राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-2752/1999
(जिला उपभोक्ता फोरम, फैजाबाद द्वारा वाद संख्या-27/1996 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 21.01.1998 के विरूद्ध)
Eicher Motors Limited including its general Manager at Pithampur district Dhar (M.P.) its Manager Service at Nehru Place, New Delhi and its Assistant Manager (Marketing) at Nehru Place, New Delhi through its Manager (Marketing), Manish Jaiswal at its Regional Office at B-35, Sector ‘B’ Aliganj, Lucknow.
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 त 4
बनाम्~
1. Dinesh Kumar Pandey son of Late Sri Raj Kumar Pandey, resident of 666/11 Purana Sheesh Mahal, Near Choti Devkali, Shastri Nagar, Ayodhya, District Faizabad.
2. M/s Chandra Engineering Corporation through its Proprietor at janana Hospital Road, Faizabad.
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी संख्या-1
समक्ष:-
1. माननीय श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टण्डन, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से उपस्थित : श्री राम गोपाल, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी संख्या-2 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 22.11.2016
माननीय श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
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प्रकरण पुकारा गया। वर्तमान अपील, वाद संख्या-27/1996, दिनेश कुमार पाण्डेय बनाम विपक्षी संख्या-1 चन्द्रा इन्जीनियरिंग कारपोरेशन द्वारा प्रोपराइटर, विपक्षी संख्या-2 जनरल मैनेजर आयशर मोटर लि0, विपक्षी संख्या-3 मैनेजर सर्विस आयशर मोटर्स लि0 तथा विपक्षी संख्या-4 सहायक प्रबन्धक मार्केटिंग आयशर मोटर्स लि0 में जिला फोरम, फैजाबाद द्वारा पारित आदेश दिनांक 21.01.1998 से क्षुब्ध होकर विपक्षी संख्या-2 त 4/अपीलार्थी की ओर से प्रस्तुत की गयी है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्नलिखित आदेश पारित किया गया है :-
‘’ शिकायत अंशत: एक तरफा स्वीकार की जाती है, और विपक्षी सं0-2, 3, 4 को आदेशित किया जाता है, कि वे इस आदेश से दो माह के अन्दर शिकायतकर्ता को बेची गयी कैन्टर बस को वापस लेकर उसकी जगह ऐसी कैन्टर बस उसी क्षमता व मेक की उपलब्ध करायें, जो पूर्णत: दोष रहित हो, और यदि ऐसा नहीं करते हैं, तो उसकी कीमत की बराबर पैसा शिकायकर्ता को अदा कर दें। शिकायतकर्ता विपक्षीगण सं0 2 लगायत 4 से इस वाद के खर्चे के मद में रू0 400/- (चार सौ रूपये) प्राप्त करेगा। ‘’
उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर वर्तमान अपील विपक्षी संख्या-2 4/अपीलार्थी की ओर से योजित की गयी है।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन तथा प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री राम गोपाल उपस्थित हैं। प्रत्यर्थी संख्या-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। यह अपील वर्ष 1999 से निस्तारण हेतु लम्बित है, अत: यह पाया जाता है कि वर्तमान अपील को गुणदोष के आधार पर निर्णीत कर दिया जाये। तदनुसार विद्वान अधिवक्तागण को विस्तार से सुना गया एवं प्रश्नगत आदेश तथा उपलब्ध अभिलेखों का गम्भीरतापूर्वक परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा मुख्य रूप से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 त 4 के विरूद्ध प्रश्नगत परिवाद जिला फोरम द्वारा एकपक्षीय रूप से निर्णीत की गयी है, जब कि वर्तमान प्रकरण उपभोक्ता फोरम
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के समक्ष पोषणीय भी नहीं है, क्योंकि परिवादी/प्रत्यर्थी संख्या-1 उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। जैसा ऊपर बताया गया है कि वर्तमान परिवाद अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 त 4 के विरूद्ध एकपक्षीय तय हुआ है और अपीलार्थी को अपना पक्ष रखने का सम्पूर्ण अवसर प्राप्त नहीं हो सका, इसलिए वर्तमान प्रकरण को पुन: निस्तारण हेतु प्रतिप्रेषित कर दिया जाये। विद्वान अधिवक्ता अपीलार्थी द्वारा यह भी कहा गया कि वर्तमान प्रकरण में वाहन Consortium Finance Ltd से लिया गया था और ऐसा प्रतीत होता है कि वाहन को विक्रय भी कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में वर्तमान प्रकरण पुन: निस्तारण हेतु प्रतिप्रेषित किया जाना उचित प्रतीत होता है। तदनुसार प्रश्नगत आदेश अपास्त होने एवं अपील अंशत: स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील अंशत: स्वीकार की जाती है। जिला फोरम, फैजाबाद द्वारा वाद संख्या-27/1996, दिनेश कुमार पाण्डेय बनाम विपक्षी संख्या-1 चन्द्रा इन्जीनियरिंग कारपोरेशन द्वारा प्रोपराइटर, विपक्षी संख्या-2 जनरल मैनेजर आयशर मोटर लि0, विपक्षी संख्या-3 मैनेजर सर्विस आयशर मोटर्स लि0 तथा विपक्षी संख्या-4 सहायक प्रबन्धक मार्केटिंग आयशर मोटर्स लि0 में पारित आदेश दिनांक 21.01.1998 अपास्त किया जाता है।
जिला फोरम को प्रकरण इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह Consortium Finance Ltd (मैग्मा) को पक्षकार बनाते हुए उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए मामलें का निस्तारण गुणदोष के आधार पर अधिकतम 06 माह में करना सुनिश्चित करें।
उभय पक्ष को यह भी निर्देशित किया जाता है कि वह जिला फोरम के समक्ष दिनांक 30.12.2016 को उपस्थित होना सुनिश्चित करें।
निर्णय/आदेश की प्रति उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाये।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (संजय कुमार)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2