राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
सुरक्षित।
अपील संख्या:-177/2013
(जिला उपभोक्ता आयोग,मेरठ द्वारा परिवाद संख्या-09/2008में पारित प्रश्नगत आदेश दिनॉंक 28-05-2009 के विरूद्ध)
श्रीमती कृष्णा देवी पत्नी स्व0 अशोक कुमार निवासी ग्राम व पोस्ट-पंचली खुर्द, जिला मेरठ। .............अपीलार्थी।
बनाम
1-जिला मजिस्ट्रेट/अतिरिक्त् जिला मजिस्ट्रेट, कलेक्ट्रेट, जिला मेरठ।
2-डिवीजनल ऑफिस दि न्यू इण्डिया इन्श्योरेंस कम्पनी लि0 बाम्बे बाजार, कैन्ट, मेरठ, उ0प्र0। ...........प्रत्यर्थीगण।
समक्ष:-
1. मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार शर्मा ।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री भानु प्रकाश दुबे ।
दिनॉंक:-25-08-2021
मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
उपरोक्त अपील जिला आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद संख्या 09/2008 श्रीमती कृष्णा देवी बनाम जिलाधिकारी व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनॉंक 28-05-2009 के विरूद्ध अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्तुत की गयी है जिसमें जिला आयोग ने निम्नवत आदेश पारित किया है-
- वादी की गैरहाजिरी में परिवाद खारिज किया जाता है’’।
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/परिवादी ने यह अपील आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है।
हमने अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री भानु प्रकाश दुबे को विस्तार पूर्वक सुना।
जिला आयोग द्वारा पारित आदेश दिनॉंक 28-05-2009 का सम्यक अवलोकन किया। पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि जिला आयोग ने अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति में परिवाद को खारिज किया गया है। अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क किया कि यदि निरस्त परिवाद को अपने मूल परिवाद पर स्थापित नहीं किया गया तो अपीलार्थी/परिवादी को अपूर्णनीय क्षतिहोगी।
आदेश
पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों एवं विद्वान अधिवक्ता के द्वारा किये गये तर्कोंको ध्यान में रखते हुए हम इस विचार के हैं कि जिला आयोग द्वारा पारित आदेश दिनॉंक 28-05-2009को निरस्त किया जाता है तथा जिला आयोग को यह आदेशित किया जाता है कि परिवाद को पुन: अपने मूल नम्बर पर स्थापित करते हुए पक्षकारों को समुचित अवसर देकर यथा संभव छह माह में निर्णय पारित करें।
अपील व्यय पक्षकार स्वयं वहन करेंगे।
उभयपक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(गोवर्धन यादव) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनॉंकित होकर उदघोषित किया गया।
(गोवर्धन यादव) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
प्रदीप कुमार आशु0,
कोर्ट नं0-02