Final Order / Judgement | दायरे का दिनांक: 25.02.2011 दर्ज किये जाने का दिनांक: 15.07.2011 निर्णय का दिनांक: 26.04.2017 न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-।।, मुरादाबाद। उपस्थित:- - श्री पवन कुमार जैन .............. अध्यक्ष।
- श्रीमती मंजू श्रीवास्तव ...... सामान्य सदस्य।
परिवाद संख्या- 103/ 2011 - प्रभारानी कौशिक पत्नी स्व0 वेद प्रकाश कौशिक आयु लगभग 40 वर्ष नि0 2/368 आवास विकास कालोनी बुद्धि विहार मझोली थाना मझोला तहसील व जिला मुरादाबाद।
- प्रेममणि भार}kt आयु लगभग 16 वर्ष 6 माह पुत्र स्व0 श्री वेद प्रकाश कौशिक (अव्यस्क) द्वारा श्रीमती प्रभारानी कौशिक माता सगी एवं संरक्षिका प्राकृतिक नि0 2/368 आवास विकास कालोनी बुद्धि विहार मझोली थाना मझोला तहसील व जिला मुरादाबाद।.......परिवादीगण।
बनाम - सर्वश्री प्रदीप कुमार प्रबन्धक, चिरंजी लाल चम्पा देवी सरस्वती वि|k मन्दिर दिल्ली रोड मझोली मुरादाबाद (वास्ते स्कूल उपरोक्त) आयु लगभग 56 वर्ष)
- कुलदीप कुमार अध्यक्ष आयु लगभग 60 वर्ष वास्ते स्कूल उपरोक्त नि0 उपरोक्त परिसर चिरंजी लाल चम्पा देवी सरस्वती वि|k मन्दिर दिल्ली रोड, मझोली, मुरादाबाद।
- राजेन्द्र सिंह राठौर आयु लगभग 59 वर्ष तत्कालीन प्रधानाचार्य मार्फत चिरंजीलाल चम्पादेवी सरस्वती वि|k मन्दिर दिल्ली रोड, मुरादाबाद।
- हरिओम शर्मा आयु लगभग 53 वर्ष (अध्यक्ष एवं प्रबन्धक) तारादेवी दौतल राम कन्या इन्टर कालेज, लाइनपार मुरादाबाद।
- श्रीमती सीतादेवी आयु लगभग 52 वर्ष प्रबन्धक त्रिवेणी इण्टर कालेज, ग्राम व पोस्ट मछरिया तहसील व जिला मुरादाबाद।
- अध्यक्ष, त्रिवेणी इण्टर कालेज ग्राम व पोस्ट मछरिया तहसील व जिला मुरादाबाद।
- श्री एस0पी0सिंह आयु लगभग 50 वर्ष प्रधानाचार्य त्रिवेणी इण्टर कालेज ग्राम व पोस्ट मछरिया तहसील व जिला मुरादाबाद ।
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुरादाबाद।
- जिला वि|kलय निरीक्षक, मुरादाबाद।
- प्रधानाचार्य तारादेवी दौतल राम कन्या इण्टर कालेज लाइनपार, मुरादाबाद।
- चिरंजी लाल चम्पा देवी सरस्वती वि|k मन्दिर स्कूल द्वारा प्रबन्धक प्रदीप कुमार दिल्ली रोड, मझोली मुरादाबाद।औप0प्रति।
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा डी0जी0सी0 (सिविल) मुरादाबाद। औप0 प्रति0। .......विपक्षीगण।
निर्णय द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादीगण ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उन्हें क्षतिपूर्ति की मद में 4,75,000/- रूपया, जिसका विवरण परिवाद के पैरा सं0-26 में दिया हुआ है, दिलाऐ जाऐं। बिना मान्यता लिऐ संचालित किऐ जा रहे विपक्षी सं0-11 को बन्द कराने तथा परिवाद में उल्लिखित स्कूल द्वारा अनुचित व्यापार प्रथा अपनाये जाने के कारण उन्हें अर्थदण्ड से दण्डित किऐ जाने का भी परिवादीगण ने अनुरोध किया है।
- परिवादिनी सं0-1 परिवादी सं0-2 प्रेममणि भारद्वाज की माता एवं संरक्षिका है। परिवादी सं0-2 अव्यस्क है। विपक्षी सं0-1, विपक्षी सं0-2 तथा विपक्षी सं0-3 क्रमश: विपक्षी सं0-11 के प्रबन्धक, अध्यक्ष और प्रधानाचार्य हैं। विपक्षी सं0-4 तारादेवी दौलत राम कन्या इण्टर कालेज के अध्यक्ष एवं प्रबन्धक हैं तथा विपक्षी सं0-10 इस स्कूल के प्रधानाचार्य हैं। विपक्षी सं0-5, 6 एवं विपक्षी सं0-7 त्रिवेणी इण्टर कालेज ग्राम मछरिया जिला मुरादाबाद के क्रमश: प्रबन्धक, अध्यक्ष और प्रधानाचार्य है। परिवादीगण ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला वि|kलय निरीक्षक और उत्तर प्रदेश सरकार को क्रमश: विपक्षी सं0-8, विपक्षी सं0-9 एवं विपक्षी सं0-12 बनाया है।
