ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे चोरी गई कार के बीमे की धनराशि रूपया 1,48,000/- 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 1,00,000/- रूपया, अधिवक्ता की फीस की मद में 2000/- रूपया तथा परिवाद व्यय की मद में 1700/- रूपया अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी की कार यू0पी0 21 टी- 1206 दिनांक 14/01/2010 को सुबह सवा तीन बजे दीन दयाल नगर, मुरादाबाद से चोरी हो गई। यह कार विपक्षी सं0-1 से दिनांक 25/02/2009 से 24/02/2010 तक की अवधि हेतु बीमित थी। परिवादी ने चोरी की सूचना विपक्षी को प्रेषित की और थाना सिविल लाइन्स में रिपोर्ट लिखई। चोरी के इस मामले में विवेचना के आधार पर पुलिस ने अन्तिम रिपोर्ट न्यायालय प्रेषित की जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। परिवादी ने विपक्षीगण के समक्ष क्लेम प्रस्तुत किया जिसके साथ उसने सभी प्रपत्र तथा गाड़ी की मूल चाबियां प्रेषित कीं। विपक्षीगण ने क्लेम शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया, किन्तु क्लेम निस्तारित नहीं किया और परिवादी को टलहलाते रहे। विपक्षीगण ने दिनांक 12/07/2010 को परिवादी का क्लेम गलत तरीके से अस्वीकृत कर दिया। परिवादी के अनुसार उसने विपक्षीगण को कानूनी नोटिस बीमा क्लेम अदा करने हेतु दिया, किन्तु विपक्षीगण सुनवा नहीं हुऐ अत: परिवादी ने यह परिवाद दायर किया। उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/6 लगायत 3/9 दाखिल किया। उसके साथ परिवादी ने विपक्षी सं0-1 को भेजे गऐ नोटिस दिनांकित 12/10/2010 की कार्बन प्रति तथा नोटिस भेजे जाने की असल रसीद, प्रमुख सचिव, गृह को भेजे गऐ शिकायती पत्र दिनांक 14/01/2010, कार की आर0सी0, बीमा कवरनोट, पालिसी के रिन्यूवल नोटिस, अभिकथित रूप से प्रभारी निरीक्षक सिविल लाइन्स, मुरादाबाद को दी गई कार चोरी की रिपोर्ट, एफ0आई0आर0, फाइनल रिपोर्ट, फाइनल रिपोर्ट स्वीकार किऐ जाने सम्बन्धी न्यायालय के आदेश, गाड़ी के कागजात सीज करने सम्बन्धी आर0टी0ओ0 मुरादाबाद को प्रेषित पत्र, कार की परचेज इनवाय की फोटो प्रतियों को दाखिल किया। विपक्षी सं0-1 की ओर से प्राप्त रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 12/07/2010 परिवादी ने मूल रूप में दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/11 लगायत 3/30 हैं।
- विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/4 दाखिल हुआ जिसमें परिवादी की कार का दिनांक 25/02/2009 से 24/02/2010 तक की अवधि हेतु बीमा किया जाना और उसकी बीमित राशि 1,48,618/- रूपया होना और कार चोरी की सूचना मिलना तो स्वीकार किया गया, किन्तु शेष कथनों से इन्कार किया गया। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्तर कथन किया गया कि परिवादी ने पिछले वर्ष बीमा क्लेम लिया था, किन्तु उसकी जानकारी पालिसी लेते समय विपक्षीगण को नहीं दी और तथ्यों को छिपाकर 20 प्रतिशत नो क्लेम बोनस ले लिया। उक्त कारण से बीमा पालिसी की शर्त सं0-8 के उल्लंघन के आधार पर परिवादी का बीमा दावा पत्र दिनांक 12/07/2010 द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया जिसकी परिवादी को सूचना दी गई। विपक्षी सं0-1 ने परिवादी को सेवाऐं देने में कोई कमी अथवा त्रुटि नहीं की। उपरोक्त कथनों के आधार पर परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
- तामील के बावजूद विपक्षी सं0-2 उपस्थित नहीं हुऐ अत: फोरम के आदेश दिनांक 10/04/2014 के अनुक्रम में विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय की गई।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-24/1 लगायत 24/3 दाखिल किया। विपक्षी सं0-1 की ओर से बीमा कम्पनी के डिविजनल मैनेजर श्री शिखर सिन्हा ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-25/1 लगायत 25/4 दाखिल किया जिसके साथ उन्होंने परिवादी द्वारा दिनांक 25 फरवरी, 2008 से 24/02/2009 की अवधि के मध्य नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी से क्लेम लिऐ जाने सम्बन्धी प्रपत्रों और रिप्यूडिऐशन लेटर की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्नक दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-25/5 लगायत 25/9 हैं।
- परिवादी ने सूची कागज सं0-23/2 के माध्यम से कार चोरी सम्बन्धी प्रथम सूचना रिपोर्ट, न्यायालय में प्रेषित फाइनल रिपोर्ट, फाइनल रिपोर्ट स्वीकृत किऐ जाने सम्बन्धी न्यायालय के आदेश की प्रमाणित प्रतियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-23/3 लगायत 23/8 हैं।
- विपक्षी सं0-1 ने बीमा पालिसी की शर्तो की फोटो प्रति कागज सं0-32/1 लगायत 32/29 दाखिल की।
