(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष्ा आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
परिवाद संख्या-54/2022
श्रीमती खुशबू पत्नी श्री श्याम नारायण, मकान नम्बर-10/164, सेक्शन-10, इन्दिरा नगर, निकट अरविन्दो पार्क, लखनऊ।
परिवादिनी
बनाम
1. डी.एल.एफ. लि0, II फ्लोर, डीएलएफ माई पैड, टीसीजी 6/6, विभूति खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ 226010 द्वारा हेड/प्रोजेक्ट मैनेजर।
2. मैनेजिंग डायरेक्टर/डायरेक्टर, डी.एल.एफ. लि0, डीएलएफ शॉपिंग मॉल 3rd फ्लोर, अर्जुन मार्ग, डीएलएफ सिटी, फेस-1, गुरू ग्राम 122002 हरियाणा, इण्डिया।
3. मैनेजिंग डायरेक्टर/डायरेक्टर, डी.एल.एफ. लि0, 1/72 विपुल खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ 226010 ।
विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
परिवादिनी की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन, विद्वान
अधिवक्ता।
विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : श्री टी.जे.एस. मक्कड़, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक : 06.09.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद में दिनांक 17.08.2022 को निम्न आदेश पारित किया गया :-
'' पुकार की गई। प्रस्तुत परिवाद आज पूर्व सूचना के अनुसार पक्षकारों के अधिवक्ता की उपस्थिति में सूचीबद्ध किये जाने हेतु ओदशित किया गया, परन्तु यह खेद का विषय है कि विपक्षी कम्पनी के अधिवक्ता श्री टी0जे0एस0 मक्कड़ द्वारा स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए वाद स्थगित किए जाने
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प्रार्थना की, परिवादिनी स्वंय कानपुर से प्रस्तुत परिवाद में अपना पक्ष अधिवक्ता के साथ प्रस्तुत किये जाने हेतु उपस्थित है। चूंकि विपक्षी के अधिवक्ता अनुपस्थित है, अतएव विपक्षी कम्पनी द्वारा रू0 5,000.00 हर्जाने के रूप में परिवादिनी को अगली तिथि पर प्राप्त कराये जावेंगे। प्रस्तुत परिवाद को पुन: दिनांक 06.09.2022 को नवीन वादो के पश्चात प्रथम 10 वादो की सूची में इसी पीठ के सम्मुख सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किया जावे। ''
उक्त आदेश में विपक्षी कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता श्री टी0जे0एस0 मक्कड़ की अनुपस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए रू0 5,000/- हर्जाना विपक्षी कम्पनी को परिवादिनी को देय हेतु ओदशित किया गया।
चूंकि विपक्षी कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता श्री टी0जे0एस0 मक्कड़ के वाद दिनांक 17.08.2022 से दिनांक 19.08.2022 तक स्थगित थे अतएव उनका उपस्थित होना संभव नहीं था।
परिवादिनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री इसार हुसैन द्वारा भी इस तथ्य को सही बताया गया। अतएव आदेश दिनांक 17.08.2022 में उल्लिखित हर्जाने की धनराशि रू0 5,000/- हेतु पारित आदेश समाप्त किया जाता है।
प्रस्तुत परिवाद में पूर्व में भी सुनवाई की गई तथा दिनांक 20.07.2022 को इस पीठ द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया :-
'' प्रस्तुत परिवाद में पूर्व आदेश दिनांक 08.07.2022 के अनुपालन में उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्व्य द्वारा विवरण गणना चार्ट पीठ को उपलब्ध कराया गया। उपरोक्त विवरण गणना चार्ट के अनुसार परिवादिनी द्वारा कुल धनराशि 85,09,735/-रू0 मय 10 प्रतिशत ब्याज की गणना करते हुए अपेक्षित की है, जबकि विपक्षी कम्पनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री टी0जे0एस0 मक्कड़ द्वारा मूल धनराशि 64,99,580/-रू0 पर 10 प्रतिशत ब्याज की देयता कुल धनराशि रू0 13,44,634.69पै0 अर्थात् कुल देय धनराशि रू0 78,44,214.69पै0 की गणना की है।