- परिवाद कथनों के अनुसार विपक्षी सं0-11 राजकीय मान्यता प्राप्त वि|kलय नहीं है इसके बावजूद विपक्षी सं0-1 लगायत 3 इस स्कूल को राजकीय मान्यता प्राप्त दर्शाते हुऐ गलत तरीके से संचालित कर रहे हैं। परिवादिनी ने संस्थागत वि|kर्थी के रूप में अपने पुत्र परिवादी सं0-2 का दाखिला विपक्षी सं0-11 के स्कूल में कक्षा-9 और फिर कक्षा-10 में यह समझते हुऐ कराया था कि यह स्कूल सरकारी मान्यता प्राप्त है क्योंकि विपक्षी सं0-11 ने अपने लेटर हैण्डस और आफिस के कागजों पर अपने आपको राजकीय मान्यता प्राप्त होना लिखवा रखा था। परिवादिनी सं0-1 के अनुसार विपक्षी सं0-1 लगायत 3 अन्य विपक्षीगण से सांठगांठ करके और कूटरचित प्रपत्र बनाकर वि|kर्थियों से रूपया ऐंठ रहे हैं और इस प्रकार अनुचित व्यापार प्रथा अपनाते रहे हैं। विपक्षीगण सं0-1 लगायत 3 स्कूल के छात्र-छात्राओं के हाईस्कूल परीक्षा के फार्म विपक्षी सं0-4, 5, 6, 7 और विपक्षी सं0-10 के माध्यम से यू0पी0 बोर्ड इलाहाबाद को अग्रसारित करते थे और वहीं से वि|kर्थियों के अंकपत्र जारी कराते थे क्योंकि विपक्षी सं0-11 मान्यता प्राप्त संस्था नहीं थी। इसी क्रम में अन्य छात्र—छात्राओं की तरह परिवादी सं0-2 का वर्ष 2008-09 का हाईस्कूल का संस्थागत वि|kर्थी के रूप में फार्म विपक्षी सं0-1 लगायत 3 ने भरवाया किन्तु उसका फार्म जानबूझकर अग्रसारित नहीं किया गया क्योंकि विपक्षी सं0-3 चाहते थे कि परिवादी सं0-2 उनसे लगातार टयूशन पढ़े। परिवादी सं0-2 का फार्म यू0पी0 बोर्ड इलाहाबाद अग्रसारित न होने की वजह से वह हाईस्कूल की परीक्षा में नहीं बैठ सका और उसका एक साल बर्बाद हो गया। जब परिवादिनी सं0-1 ने इस बात की शिकायत की कि उसके पुत्र का परीक्षा फार्म अग्रसारित नहीं हुआ है तो गलत ब्यानी करके और धोखा देकर विपक्षी सं0-4 ने उससे 3000/-रूपया यह कहकर प्राप्त कर लिऐ कि परिवादी सं0-2 का परीक्षा फार्म यू0पी0 बोर्ड इलाहाबाद को विशेष वाहक से प्राप्त करा दिया जाऐगा और उसका एक साल बर्बाद नहीं होगा। परिवादिनी सं0-1 के अनुसार उसने विपक्षी सं0-9 व विपक्षी सं0-10 से सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत कुछ जानकारियां मांगी थीं किन्तु उनका अधूरा उत्तर दिया गया। परिवादिनी ने उक्त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवादिनी सं0-1 ने परिवाद के समर्थन में अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/15 दाखिल किया।