- परिवादी ने लिखित बहस दाखिल की। विपक्षीगण ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
- हमने परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता के तकों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-2 की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
- इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी की कार सं0-यू0पी0 21 टी0-1206 दिनांक 25/02/2009 से 24/02/2010 तक की अवधि हेतु विपक्षी सं0-1 से बीमित थी। परिवादी के अनुसार उसकी यह कार चोरी हुई जिसकी उसने प्रथम सूचना लिखाई जिसमें पुलिस ने एफ0आर0 न्यायालय में प्रेषित की जो न्यायालय द्वारा स्वीकार कर ली गई। इस बिन्दु पर भी कोई विवाद नहीं है कि कार चोरी सम्बन्धी परिवादी ने जो बीमा दावा विपक्षी सं0-1 के समक्ष प्रस्तुत किया था उसे विपक्षी सं0-1 ने अपने पत्र दिनांक 12/07/2010 (कागज सं03/26) द्वारा अस्वीकृत कर दिया। आधार यह लिया गया कि विगत वर्ष परिवादी ने अन्य बीमा कम्पनी से बीमा क्लेम लिया था, किन्तु प्रश्नगत बीमा पालिसी लेते समय उसने विपक्षी सं0-1 से इस तथ्य को छिपाया और 20 प्रतिशत नो क्लेम बोनस ले लिया। विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि परिवादी ने विगत वर्ष बीमा क्लेम लिऐ जाने सम्बन्धी तथ्यों को पालिसी लेते समय चॅूंकि छिपाया था इस प्रकार उसने बीमा पालिसी की शर्त सं0-8 जो पालिसी की शर्तों सम्बन्धी पृष्ठ कागज सं0-32/5 पर दृष्टव्य है, का उल्लंघन किया और इस आधार पर परिवादी का बीमा दावा अस्वीकृत करके विपक्षी सं0-1 ने कोई त्रुटि नहीं की।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 12/07/2010 में परिवादी की चोरी कई कार का नम्बर तथा उस बीमा कम्पनी का नाम जिससे विगत वर्ष क्लेम लिया जाना विपक्षी सं0-1 की ओर से कहा जा रहा है, गलत अंकित है अत: उक्त रिप्यूडिऐशन लेटर परिवादी पर बाध्यकारी नहीं है। हम परिवादी की ओर से दिऐ गऐ इस तर्क से सहमत नहीं हैं कि रिप्यूडिऐशन लेटर में कार का नम्बर और बीमा कम्पनी का नाम गलत अंकित होने मात्र से रिप्यूडिऐशन लेटर परिवादी पर बाध्यकारी नहीं है।
- विपक्षी के साक्ष्य शपथ पत्र के साथ दाखिल कागज सं0-25/5 लगायत 25/7 के अवलोकन से स्पष्ट है कि विगत वर्ष परिवादी ने नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड से अपनी चोरी गई कार का बीमा कराया था और इस कार के सम्बन्ध में उसने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी से बीमा क्लेम लिया था। परिवादी इस तथ्य से इन्कार करने का साहस नहीं कर पाया है कि उसने पिछले वर्ष इसी चोरी गई कार के सम्बन्ध में नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी से क्लेम लिया था। परिवादी का यह उत्तरदायित्व था कि वह विपक्षी सं0-1 से प्रश्नगत बीमा कराते समय पिछले वर्ष लिऐ गऐ क्लेम की जानकारी देता, किन्तु क्लेम लेने सम्बन्धी तथ्य को छिपाकर उसने विपक्षी सं0-1 से 20 प्रतिशत नो क्लेम बोनस प्राप्त कर लिया और ऐसा करके उसने बीमा पालिसी की शर्त सं0-8 का उल्लंघन किया।
- जहॉं तक रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांक 12/07/2010 में परिवादी की कार संख्या एवं पहली बीमा कम्पनी का नाम गलत अंकित होने का प्रश्न है उक्त त्रुटि मात्र टंकणीय त्रुटि प्रतीत होती है क्योंकि रिप्यूडिऐशन लेटर कागज सं0-3/26 के पैरा सं0-2 में जिस कवरनोट सं0-3583682 का उल्लेख है वह कवरनोट दिनांक 25/02/2008 से 24/02/2009 तक की अवधि हेतु कार संख्या- यू0पी0 21 टी0-1206 के नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड से हुऐ बीमा कवरनोट का है जैसा कि पत्रावली में अवस्थित बीमा कवरनोट कागज सं0-25/7 से प्रकट है ऐसी दशा में मात्र टंकणीय त्रुटि के आधार पर विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी को भेजे गऐ रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 12/07/2010 को अमान्य नहीं कहा जा सकता।
- उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवादी ने प्रश्नगत बीमा पालिसी लेने से पहले वाले वर्ष में नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड से एक्सी्डेन्ट क्लेम लिया था और विपक्षी सं0-1 से पालिसी लेते समय उस तथ्य को छिपाकर नो क्लेम बोनस प्राप्त कर लिया। परिवादी के उक्त कृत्य बीमा पालिसी की शर्त सं0-8 का उल्लंघन है। इस शर्त के उल्लंघन के आधार पर परिवादी का बीमा दावा अस्वीकृत करके विपक्षी सं0-1 ने कोई त्रुटि नहीं की। परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
01.02.2016 01.02.2016 01.02.2016 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 01.02.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
01.02.2016 01.02.2016 01.02.2016 | |