जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह.............................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-508/2014
जितेन्द्र कुमार षुक्ल पुत्र श्री षिवनारायण षुक्ला निवासी 9ए दामोदर नगर, कानपुर।
................परिवादी
बनाम
1. प्रबन्ध निदेषक, कार्बन मोबाइल्स, कार्पोरेट आॅफिस डी-170, ओखला इण्डस्ट्रीज एरिया, फेस-1, नई दिल्ली-110020
2. प्रबन्धक, डी0के0जी0 साफ्टवेयर एण्ड सर्विस सल्यूषस, एफ.एफ.डी.-6 तृतीय तल, सोमदत्त प्लाजा, कानपुर-01
3. प्रोपराइटर, सिंहवानी टेलीकाम्स, षाप नं0-एफ0एफ0-23, सोमदत्त प्लाजा, कानपुर-01
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 11.11.2014
निर्णय की तिथिः 23.09.2015
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से हैण्डसेट मूल्य रू0 5700.00, मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए रू0 10000.00, आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए रू0 50,000.00 तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवादी के परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का संक्षेप में यह कथन है कि परिवादी ने दिनांक 29.07.13 को विपक्षी सं0-3 से एक कार्बन कंपनी का मोबाइल हैण्डसेट कार्बन स्मार्ट ए-10 रू0 5700.00 में क्रय किया था। प्रारम्भ से ही उक्त मोबाइल सेट का टच स्क्रीन सुचारू रूप से कार्य नहीं करता था और हैंग हो जाता था। जिस पर दिसम्बर माह में उक्त हैण्डसेट को विपक्षी सं0-1 के अधिकृत सर्विस सेंटर अर्थात विपक्षी सं0-2 के पास दिखाने पर यह कहा गया कि साफ्टवेयर अपडेट करके दे रहे हैं। इसके बाद विपक्षी सं0-2 ने साफ्टवेयर अपडेट करके इस आष्वासन के साथ कि,अब भविश्य में यह हैण्डसेट सही ढंग से कार्य करेगा
............2
....2....
वापस लौटा दिया। फिर भी उक्त सेट में लगातार टच स्क्रीन की समस्या बनी रही, जिस पर परिवादी ने फिर से दिनांक 23.06.14 को विपक्षी सं0-2 को उक्त सेट दिखाया और टच स्क्रीन का कार्य न करने एवं स्पीकर से फटी-फटी आवाज आने की षिकायत दर्ज करायी, जिस पर उक्त हैण्डसेट को जमाकर परिवादी को एक पावती दिनांक 23.06.14 दी गयी एवं कहा कि हैण्डसेट कंपनी में बनने भेजा जायेगा, इसलिए 10 दिन बाद संपर्क करना। परिवादी द्वारा 10 दिन का समय व्यतीत हो जाने के पष्चात कई बार विपक्षी से संपर्क करने के बाद 18 दिन बाद दिनांक 11.07.14 को उक्त हैण्डसेट वापस किया गया। उक्त हैण्डसेट प्रयोग करने पर पाया गया कि उक्त कमियां हैण्डसेट से अभी भी दूर नहीं हुई है। जिस पर पुनः परिवादी ने दिनांक 12.07.14 को विपक्षी सं0-2 से षिकायत की, जिस पर उनके द्वारा उक्त हैण्डसेट का परीक्षण किया गया और खामियों को सही पाते हुए, हैण्डसेट को जमा करके पुनः पावती दे दी और कहा कि हैण्डसेट को कंपनी से वापस कराकर दूसरा हैण्डसेट मंगवाना पड़ेगा, जिसमें 15 दिन का समय लगेगा। दिनांक 28.07.14 को विपक्षी सं0-2 के द्वारा परिवादी को सूचित किया गया कि आप अपना हैण्डसेट वापस ले जाइये, जिस पर परिवादी, विपक्षी सं0-2 की षाॅप गया, जहां उसे पुराना सेट दे दिया गया। परिवादी के विरोध करने पर विपक्षी द्वारा कहा गया कि यह सेट बन गया है, तो दूसरा देने की क्या आवष्यकता है और उक्त सेट वापस कर दिया गया। जबकि वास्तविकता में सेट को सही भी नहीं किया गया और जिस स्थिति में जमा किया गया था उसी स्थिति में वापस कर दिया गया। जबकि उक्त मोबाइल हैण्डसेट वारंटी अवधि में था। विपक्षीगण के उक्त कृत्य से यह प्रदर्षित होता है कि विपक्षीगण ने मिलकर, निर्माणी त्रुटियुक्त हैण्डसेट परिवादी को जानबूझकर विक्रय कर दिया गया और उसके उपरान्त विपक्षीगण द्वारा लागातार सेवा में कमी की गयी। इसलिए विपक्षीगण द्वारा किये गये कृत्य से परिवादी को अत्यधिक आर्थिक एवं मानसिक क्षति हुई है। जिसके लिए विपक्षीगण जिम्मेदार हैं। अतः प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किया जाये।
............3
....3....
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 18.04.15 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 29.10.14 एवं 18.09.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कैषमेमो की प्रति, जाॅबसीट की प्रतियां व नोटिस की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में दो षपथपत्र तथा अन्य अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कैषमेमो की प्रति, जाॅबसीट की प्रतियां व नोटिस की प्रतियां दाखिल की गयी हैं। विपक्षीगण की ओर से बावजूद तामिला कोई उपस्थित नहीं आया। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त षपथपत्री एवं अभिलेखीय साक्ष्य का खण्डन विपक्षीगण की ओर से नहीं किया गया है। अतः परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। किन्तु परिवाद पत्र के समस्त तथ्यों, परिस्थितियों को गंभीरात से अवलोकित करने से यह स्पश्ट होता है कि उक्त हैण्डसेट में कोई निर्माणी त्रुटि नहीं थी। क्योंकि निर्माणी त्रुटि सिद्ध करने के लिए कोई विषेशज्ञ की राय प्रस्तुत नहीं की गयी है। परिवाद पत्र के समस्त तथ्यों, परिस्थितियों से यह स्पश्ट होता है कि प्रष्नगत हैण्डसेट
.............4
....4....
वारंटी अवधि में खराब हो गया था। परिवादी द्वारा प्रष्नगत हैण्डसेट दिनांक 29.07.13 को क्रय किया जाना बताया गया है तथा दिनांक 23.06.14 को विपक्षी सं0-2/सर्विस सेंटर में अभिकथित त्रुटि ठीक करने के लिए दिया गया है। विपक्षी सं0-2 द्वारा प्रष्नगत हैण्डसेट वारंटी अवधि में होने के बावजूद भी ठीक नहीं किया गया। प्रष्नगत हैण्डसेट क्रय करने के समय मूल्य रू0 5700.00 बताया गया है। परिवादी द्वारा लगभग एक वर्श इस्तेमाल करने के बाद प्रष्नगत हैण्डसेट विपक्षी सं0-2/सर्विस सेंटर में दिया गया है। अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों में परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से प्रष्नगत हैण्डसेट का 25 प्रतिषत डिप्रीसिएषन वैल्यू, परिवादी द्वारा उक्त हैण्डसेट एक वर्श इस्तेमाल करने की एवज में काटते हुए षेश धनराषि एवं परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का प्रष्न है- के सम्बन्ध में परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण अन्य याचित उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 4275.00 तथा रू0 2000.00 परिवाद व्यय के रूप में अदा करें।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर। फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर। फोरम कानपुर नगर।