- परिवाद के साथ परिवादीगण ने सूची कागज सं0-3/16 के माध्यम से डी0आई0ओ0एस0,मुरादाबाद को भेजे गऐ शिकायती पत्र दिनांकित 2/3/2009, विपक्षी सं0-11 के नोटिस बोर्ड पर चस्पा सूचना दिनांकित 12/2/2009, थाना मझोला में विपक्षी सं0-1 लगायत 3 के विरूद्ध दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांकित 22/4/2009, विपक्षी वि|kलयों के कृत्यों के सन्दर्भ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,मुरादाबाद को सम्बोधित तहरीरी रिपोर्ट, परिवादी सं0-2 की सहपाठी कु0 विधि की कक्षा-9 का रिजल्ट कार्ड, कु0 विधि का फीस कार्ड, एक अन्य छात्र कपिल कुमार के रिजल्ट कार्ड, जिला वि|kलय निरीक्षक मुरादाबाद से सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन मांगी गई सूचनाऐं दिनांकित 16/3/2009, इन सूचनाओं को भेजने की डाकखाने की रसीदें और पोस्टल आर्डर, वरिष्ठ अधीक्षक पोसट आफिस की रिपोर्ट, डी0आई0ओ0एस0, मुरादाबाद को सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन भेजे गऐ पत्र, इसे भेजने की डाकखाने की रसीदें, एक्नालिजमेंट और पोस्टल आर्डर, डी0आई0ओ0एस0 मुरादाबाद से प्राप्त उत्तर, परिवादी सं0-2 की कक्षा-10 की कापी, विपक्षीगण को भिजवाऐ गऐ कानूनी नोटिस, नोटिस भेजने की डाकखाने की रसीदें, एक्नालिमेंट, विपक्षी सं0-11 के वि|kर्थी त्रिलोक सैनी, विनीत दिवाकर तथा प्रिया दिवाकर की टी0सी0, एम0डी0ए0 के जन सूचना अधिकारी से प्राप्त उत्तर, अख़बार की कटिंग्स इत्यादि को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/18 लगायत 3/61 हैं।
- विपक्षी सं0-1 विपक्षी सं0-2 विपक्षी सं0-3 एवं विपक्षी सं0-11 के विरूद्ध फोरम के आदेश दिनांक 13/8/2012 के अनुपालन में परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय की गई।
- विपक्षी सं0-4 और विपक्षी सं0-10 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-24/1 लगायत 24/6 दाखिल हुआ। विपक्षी सं0-4 एवं विपक्षी सं0-10 तारादेवी दौलत राम कन्या इण्टर कालेज, मुरादाबाद के क्रमश: प्रबन्धक और प्रधानाचार्य हैं। इन विपक्षीगण ने परिवाद कथनों से इन्कार किया और विशेष कथनों में कहा कि उत्तरदाता का वि|kलय बालिकाओं को शिक्षा प्रदान करता है। परिवाद में उल्लिखित छात्रा कु0 विधि, कु0 चित्रा, कु0 चन्द्र प्रभा, कु0 निधि उत्तरदाता स्कूल में वर्ष 2007-08 में संस्थागत छात्रा थीं उन्होंने इसी वि|kलय से कक्षा-9 की परीक्षा उत्तीर्ण की। परिवादीगण को उत्तरदाता नहीं जानते और न ही उनसे कभी छात्र-छात्राओं के परीक्षा फार्म के सम्बन्ध में उनकी कोई बात हुई। परिवादीगण ने प्रवेश पत्र बनवाने हेतु 3000/-रूपया लेने का जो आरोप लगाया है वह मिथ्या है। उत्तरदातागण के विरूद्ध झूठे और आधारहीन अभिकथन किऐ गऐ हैं,उन्होंन परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षीगण सं0-5, 6 और 7 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-23/1 लगायत 23/6 दाखिल किया गया। यह विपक्षीगण त्रिवेणी इण्टर कालेज मछरिया के क्रमश: प्रबन्धक, अध्यक्ष और प्रधानाचार्य हैं उन्होंने परिवाद कथनों से इन्कार करते हुऐ विशेष कथनों में कहा कि परिवादीगण ने नफा नाजायज प्राप्त करने के उद्देश्य से परिवाद में उत्तरदातागण के विरूद्ध झूठे व मनगढ़न्त कथन किऐ हैं, उन्हें परिवाद योजित करने का कोई वाद हेतुक उत्पन्न नहीं हुआ। सही बात यह है कि परिवादी सं0-2 ने शिक्षा सत्र 2007-08 में कक्षा-9 हेतु उत्तरदातागण के वि|kलय में प्रवेश लिया था जिसमें वह पास हो गया था। शिक्षा सत्र 2008-09 में परिवादी सं0-2 कक्षा से लगातार अनुपस्थित रहा उसने उत्तरदाता के वि|kलय में बोर्ड परीक्षा हेतु कोई आवेदन शुल्क जमा नहीं किया जिस कारण उसका परीक्षा फार्म बोर्ड को नहीं भेजा