Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/2919

Virendra Singh - Complainant(s)

Versus

Dr D B Sharma - Opp.Party(s)

S P Pandey

04 Oct 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/2919
( Date of Filing : 15 Nov 2006 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Virendra Singh
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Dr D B Sharma
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Oct 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2919/2006

वीरेन्‍द्र सिंह पुत्र श्री नेतराम बनाम डा0 डी. बी. शर्मा, हड्डी चिकित्‍सालय पुराना आर.टी.ओ. भवन प्रतापपुरा आगरा

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित       : श्री एस.पी. पाण्‍डेय।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित          : श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव।

दिनांक:  04.10.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.       परिवाद संख्‍या-31/2001, वीरेन्‍द्र सिंह बनाम डा0 डी.बी. शर्मा में विद्वान जिला आयोग, द्वितीय आगरा द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 6.10.2006 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस.पी. पाण्‍डेय तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.    विद्वान जिला आयोग के दो सदस्‍यों द्वारा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 6.10.2006 को पारित किया गया है, परन्‍तु यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश को पारित करते समय विद्वान जिला आयोग के अध्‍यक्ष मौजूद थे या नहीं, इसमें विधिक स्थिति यह है कि यदि जिला आयोग में अध्‍यक्ष तैनात हैं तब जिला आयोग के अध्‍यक्ष के साथ कम से कम एक सदस्‍य की पीठ का निर्माण कर निर्णय पारित किया जाता, परन्‍तु दो सदस्‍यों द्वारा पारित निर्णय को वैध नहीं कहा जा सकता, परन्‍तु यदि जिला आयोग के अध्‍यक्ष लगातार अनुपस्थित हैं तब आयोग के दो  सदस्‍यों  द्वारा  भी  निर्णय पारित किया जा सकता है, परन्‍तु प्रस्‍तुत केस

 

-2-

में यह स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं हो पा रही है कि निर्णय पारित करते समय अध्‍यक्ष की तैनाती की क्‍या स्थिति थी। अत: इस अस्‍पष्‍ट स्थिति के कारण जिला आयोग के दो सदस्‍यों द्वारा पारित निर्णय/आदेश को अपास्‍त करते हुए प्रकरण पुन: निस्‍तारण हेतु विद्वान जिला आयोग को प्रतिप्रेषित किए जाने और प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

3.        प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 6.10.2006 किया जाता है तथा प्रकरण संबंधित जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला आयोग प्रश्‍नगत परिवाद को अपने पुराने नम्‍बर परपुनर्स्‍थापित करे तथा उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष पर निस्‍तारण, यथासंभव 03 माह में करना, सुनिश्चित करे।

उभय पक्ष दिनांक 21.11.2024 को विद्वान जिला आयोग, द्वितीय आगरा के समक्ष उपस्थित हों।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                        (सुशील कुमार)

  सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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