Rajasthan

Kota

CC/269/2008

Robina W/o Iqbal Hussian - Complainant(s)

Versus

District Collector - Opp.Party(s)

V. K. Rathore

10 Feb 2016

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, झालावाड,केम्प कोटा(राज0)।

पीठासीन अधिकारी:-श्री नन्दलाल षर्मा,अध्यक्ष व श्री महावीर तंवर सदस्य।

प्रकरण संख्या-269/2008
    
श्रीमति रोबीना पत्नि श्री इकबाल हुसैन,
निवासिनी-खीमच तहसील रामगंजमंडी जिला कोटा (राज0)।
                                                           -परिवादिनी।
                         बनाम  

1    स्टेट आॅफ् राजस्थान जरिये जिला कलेक्टर,कोटा।
2    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,नयापुरा, कोटा।
3    चिकित्साधिकारी एवं प्रभारी,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,रामगंजमंडी,जिला कोटा।

                                                            -विपक्षीगण।

     परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति-

1    श्री प्रेमनारायण नामदेव,अधिवक्ता ओर से परिवादिनी।
2    श्री रितेष,अधिवक्ता ओर से विपक्षीगण।                                        
                 
                  निर्णय                 दिनांक 10.02.2016    

यह पत्रावली जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, कोटा में पेष की गई तथा निस्तारण हेतु जिला मंच झालावाड केम्प कोटा को प्राप्त हुई है।

      प्रस्तुत परिवाद ब्च् ।बज 1986 की धारा 12 के तहत दिनांक 17-11-2006 को परिवादिनी ने इन अभिवचनों के साथ प्रस्तुत किया है कि परिवादिनी ने दिनंाक 07-11-2005 को विपक्षी-3 के यहाँ नसबन्दी करवायी थी और उसके उपरान्त भी परिवादिनी दिनांक 05-04-2006 को माहवारी नहीं आने पर जाँच करायी तो परिवादिनी के गर्भवती होने की पुश्टि हुई। गर्भपात कराना चाहा तो डाॅक्टर ने स्वास्थ्य को देखते हुए इन्कार कर दिया। विपक्षी-1 के अधीन विपक्षी-2 व 3 का यह दायित्व था कि वे 
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सावधानी बरतते हुए नसबन्दी करते लेकिन परिवादिनी दो माह बाद ही गर्भवती हो गई। दिनांक 03-05-2006 को विपक्षीगण को जरिये अधिवक्ता विधिक नोटिस दिलाया किन्तु उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। विपक्षीगण का यह कृत्य सेवामें कमी की श्रेणी में आता है। परिवादिनी ने विपक्षीगण से पांँच लाख रूपये का हरजाना दिलाये जाने का अनुतोश चाहा है। 

    विपक्षीगण ने परिवाद का यह जवाब दिया है कि परिवादिनी की नसबन्दी पूर्ण सावधानी से की गई थी। जवाब के विषेश कथनों में उल्लेख किया है कि विपक्षी-3 के यहाँ सामुदायिक केन्द्र में षिविर में नसबन्दी की गई थी और सर्जन लेवल के डाॅक्टर्स द्वारा नसबन्दी का आॅपरेषन किया गया है। षिविर में अन्य कई महिलाओं के नसबन्दी आॅपरेषन किये गये थे जो पूर्ण रूप से सफल रहे थे। आॅपरेषन फेल्योर की षिकायत अन्य किसी महिला द्वारा नहीं की गई है। नसबन्दी के आॅपरेषन में नस को बाँधकर उसका मार्ग अवरूद्ध कर दिया जाता है परन्तु जब महिला को गर्भ धारण की आवष्यकता होती है तो पुनः नस को खोलकर सुगम बना दिया जाता है जिससे महिलाऐं पुनः गर्भ धारण कर सके। परिवादिनी ने झूठे एवं मनगढन्त आधार पर मनोवांछित राषि प्राप्त करने के लिए यह यह परिवाद दुर्भावनापूर्वक प्रस्तुत किया है जिसे सव्यय निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गई है।                                                 

      परिवाद के समर्थन में परिवादिनी ने स्वयं का षपथ पत्र तथा प्रलेखीय साक्ष्य में म्ग.1 लगायत म्ग.5 दस्तावेज तथा विपक्षीगण की ओर से जवाब के समर्थन में डाॅक्टर गिरधर गुप्ता,उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्याधिकारी का षपथ पत्र तथा प्रलेखीय साक्ष्य में म्गक.1 लगायत म्गक.3 दस्तावेज प्रस्तुत किये हंै।
 
    उपरोक्त अभिवचनों के आधार पर बिन्दुवार निर्णय निम्न प्रकार है:-

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1    क्या परिवादिनी विपक्षीगण की उपभोक्ता है ?

    परिवादिनी का परिवाद,विपक्षीगण का जवाब,दस्तावेजात की फोटो काॅपी आदि के आधार पर परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता होना प्रमाणित पाया जाता है।
2    क्या विपक्षीगण ने सेवामें कमी की है ?