जा सका था। परिवादी सं0-2 प्रेममणि भार}kt की स्वयं की लापरवाही की वजह से वह शिक्षा सत्र 2009-10 में हाईस्कूल परीक्षा में फेल हुआ। फर्जी दस्तावेज बनाकर उत्तरदातागण के विरूद्ध यह परिवाद योजित किया गया है। विपक्षी सं0-11 तथा परिवादीगण आपस में हमसाज हैं। उत्तरदातागण विपक्षी सं0-11 तथा उनके प्रधानाचार्य, प्रबन्धक आदि को जानते तक नहीं। उक्त के अतिरक्त यह कहते हुऐ कि परिवादीगण ने नाजायज फायदा उठाने के उद्देश्य से यह परिवाद योजित किया है, परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-8, 9 एवं विपक्षी सं0-12 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-22/1 लगायत 22/2 दाखिल हुआ जिसमें यह स्वीकार किया गया कि उत्तरदातागण के रिकार्ड के अनुसार विपक्षी सं0-11 मान्यता प्राप्त नहीं है यदि विपक्षी सं0-11 अनाधिकृत रूप से कक्षा संचालित कर रहा है तो इसका उत्तरदातागण से कोई सम्बन्ध नहीं है। अग्रेत्तर कथन किया गया कि विपक्षी सं0-9 का कोई सीधा सम्बन्ध उक्त संस्था के प्रशासन से नहीं है। परिवाद में उल्लिखित वि|kलयों के विरूद्ध फर्जी दाखिला लेने एवं अन्य स्कूलों से अटैच करने के सम्बन्ध में लगाऐ गऐ आरोपों के विषय में विपक्षी सं0-9 द्वारा विपक्षी सं0-8 को जांच के आदेश दिऐ गऐ हैं। वि|kलय से भी स्पष्टीकरण मांगे गये हैं जिनके प्राप्त होने पर वि|kलयों के प्रबन्धक /प्रधानाचार्यो के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जाऐगी। उक्त के अतिरिक्त यह कहते हुऐ कि परिवाद में उत्तरदातागण के विरूद्ध जो आरोप लगाऐ गऐ हैं वे आधारहीन एवं मिथ्या है, परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई है।
- परिवादीगण ने पूर्व में दाखिल प्रपत्रों के अतिरिक्त सूची कागज सं0-30/2 के माध्यम से सहायक निदेशक द्वारा बी0एस0ए0 मुरादाबाद को भेजे गऐ पत्र दिनांक 26/5/2011, बी0एस0ए0 मुरादाबाद द्वारा श्री ओमप्रकाश शर्मा एडवोकेट को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 11/12/2012, विपक्षी सं0-11 की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुरादाबाद को भेजे गऐ पत्र दिनांक 25/5/2012, एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुरादाबाद द्वारा श्री ओम प्रकाश शर्मा एडवोकेट को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 25/6/2012, विपक्षी सं0-11 के प्रधानाचार्य द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुरादाबाद को भेजे गऐ पत्र दिनांक 20/6/2012, राज्य सूचना आयोग के समक्ष श्री ओम प्रकाश शर्मा एडवोकेट द्वारा योजित अपील की मीमो, परिवादी सं0-2 की हाईस्कूल परीक्षा वर्ष 2011 तथा इण्टरमीडिऐट वर्ष 2013 की मार्कशीट, अपर जिलाधिकारी, प्रशासन द्वारा सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा को प्रेषित पत्र दिनांकित 27/4/2011 की नकल दाखिल की गई है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-30/3 लगायत 30/13 हैं।
- परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी सं0-1 ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-31/2 लगायत 31/4 दाखिल किया। परिवादीगण के समर्थन में विपक्षी सं0-11 के पूर्व प्रधानाचार्य श्री शिवेन्द्र कुमार पाठक का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-31/15 लगायत 31/15, कपिल कुमार और अक्षय दीप के साक्ष्य शपथ पत्र क्रमश: कागज सं0-31/17 लगायत 31/18 दाखिल हुऐ। परिवादी सं0-2 प्रेममणि भारद्वाज ने भी अपना शपथ पत्र कागज सं0-31/19 दाखिल किया।
