जमा किया गया है और उसका फार्म 16 परिवादी को क्‍यों नहीं दिया गया और दूसरी निकासी के समय आयकर क्‍यों नहीं काटा गया, परन्‍तु विपक्षी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। इस प्रकार विपक्षी द्वारा आयकर काटने के बावजूद भी आयकर विभाग को गलत सूचना दी गयी, इसी कृत्‍य से विक्षुब्‍ध होकर प्रश्‍नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।

जिला फोरम के समक्ष विपक्षी द्वारा अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया, जिसमें उनके द्वारा यह कहा गया कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी को दिनांक 10.04.1993 को रू0 6,189/- का भुगतान किया गया और उक्‍त खाते से रू0 1,791/- आयकर काटकर आयकर खाते में दिया गया। इस प्रकार उक्‍त दिनांक को रू0 7,980/- का भुगतान किया गया, जिसका इन्‍द्राज खाते में किया गया है। दिनांक 26.04.1995 को रू0 8,360/- का भुगतान किया गया, जिस पर कोई आयकर की कटौती नहीं की गयी। यदि खातेदार आयकर कटाना चाहता है तो वह फार्म 16 ए सवंय भरकर देता है और उसे ही प्रमाणित करके खातेदार को दे दिया जाता है। लिपिकीय त्रुटि के कारण आयकर विभाग को भेजी गयी सूचना में दिनांक 10.04.1993 को काटी गयी आयकर धनराशि रू0 1,791/- को आयकर कटा हुआ नहीं दिखाया गया, जबकि परिवादी को फार्म 16 ए दिया गया था। सन् 1995 में परिवादी से कोई आयकर कटौती नहीं की गयी। इस प्रकार विपक्षी द्वारा कोई सेवा में कमी नहीं की गयी है। परिवाद असत्‍य कथनों पर आधारित है, अत: परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

जिला फोरम ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्‍चात गुणदोष के आधार पर उपरोक्‍त निर्णय/आदेश पारित किया है, जिसके विरूद्ध प्रस्‍तुत अपील योजित की गयी है।

अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता डा0 उदय वीर सिंह उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। यह अपील वर्ष 2002 से निस्‍तारण हेतु लम्बित है, अत: पीठ द्वारा विद्वान अधिवक्‍ता को विस्‍तारपूर्वक सुना गया एवं पत्रावली का परिशीलन किया गया।

अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क किया कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय/आदेश क्षेत्राधिकार के अभाव में पारित किया गया है, अत: प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश्‍ा अपास्‍त होने योग्‍य है। परिवादी/प्रत्‍यर्थी को दिनांक 10.04.1993 को रू0 6,189/- का भुगतान किया गया और उक्‍त खाते से रू0 1,791/- आयकर काटकर आयकर खाते में दिया गया था। इस प्रकार उक्‍त दिनांक को रू0 7,980/- का भुगतान किया गया था, जिसका इन्‍द्राज खाते में किया गया है और आयकर कटौती का फार्म 16 ए परिवादी को दिया गया था। अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा तर्क किया गया कि दिनांक 26.04.1995 को रू0 8,360/- का भुगतान किया गया था, जिस पर कोई आयकर की कटौती नहीं की गयी, क्‍योंकि आयकर कटाने हेतु फार्म 16 ए सवंय भरकर दिया जाता है और उसे ही प्रमाणित करके खातेदार को दे दिया जाता है। अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह भी तर्क किया गया कि लिपिकीय त्रुटि के कारण आयकर विभाग को भेजी गयी सूचना में दिनांक 10.04.1993 को काटी गयी आयकर धनराशि रू0 1,791/- को आयकर कटा हुआ नहीं दिखाया गया, जबकि परिवादी को फार्म 16 ए दिया गया था। इससे स्‍पष्‍ट है अपीलार्थीगण द्वारा परिवादी की आयकर धनराशि काटी थी और उसे आयकर खाते में जमा किया गया था। सन् 1995 में परिवादी से कोई आयकर कटौती नहीं की गयी, परन्‍तु जिला फोरम ने बिना किसी आधार के उपोक्‍त निर्णय/आदेश पारित किया है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है।

