Uttar Pradesh

Barabanki

CC/11/2020

Hukum Singh - Complainant(s)

Versus

District Co-Operative Bank - Opp.Party(s)

Satyendra Kumar & Chandresh Verma

20 Jun 2023

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।

परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि       15.01.2020

अंतिम सुनवाई की तिथि            29.05.2023

निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि  19.06.2023

परिवाद संख्याः 11/2020

हुकुम सिंह उम्र करीब 60 वर्ष पुत्र रघुनन्दन सिंह निवासी ग्राम मोहद्दीनपुर पोस्ट-दयालपुर जिला-बाराबंकी।

द्वारा- श्री सत्येन्द्र कुमार, अधिवक्ता

श्री चन्द्रेश वर्मा, अधिवक्ता

श्री विजय कुमार सिंह, अधिवक्ता

बनाम

जिला सहकारी बैंक शाखा हैदरगढ़ जनपद-बाराबंकी द्वारा शाखा प्रबंधक।

 

समक्षः-

माननीय श्री संजय खरे, अध्यक्ष

माननीय श्रीमती मीना सिंह, सदस्य

माननीय डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य

उपस्थितः परिवादी की ओर से -कोई नहीं

              विपक्षी की ओर से-कोई नहीं

द्वारा-मीना सिंह, सदस्य

निर्णय

            परिवादी ने विपक्षी के विरूद्व धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 के तहत परिवादी को सी डी एल खाता सं0-1230/21 नई खाता सं0-000912300000021 से सम्बन्धित नो ड्यूज प्रमाण पत्र दिलाया जाय तथा मानसिक, शारीरिक, आर्थिक क्षतिपूर्ति मु0 50,000/-एवं परिवाद व्यय व अधिवक्ता फीस रू0 25,000/- के अनुतोष की माॅग किया है।

            संक्षेप में परिवाद कथानक इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी की बैंक शाखा से वर्ष 2002 में ऋण खाता सी डी एल खाता सं0-1230/21 नई खाता सं0-000912300000021 मु0 50,000/-का ऋण लिया था। परिवादी ने भिन्न-भिन्न तिथियों में ऋण धनराशि जमा किया। विपक्षी द्वारा शेष बची ऋण धनराशि की परिवादी से वसूली हेतु रिकवरी प्रमाण पत्र जारी कर तहसील हैदरगढ़ भेज दिया। परिवादी ने जरिये अमीन विभिन्न तिथियों में ऋण अदा करने हेतु मु0 69,616/-बैंक शाखा में जमा किया। परिवादी ने वर्ष 2019 में बकाया धनराशि के सम्बन्ध में पता किया तो तत्काली प्रबंधक महोदय ने रू0 88,000/-बकाया होने की बात कही। परिवादी ने दिनांक 04.06.2019 को मु0 88,000/-जमा किया। विपक्षी से ली गई ऋण रू0 50,000/-के एवज में परिवादी ने अब तक रू0 1,57,616/-जमा कर चुका है परन्तु विपक्षी नो डयूज नहीं दे रहे है। परिवादी ने दिनांक 30.09.2019 को विपक्षी को व्यक्तिगत नोटिस प्रेषित किया परन्तु उसका भी कोई उत्तर नहीं दिया गया। विपक्षी के उक्त कृत्य से परिवादी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अतः परिवादी ने उपरोक्त अनुतोष हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया है। परिवादी ने परिवाद के कथन के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया है। 

                  परिवादी ने सूची से आधार कार्ड, ऋण पासबुक तथा विपक्षी को प्रेषित विधिक नोटिस दिनांक 30.09.2019 की छायाप्रति दाखिल किया है। 

            विपक्षी को पर्याप्त समय दिये जाने के बावजूद जवाबदावा दाखिल नहीं किया गया। दिनांक 05.12.2022 को विपक्षी के विरूद्व परिवाद एकपक्षीय रूप से अग्रसारित हुआ।

                  सुनवाई के लिये नियत तिथि पर पक्षकारों की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया गया।

                 प्रस्तुत परिवाद में परिवादी ने वर्ष 2002 में विपक्षी बैंक के सी डी एल ऋण खाता संख्या-1230/21 नया खाता संख्या-000912300000021 द्वारा रू0 50,000/-का ऋण लिया था जिसके विरूद्व परिवादी के कथनानुसार वह रू0 1,57,616/-अदा कर चुका है परन्तु विपक्षी बैंक द्वारा उक्त ऋण का नो ड्यूज प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। परिवादी का कथन है कि बैंक शाखा के तत्कालीन प्रबंधक द्वारा कहा गया था कि आपकी ऋण धनराशि रू0 88,000/-शेष है। परिवादी ने दिनांक 04.06.2019 को रू0 88,000/-विपक्षी बैंक की शाखा में जमा कर दिया था किन्तु नो ड्यूज माॅगने पर नहीं दिया गया। इस सम्बन्ध में परिवादी एवं विपक्षी बैंक के मध्य हुई वार्ता का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।

              परिवादी द्वारा साक्ष्य के रूप में ऋण खाता पासबुक की प्रविष्टियों (दिनांक 12.11.2011 से 04.06.2019 तक) की छायाप्रति प्रस्तुत की है जिसके अवलोकन से ज्ञात होता है कि दिनांक 12.11.2011 को लिये गये ऋण की देयता रू0 1,07,000/- थी जो दिनांक 11.05.2018 को बढ़कर ब्याज सहित रू0 1,23,595/-हो गई थी जिसके विरूद्व परिवादी द्वारा विभिन्न तिथियों में दिनांक 11.05.2018 से 04.06.2019 के मध्य कुल रू0 1,23,000/-जमा किया गया है। विवरण खाता पासबुक के अनुसार अंतिम प्रविष्ट दिनांक 04.06.2019 का ऋण खातें में रू0 595/-देयता अवशेष थी।

             उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा ऋण खातें में दिनांक 04.06.2019 को अंतिम भुगतान रू0 88,000/-करने के उपरान्त रू0 595/-अवशेष था जिसका भुगतान नियमानुसार परिवादी द्वारा किया जाना है। तदुपरान्त विपक्षी बैंक द्वारा अदेयता प्रमाण पत्र जारी किया जाना न्यायोचित होगा।

परिवाद अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है।

आदेश

            परिवाद संख्या-11/2020 अंशतः स्वीकार किया जाता है। परिवादी ऋण खाता सं0-000912300000021 की अवशेष राशि रू0 595/-व उस पर देय ब्याज विपक्षी बैंक में 30 दिन में जमा करें। धनराशि जमा किये जाने के उपरान्त विपक्षी बैंक परिवादी के ऋण खातें के विरूद्व अदेयता प्रमाण पत्र तीस दिन के अंदर जारी करें।

(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी)              (मीना सिंह)          (संजय खरे)

        सदस्य                              सदस्य                  अध्यक्ष

यह निर्णय आज दिनांक को  आयोग  के  अध्यक्ष  एंव  सदस्य द्वारा  खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।

(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी)              (मीना सिंह)          (संजय खरे)

        सदस्य                              सदस्य                  अध्यक्ष

दिनांक 19.06.2023

 

 

 

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