- विपक्षी सं0-4 श्री हरिओम शर्मा ने अपनी एवं विपक्षी सं0-10 की ओर से साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-34/1 लगायत 34/3 दाखिल किया। विपक्षी सं0-7 श्री सत्यपाल सिंह चौहान ने अपनी और विपक्षी सं0-5 एवं विपक्षी सं0-6 की ओर से अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-35/1 लगायत 35/3 प्रस्तुत किया। शेष विपक्षीगण की ओर से साक्ष्य शपथ पत्र दाखिल नहीं हुआ।
- परिवादीगण की ओर से लिखित बहस कागज सं0-42/1 लगायत 42/21 दाखिल हुई। विपक्षीगण की ओर से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
- हमने परिवादीगण तथा विपक्षी सं0-4, 5, 6, 7 एवं विपक्षी सं0-10 के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। शेष विपक्षीगण की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
- परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विपक्षी सं0-11 यधपि सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूल नहीं है इसके बावजूद विपक्षी सं0-1, 2 व 3 इसे सरकारी मान्यता प्राप्त दर्शाते हुऐ इसे संचालित कर रहे हैं और इन कृत्यों में उनकी विपक्षीगण सं0-5, 6, 7 एवं विपक्षी सं0-10 से सांठगांठ है। उनका यह भी तर्क है कि परिवादिनी सं0-1 ने अपने पुत्र परिवादी सं0-2 का वर्ष 2008-09 में विपक्षी सं0-11 के स्कूल में कक्षा-10 में दाखिला कराया था उसने पूरे साल स्कूल में पढ़ाई की, स्कूल की और यू0पी0 बोर्ड की फीस भी जमा की, किन्तु दुर्भावनावश विपक्षी सं0-1, 2 एवं विपक्षी सं0-3 ने उसका यू0पी0 बोर्ड का फार्म बोर्ड को अग्रसारित नहीं किया जिससे परिवादी सं0-2 हाईस्कूल बोर्ड की परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाया और उसका एक साल बर्बाद हो गया। उन्होंने अग्रेत्तर कथन किया कि विपक्षी सं0-1, 2, एवं विपक्षी सं0-3 हाईस्कूल में वि|kर्थियों का एडमिशन अपने स्कूल में विपक्षी सं0-11 में यह दर्शाते हुऐ लेते थे कि विपक्षी सं0-11 मान्यता प्राप्त है, किन्तु लड़कियों के फार्म विपक्षी सं0-4 एवं विपक्षी सं0-10 के माध्यम से तथा लड़कों के फार्म विपक्षी सं0-5, 6 एवं विपक्षी सं0-7 के माध्यम से यू0पी0 बोर्ड अग्रसारित कराते थे क्योंकि यह स्कूल मान्यता प्राप्त थे और विपक्षी सं0-11 मान्यता प्राप्त नहीं था। परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता का यह भी आरोप है कि प्रतिपक्षी तीनों स्कूल अर्थात् चम्पादेवी सरस्वती वि|k मन्दिर स्कूल, तारादेवी दौलतराम कन्या इन्टर कालेज और त्रिवेणी इन्टर कालेज मछरिया विपक्षी सं0-8 एवं विपक्षी सं0-9 की सांठगांठ से संचालित हो रहे थे। परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य सामग्री को इंगित करते हुऐ परिवादीगण से परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने का अनुरोध किया।
