Uttar Pradesh

StateCommission

C/2011/39

Saqia Firdaus Chandel - Complainant(s)

Versus

Dr Bheem Rao Ambedkar University - Opp.Party(s)

A. K. Mishra

28 Sep 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. C/2011/39
( Date of Filing : 09 May 2011 )
 
1. Saqia Firdaus Chandel
a
...........Complainant(s)
Versus
1. Dr Bheem Rao Ambedkar University
a
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 28 Sep 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

परिवाद सं0-३९/२०११

 

साकिया फिरदौस चन्‍देल पुत्री श्री हसनेन अटा पीर बक्‍श निवासी १३९८/११६६, पुराना कटरा, इलाहाबाद।                                         .....................       परिवादिनी। 

बनाम्

१. डॉ0 भीमराव अम्‍बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा द्वारा रजिस्‍ट्रार।

२. वाइस चान्‍सलर, डॉ0 भीमराव अम्‍बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा।

३. प्रिन्सिपल, राजा बलवन्‍त सिंह कॉलेज, आगरा।

४. डॉ0पी0के0 सिंह, रीडर, राजा बलवन्‍त सिंह कॉलेज, बिचपुरी, आगरा।

                                            ......................            विपक्षीगण।

समक्ष:-

१-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

परिवादिनी की ओर से उपस्थित   :- कोई नहीं।

विपक्षीगण की ओर से उपस्थित   :- श्री वी0पी0 शर्मा विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक : २८-०३-२०१९.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      आज यह पत्रावली प्रस्‍तुत हुई। परिवादिनी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0पी0 शर्मा उपस्थित हैं। श्री वी0पी0 शर्मा ने परिवाद के शीघ्र निस्‍तारण का अनुरोध किया। आज परिवादिनी की ओर से परिवाद पर बल देने हेतु कोई उपस्थित नहीं है। पूर्व में नियत कई तिथियों से भी परिवादिनी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हो रहा है। हमने विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0पी0 शर्मा के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया।

      प्रस्‍तुत परिवाद, परिवादिनी ने विपक्षीगण के विरूद्ध निम्‍नलिखित अनुतोष के साथ योजित किया है :-

१.    परिवादिनी की १४,४०,०००/- रू० वेतन पर पुनर्नियुक्ति की जाय।

२.    परिवादिनी को थीसिज जमा किए जाने की तिथि से वाइवा परीक्षा की तिथि तक पत्राचार में किए गये व्‍यय के सन्‍दर्भ में २०,०००/- रू० दिलाया जाय।

 

 

 

 

 

-२-

३.    परिवादिनी को अन्‍य समान अभ्‍यर्थियों के समान ही मानते हुए यह माना जाय कि परिवादिनी को भी दिनांक ११-०५-२००९ को ही पीएच.डी. डिग्री दी गई।

४.    परिवादिनी को मानसिक, शारीरिक उत्‍पीड़न के रूप में क्षतिपूर्ति के रूप में १०.०० लाख रू० दिलाये जायें।

५.    परिवादिनी को वाद व्‍यय के रूप में ५०,०००/- रू० तथा २०,०००/- रू० यात्रा एवं प्रकीर्ण खर्च के रूप में दिलाए जायें।

      परिवादिनी के कथनानुसार परिवादिनी का पंजीकरण पीएच.डी. डिग्री हेतु दिनांक २७-०६-२००३ को एग्रीकल्‍चरल जूलॉजी व एण्‍टोमोलॉजी विषय के लिए डॉ0 भीमराव अम्‍बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा में किया गया। परिवादिनी ने अपनी पीएच.डी. थीसिज एग्रीकल्‍चरल जूलॉजी व एण्‍टोमोलॉजी में पर्यवेक्षक डॉ0 पी0के0 सिंह, रीडर एण्‍ड हैड, डिपार्टमेण्‍ट आफ एग्रीकल्‍चरल जूलॉजी व एण्‍टोमोलॉजी, राजा बलवन्‍त सिंह कालेज, बिचपुरी आगरा एवं सह पर्यवेक्षक डॉ0 आर0 अहमद, प्रिन्सिपल साइण्टिस्‍ट, इण्डियन इन्‍स्‍टीट्यूट आफ पल्‍सेस रिसर्च, कानपुर के पर्यवेक्षण में दिनांक २९-१२-२००४ को डॉ0 भीमराव अम्‍बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा में प्रस्‍तुत की। परिवादिनी की नियुक्ति डिपार्टमेण्‍ट आफ एग्रीकल्‍चरल जूलॉजी व एण्‍टोमोलॉजी, राजा बलवन्‍त सिंह कालेज, बिचपुरी आगरा में दिनांक १७-०८-२००४ को लैक्‍चरर के पद पर हुई तथा परिवादिनी ने दिनांक ३१-०१-२००८ तक कॉलेज में कार्य किया। डॉ0 पी0के0 सिंह ने पीएच.डी. के वाइवा हेतु कोई तिथि नियत नहीं की। परिवादिनी की दिनांक ३१-०१-२००८ को सेवा सम्‍भवत: इसलिए समाप्‍त कर दी गई कि परिवादिनी के पास पीएच.डी. डिग्री नहीं थी। परिवादिनी द्वारा अनेक प्रतिवेदन वाइवा सम्‍पन्‍न कराने हेतु प्रस्‍तुत किए गये किन्‍तु कोई कार्यवाही नहीं की गई।

      विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह आपत्ति प्रस्‍तुत की गई कि प्रस्‍तुत विवाद उपभोक्‍ता विवाद नहीं है। विपक्षी विश्‍वविद्यालय सेवा प्रदाता नहीं है और न ही परिवादिनी उपभोक्‍ता है। ऐसी परिस्थिति में इस परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार उपभोक्‍ता मंच को प्राप्‍त नहीं है। इस सन्‍दर्भ में विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा बिहार स्‍कूल एक्‍जामिनेशन बोर्ड बनाम सुरेश प्रसाद सिन्‍हा, २००९ (३) सीपीसी २१७ में पारित निर्णय दिनांक ०४-०९-२००९ तथा पुनरीक्षण सं0-३१२८/२००७ यूनिवर्सिटी आफ

 

 

 

 

 

-३-

दिल्‍ली द्वारा रजिस्‍ट्रार बनाम मोहम्‍मद ए0एम0 अबेल करीम व अन्‍य, २०१२ (२) सीपीसी ३७३ के मामले में मा0 राष्‍ट्रीय राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा दिए गये निर्णय दिनांक ०६-०८-२०१२ पर विश्‍वास व्‍यक्‍त किया।

हमने इन निर्णयों का अवलोकन किया। इन निर्णयों में मा0 न्‍यायालयों द्वारा यह मत व्‍यक्‍त किया गया है परीक्षा लेने का कार्य विश्‍वविद्यालय का संविधीय कृत्‍य होता है। विश्‍वविद्यालय सेवा प्रदाता नहीं माना जा सकता और न ही विद्यार्थी उपभोक्‍ता की श्रेणी में माना जायेगा। ऐसी परिस्थिति में हमारे विचार से प्रस्‍तुत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार उपभोक्‍ता मंच को प्राप्‍त नहीं है। अत: प्रस्‍तुत परिवाद क्षेत्राधिकार के अभाव में निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

परिवाद व्‍यय उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

           

                                               (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                 पीठासीन सदस्‍य

 

 

                                                 (गोवर्द्धन यादव)

                                                     सदस्‍य

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट-२.

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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