प्रत्‍यर्थी द्वारा प्रस्‍तुत आपत्ति/शपथपत्र में यह आधार लिया गया है कि अपीलार्थीगण का यह कथन कि कोई लिपिक बिना जमाकर्ता की मंजूरी के आयकर नहीं काट सकता, नियम विरूद्ध है। डाकघर/बैंक को ब्‍याज पर आयकर काटना आवश्‍यक है, जब तक क‍ि जमाकर्ता उक्‍त कार्य न करने हेतु विशेष फार्म को भर कर प्रार्थना नहीं करे। जिला फोरम द्वारा दूसरी बार आयकर जमाकर्ता के खाते से काटकर आयकर विभाग में जमा न करना अपीलार्थीगण की सेवा में कमी मानते हुए उपरोक्‍त निर्णय/आदेश पारित किया गया है, जिसमें कोई विधिक त्रुटि नहीं है, अत: अपीलार्थीगण द्वारा प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आधार अपील एवं सम्‍पूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया गया, जिससे यह विदित होता है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी को अपीलार्थीगण द्वारा दिनांक 10.04.1993 को रू0 7,980/- की धनराशि का भुगतान किया गया, जिसमें आयकर कटौती रू0 1,791/- भी शामिल थी, लेकिन पास बुक में अलग-अलग अंकन नहीं किया गया, अत: दिनांक 10.04.1993 का पासबुक में किया गया इन्‍द्राज यह सिद्ध करता है कि दिनांक 10.04.1993 को आयकर काटा गया, जिसे अपीलार्थीगण द्वारा भी स्‍वीकार किया गया है तो दिनांक 26.04.1995 को रू0 8,360/- का भुगतान किया गया, जिसका इन्‍द्राज पासबुक में अंकित है, उसमें भी अवश्‍य ही आयकर कटौती की गयी होगी, परन्‍तु उक्‍त कटौती को आयकर विभाग में जमा न करना अपीलार्थीगण की सेवा में कमी सिद्ध होती है। अत: जिला फोरम ने भी अपीलार्थीगण की सेवा में कमी कमी पाते हुए विपक्षीगण/अपीलार्थीगण को आदेशित किया कि वह आदेश के 45 दिन के अन्‍दर काटी गयी धनराशि रू0 3,863/- का भुगतान परिवादी को कर दिया जाये। इसके अतिरिक्‍त वाद व्‍यय के रूप में रू0 1,000/- का भुगतान भी किया जाये, जिसमें कोई विधिक अथवा तथ्‍यात्‍मक त्रुटि होना नहीं पायी जाती है, परन्‍तु काटी गयी धनराशि पर दिनांक 26.04.1995 से 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से भुगतान हेतु पारित आदेश न्‍यायोचित प्रतीत नहीं होता है, अत: प्रश्‍नगत आदेशित ब्‍याज में संशोधन किया जाना न्‍यायोचित व विधि अनुकूल है। तद्नुसार जिला फोरम द्वारा आदेशित 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के स्‍थान पर 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज दिलाया जाना न्‍यायोचित है। अत: प्रस्‍तुत अपील आंशिक स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

     अपील आंशिक स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता फोरम, बुलन्‍दशहर द्वारा परिवाद सं0-249/1998, डा0 डी0सी0 तायल बनाम पोस्‍ट मास्‍टर प्रधान डाकखाना खुरजा में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 11.07.2002 में आंशिक संशोधन करते हुए जिला फोरम द्वारा आदेशित 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के स्‍थान पर 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज दिलाये जाने की पुष्टि की जाती है। शेष निर्णय/आदेश यथावत रहेगा।

                     

 

 

 

(आलोक कुमार बोस)                      (संजय कुमार)

          पीठासीन सदस्‍य                              सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0 

   कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Alok Kumar Bose]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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