- प्रत्युत्तर में कन्टेस्टिंग विपक्षीगण सं0-4, 5, 6, 7 एवं विपक्षी सं0-10 के विद्वान अधिवक्ता ने परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत तर्कों और उनके द्वारा लगाऐ गऐ आरोपों का प्रतिवाद किया और समस्त आरोपों से इन्कार करते हुऐ तर्क दिया कि परिवादी सं0-2 ने त्रिवेणी इन्टर कालेज, मछरिया में कक्षा-9 में दाखिला लिया था किन्तु वह पढ़ाई में कमजोर था अत: स्कूल बीच में ही छोड़ गया उन्होने यह भी तर्क दिया कि परिवादी सं0-2 ने त्रिवेणी इन्टर कालेज, मछरिया में कक्षा-10 में दाखिला ही नहीं लिया था ऐसी दशा में इस स्कूल के मैनेजमेंट, प्रधानाचार्य इत्यादि के विरूद्ध परिवाद में लगाऐ गऐ आरोप नितान्त मिथ्या एवं आधारहीन हैं। इन कन्टेस्टिंग विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि तारादेवी दौलतराम कन्या इन्टर कालेज के विरूद्ध परिवादीगण द्वारा जो आरोप लगाऐ गऐ हैं वे सारहीन, आधारहीन एवं मिथ्या हैं उन्होंने परिवाद को विशेष व्यय सहित खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- हमने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य सामग्री का पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत तर्कों के प्रकाश में अवलोकन एवं विषलेषण किया।
- पत्रावली में अवस्थित प्रपत्र कागज सं0-3/49, 3/50, 3/51 तथा 30/5 के अवलोकन से प्रकट है कि इन प्रपत्रों में विपक्षी सं0-11 को ‘’ राजकीय स्थाई मान्यता प्राप्त ’’ दर्शाया गया है जबकि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिला वि|kलय निरीक्षक, मुरादाबाद की ओर से दाखिल प्रतिवाद पत्र कागज सं0-22/1 लगायत 22/2 के पैरा सं0-4 में यह कथन किया गया है कि विपक्षी सं0-11 उनके अभिलेखों में मान्यता प्राप्त स्कूल होना दर्ज नहीं है। कन्टेस्टिंग विपक्षीगण की ओर से ऐसा कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है जिससे यह प्रमाणित हो कि स्कूल विपक्षी सं0-11 राजकीय मान्यता प्राप्त था। यहां हम इस बात का भी उल्लेख करना आवश्यक समझते हैं कि विपक्षी सं0-11 तथा स्कूल के प्रबन्धक, अध्यक्ष तथा तत्कालीन प्रधानाचार्य तामील के बावजूद फोरम के समक्ष उपस्थित होकर परिवादी पक्ष के आरोपों का प्रतिवाद अथवा खण्डन करने का साहस नहीं कर पाऐ हैं।
- पत्रावली में अवस्थित प्रपत्र कागज सं0-3/28, 3/29, 3/20 एवं प्रपत्र कागज सं0-3/30 के अवलोकन से प्रकट है कि छात्रा कु0 विधि और छात्र कपिल कुमार ने वर्ष 2007-08 में दाखिला तो चिंरजी लाल चम्पादेवी सरस्वती वि|k मन्दिर स्कूल में लिया था और प्रति माह फीस भी उन्होंने इसी स्कूल में जमा की थी, किन्तु उनके रिजल्ट त्रिवेणी इन्टर कालेज एवं तारादेवी दौलतराम कन्या इन्टर कालेज से दिलाऐ गऐ। यह प्रपत्र परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता के इन कथनों को प्रमाणित करते हैं कि विपक्षी सं0-11 चूँकि राजकीय मान्यता प्राप्त स्कूल नहीं था अत: गलत तरीके से सरकारी मान्यता प्राप्त होना दर्शाते हुऐ विपक्षी सं0-1 लगायत 3 वि|kर्थियों का अपने स्कूल विपक्षी सं0-11 में दाखिला तो लेते थे, किन्तु छात्राओं को तारादेवी दौलतराम कन्या इन्टर कालेज की संस्थागत छात्रा और छात्रों को त्रिवेणी इन्टर कालेज मछरिया के संस्थागत छात्र दर्शाते हुऐ इन स्कूलों से उनके रिजल्ट निकलवाते थे।