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उपरोक्त धनराशि में ई-स्टाम्प क्रय करने से सम्बन्धित जमा की गयी धनराशि के बारे में उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्व्य द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत किया।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए एवं उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्व्य की सहमति को दृष्टिगत रखते हुए निम्न आदेश पारित कि���या जाता है:-
परिवादिनी विपक्षी कम्पनी के वरिष्ठतम अधिकारी डी0जी0एम0 के साथ देय धनराशि/प्राप्त धनराशि के सम्बन्ध में जो विवाद है उसे अन्तिम रूप से निर्धारित करने हेतु दिनांक 01.08.2022 को समय सायंकाल 04:30 पर विपक्षी कम्पनी के कार्यालय विभूति खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ में चर्चा करेंगी। तदोपरान्त यदि उभय पक्ष के मध्य समस्त विवाद के सम्बन्ध में अन्तिम निर्णय सुनिश्चित होता है तब समझौता/सहमति पत्र पर पक्षकारों के द्वारा समझौते का विवरण अंकि���त करते हुए हस्ताक्षरित समझौता पत्र अगली निश्चित तिथि दिनांक 17.08.2022 को इस पीठ के सम्मुख प्रस्तुत किया जावेगा।
तद्नुसार प्रस्तुत परिवाद को पुन: दिनांक 17.08.2022 को इस पीठ के सम्मुख सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किया जावे। ''
उक्त आदेश के पश्चात तथा पूर्व आदेशों को दृष्टिगत रखते हुए विपक्षी कम्पनी एवं परिवादिनी के मध्य वार्ता हुई, परन्तु विपक्षी कम्पनी द्वारा कुछ वास्तविक कठिनाईयों को दृष्टिगत रखते हुए यद्यपि परिवादिनी को आंवटित भूखण्ड के क्षेत्रफल के किसी अन्य भूखण्ड को प्रदान किए जाने के प्रस्ताव दिए गए, जिन्हें परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार परिवादिनी द्वारा प्राप्त किया जाना संभव नहीं था, क्योंकि प्रस्तावित भूखण्ड भी विवादित थे।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्व्य श्री इसार हुसैन एवं श्री टी0जे0एस0 मक्कड़ को विस्तार से
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सुनने के उपरांत तथा परिवादिनी, श्रीमती खुशबू एवं उनके पति श्री श्याम नारायण, जो इस न्यायालय के सम्मुख उपस्थित हैं एवं विपक्षी कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता के साथ विपक्षी कम्पनी के अधिकृत प्रतिनिधि श्री राहुल यादव भी इस न्यायालय के सम्मुख उपस्थित हैं, जिनको विस्तार से सुनने के उपरांत प्रस्तुत परिवाद निम्न आदेश के अनुसार अंतिम रूप से सहमति के आधार पर निस्तारित किया जाता है :-
(क.) यह कि विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादिनी को परिवादिनी द्वारा कुल जमा धनराशि, जमा की तिथि से भुगतान की तिथि तक जमा धनराशि पर 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की गणना करते हुए सम्पूर्ण धनराशि अर्थात मूल धनराशि एवं ब्याज को एक माह की अवधि अर्थात दिनांक 04.10.2022 तक प्राप्त कराने हेतु आदेशित किया जाता है।
(ख.) परिवादिनी को मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक हानि की मद मे अंकन 01 लाख रूपये उपरोक्त समयावधि (एक माह की अवधि) के अन्दर भुगतान करने हेतु आदेशित किया जाता है।
(ग.) परिवाद व्यय के रूप में अंकन 25,000/- रूपये भी उपरोक्त समयावधि (एक माह की अवधि) के अन्दर भुगतान करने हेतु आदेशित किया जाता है।
(घ.) परिवादिनी द्वारा जमा किए गए ई-स्टैम्प को मूल रूप से विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादिनी को उपरोक्त समयावधि के अन्द वापस प्रदान किया जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1