उभयपक्षों को सुना गया पत्रावली का अवलोकन किया तो स्पश्ट हुआ कि परिवादिनी द्वारा विपक्षी-3 के यहाँ दिनंाक 07-11-2005 को नसबन्दी कराना स्वीकृत तथ्य है। विपक्षीगण ने भी विषेश कथन के पैरा नंबर-1 में इस तथ्य को स्वीकार किया है। इससे आगे उभय पक्षों में मतभेद है, जहाँ परिवादिनी का कहना है कि नसबन्दी के तीन माह बाद ही वह गर्भवती हो गई और दिनंाक 16-06-2006 को एक सन्तान को जन्म दिया। इस तथ्य की पुश्टि आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेषालय द्वारा जारी पत्र म्ग.3ए राषन कार्ड म्ग.4ए तथा परिवादिनी रोबीना के षपथपत्र से होती है। इसका अर्थ यह हुआ कि परिवादिनी को नसबन्दी कराने के बाद भी एक संतान और हो गई। इस बिन्दु पर विपक्षीगण का यह कहना है कि उन्होंने पूर्ण सावधानी और होषियारी के साथ नसबन्दी आॅपरेषन किया था। नसबन्दी षिविर में विषेशज्ञ डाॅक्टरों द्वारा की गई थी। इसमें हमारी क्या लापरवाही रही यह परिवादिनी ने नहीं बताया है।

    उभयपक्षों को सुनने के बाद जहाँ तक विपक्षी-3 द्वारा लापरवाही और असावधानीपूर्वक नसबन्दी करने का प्रष्न है, इसमें किसी विषेशज्ञ की रिपोर्ट की आवष्यकता नहीं है क्योंकि जब परिवादिनी की नसबन्दी दिनांक 07-11-2005 को कर दी गई तो उसके बाद उसके सन्तान नहीं होनी चाहिए थी लेकिन फिर भी सन्तान होना यह प्रमाणित करता है कि आॅपरेषन असफल रहा और आॅपरेषन की असफलता का कारण आॅपरेषन कर्ता चिकित्सक विपक्षी-3 की लापरवाही व गैर जिम्मेदाराना कृत्य रहा, इसमें किसी भी विषेशज्ञ की रिपोर्ट की आवष्यकता नहीं है और किसी भी लापरवाही को साबित करने की आवष्यकता नहीं है। परिवादिनी का नसबन्दी आॅपरेषन फेल होना नसबन्दी के बाद संतान को जन्म देना, यह तथ्य ैनव उवजव विपक्षी-3 की लापरवाही 
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और सेवामें दोश प्रमाणित करता है। चूंकि विपक्षी-3 विपक्षी-2 के अधीनस्थ है और विपक्षी-2 विपक्षी-1 के अधीनस्थ है इसलिए इस लापरवाही और सेवादोश के लिए तीनों ही विपक्षीगण जिम्मेदार हैं। इस बिन्दु पर परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृश्टान्त ब्च्श्र 2000 .च्ंहम. 53 ;ैब्द्ध एस. सगीर अहमद बनाम श्रीमति सन्त्रा से प्रकाष प्राप्त होता है। 
3    अनुतोश ?

    परिवादिनी श्रीमति रोबीना का परिवाद खिलाफ विपक्षीगण संयुक्तः व पृथकतः आंषिक रूप से स्वीकार योग्य पाया जाता है।
                           आदेष      
1    विपक्षीगण संयुक्तः व पृथकतः परिवादिनी को 2,00,000/-रूपये (अक्षरे दो लाख रूपये) बतौर षरीरिक,मानसिक व आर्थिक क्षति के अदा करेंगे।

2    विपक्षीगण संयुक्तः व पृथकतः परिवादिनी कोे 5,000/-रूपये (अक्षरे पाँच हजार रूपये) परिवाद व्यय के भी अदा करेंगे। 


3    विपक्षीगण संयुक्तः व पृथकतः आदेष पारित किये जाने की तारीख से दो माह के अन्दर आदेष की पालना सुनिष्चित करें अन्यथा ताअदाएगी संपूर्ण भुगतान 9ः वार्शिक ब्याज दर से ब्याज भी अदा करने के लिए दायित्वाधीन होगें।

4    विपक्षीगण दोशी कर्मचारी/अधिकारी से क्षति की रकम वसूल करने के लिए स्वतंत्र हैं।


           (महावीर तंवर)                                (नन्द लाल षर्मा)
      सदस्य                            अध्यक्ष
   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच                    जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच
      झालावाड केम्प,कोटा (राज0)                           झालावाड केम्प,कोटा (राज0)

 

       निर्णय आज दिनंाक 10.02.2016 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 

           (महावीर तंवर)                                (नन्द लाल षर्मा)
      सदस्य                            अध्यक्ष
   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच                    जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच
      झालावाड केम्प,कोटा (राज0)                           झालावाड केम्प,कोटा (राज0)

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