- पत्रावली में अवस्थित प्रपत्र कागज सं0-3/20 महत्वपूर्ण है। यह प्रपत्र ‘’ आवश्यक सूचना ’’ के रूप में चिरंजी लाल चम्पा देवी सरस्वती वि|k मन्दिर अर्थात् विपक्षी सं0-11 के प्रबन्धक की ओर से स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लगवाया गया था ऐसा परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है। हमने इस प्रपत्र का अवलोकन किया। इसके अवलोकन से प्रकट है कि शिक्षा सत्र 2008-09 में परिवादी सं0-2 प्रेममणि भारद्वाज विपक्षी सं0-11 में कक्षा-10 का वि|kर्थी था उसने विपक्षी सं0-11 में मासिक अध्ययन फीस,परीक्षा शुल्क एवं प्रयोगात्मक परीक्षा शुल्क जमा किया था उसने हाईस्कूल का अपना परीक्षा फार्म भरा था जिसे विपक्षी सं0-11 द्वारा तारादेवी दौलतराम कन्या इन्टर कालेज अन्य फार्मों के साथ भेज दिया गया। जहां से परिवादी सं0-2 तथा अन्य छात्रों के फार्म त्रिवेणी इन्टर कालेज भेज दिऐ गऐ और छात्राओं के फार्म तारादेवी दौलतराम कन्या इन्टर कालेज में डील हुऐ। इस प्रपत्र कागज सं0-3/20 में उल्लिखित तथ्यों से प्रकट है कि परिवादी सं0-2 शिक्षा सत्र 2008-09 में विपक्षी सं0-11 का कक्षा-10 का वि|kर्थी था उसने वहीं रेगूलर पढ़ाई की, पढ़ाई की नियमित रूप से फीस जमा की, हाईस्कूल परीक्षा का फार्म भरा किन्तु उसका फार्म त्रिवेणी इन्टर कालेज पहुँचा दिया गया। स्वीकृत रूप से परिवादी सं0-2 का हाईस्कूल का फार्म यू0पी0 बोर्ड इलाहाबाद नहीं पहुँचा। इस तथ्य को विपक्षी सं0-5 लगायत 7 ने अपने प्रतिवाद पत्र में स्वीकार भी किया है। जब परिवादी सं0-2 ने संस्थागत परिक्षार्थी के रूप विपक्षी सं0-11 में हाईस्कूल परीक्षा का फार्म भर दिया था तो उसका फार्म यू0पी0 बोर्ड न पहुँचने में किसका दोष है यह विपक्षीगण के रूप में पक्षकार बनाऐ गऐ तीनों स्कूलों का आपसी आन्तरिक विवाद हो सकता है, किन्तु वास्तविकता यह है कि परिवादी सं0-2 का फार्म चॅूंकि यू0पी0 बोर्ड इलाहाबाद नहीं पहुँचा अत: वह शिक्षा सत्र 2008-09 हेतु आयोजित यू0पी0 बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सका और उसका एक साल बर्बाद हो गया।
- II (2001) सी0पी0जे0 पृष्ठ-74, भूपेश खुराना आदि बनाम विश्व बुद्ध परिषद आदि की निर्णयज विधि में मा0 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्ली द्वारा यह व्यवस्था दी गई है कि स्कूल द्वारा मान्यता प्राप्त न होने के बावजूद यह दर्शाते हुऐ कि वह मान्यता प्राप्त है, वि|kर्थियों का दाखिला लेना ‘’ सेवा में कमी ‘’ के अधीन आता है। I(2003) सी0पी0जे0 पृष्ठ-273, कन्ट्रोलर आफ एग्जाम हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी बनाम संजय कुमार के मामले में मा0 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्ली द्वारा यह अवधारित किया गया है कि छात्र को समय से रोल नम्बर उपलब्ध न कराना जिसके परिणामस्वरूप वह परीक्षा में नहीं बैठ पाया हो ऐसा मामला ‘’ सेवा में कमी ‘’ की श्रेणी में आता है।
- उक्त कृत्यों में विपक्षी सं0-8, 9 अथवा विपक्षी सं0-12 की कोई साठगंठ शेष विपक्षीगण से थी ऐसा प्रमाणित नहीं हुआ है।
- उपरोक्त निर्णयज विधियों के दृष्टिगत परिवादी सं0-2 का हाईस्कूल यू0पी0बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित न हो पाना सेवा में कमी तथा अनुचित व्यापार प्रथा के अन्तर्गत आता है और इसके लिए विपक्षी सं0-1 लगायत 3, विपक्षी सं0-5 लगायत 7 तथा विपक्षी सं0-11 उत्तरदाई हैं। इन विपक्षीगण के कृत्यों की वजह से परिवादी सं0-2 का एक वर्ष बर्बाद हुआ है। इस नुकसान की भरपाई का आंकलन यधपि रूपयों में किया जाना सम्भव नहीं है तथापि हमारे मत में विपक्षी सं0-1 लगायत 3, विपक्षी सं0-5 लगायत 7 एवं विपक्षी सं0-11 से परिवादीगण को 1,00,000/- (एक लाख रूपया) बतौर क्षतिपूर्ति दिलाया जाना पर्याप्त एवं न्यायोचित दिखाई देता है। इसके अतिरिक्त परिवादीगण को परिवाद व्यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) इन विपक्षीगण से अतिरिक्त दिलाया जाना भी उचित दिखाई देता है। परिवाद तदानुसार स्वीकार किऐ जाने योग्य है।
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परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 1,00,000/- (एक लाख रूपया) क्षतिपूर्ति की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादीगण के पक्ष में विपक्षीगण सं0-1, 2, 3, 5, 6, 7 एवं विपक्षी सं0-11 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। इस धनराशि में से आनुपातिक ब्याज सहित 75,000/- (पिच्हत्तर हजार रूपया) की धनराशि विपक्षी सं0-1 लगायत 3 एवं विपक्षी सं0-11 द्वारा तथा आनुपातिक ब्याज सहित शेष 25,000/- (पच्चीस हजार रूपया) की धनराशि विपक्षी सं0-5 लगायत 7 द्वारा संयुक्तत: और पृथक-पृथक देय होगी। विपक्षीगण सं0-1 लगायत 3, विपक्षी सं0-5 लगायत 7 एवं विपक्षी सं0-11 से परिवादीगण परिवाद व्यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्त पाने के भी अधिकारी होगें। इस आदेशानुसार समस्त धनराशि की अदायगी दो माह के भीतर की जाय। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव ) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
26.04.2017 26.04.2017 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 26.04.2017 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
26.04.2017 26.04.2017 न्यायालय जिला उपभोक्ता फोरम-।।, मुरादाबाद। श्रीमती प्रभारानी कौशिक बनाम चिंरजीलाल चम्पा देवी सरस्वती वि|k मन्दिर आदि परिवाद संख्या- 103/ 2011 - निर्णय घोषित किया गया। आदेश हुआ कि ‘’ परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 1,00,000/- (एक लाख रूपया) क्षतिपूर्ति की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादीगण के पक्ष में विपक्षीगण सं0-1, 2, 3, 5, 6, 7 एवं विपक्षी सं0-11 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। इस धनराशि में से आनुपातिक ब्याज सहित 75,000/- (पिच्हत्तर हजार रूपया) की धनराशि विपक्षी सं0-1 लगायत 3 एवं विपक्षी सं0-11 द्वारा तथा आनुपातिक ब्याज सहित शेष 25,000/- (पच्चीस हजार रूपया) की धनराशि विपक्षी सं0-5 लगायत 7 द्वारा संयुक्तत: और पृथक-पृथक देय होगी। विपक्षीगण सं0-1 लगायत 3, विपक्षी सं0-5 लगायत 7 एवं विपक्षी सं0-11 से परिवादीगण परिवाद व्यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्त पाने के भी अधिकारी होगें। इस आदेशानुसार समस्त धनराशि की अदायगी दो माह के भीतर की जाय।
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव ) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
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