Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/1360

N I M T Institute of Technology and Management - Complainant(s)

Versus

Dinesh Aswal - Opp.Party(s)

S K Sharma

23 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/1360
( Date of Filing : 18 Jul 2008 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I M T Institute of Technology and Management
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Dinesh Aswal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1360/2008

एन.आई.एम.टी. इंस्‍टीट्यूट आफ टेक्‍नोलॉजी एण्‍ड मैनेजमेंट (करेक्‍ट नेम एन.आई.एम.टी. हॉस्पिटल एण्‍ड फार्मा मैनेजमेंट बनाम दिनेश असवाल पुत्र श्री रघुवीर सिंह असवाल

 

समक्ष:-                                                  

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनां : 23.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या-12/2007, दिनेश असवाल बनाम ग्रेटर नोएडा एनआईएमटी में विद्वान जिला आयोग, गौतमबुद्धनगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.4.2008 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

2.   विद्वान जिला आयोग ने इस आधार पर जमा शुल्‍क वापस करने का आदेश पारित किया है कि परिवादी द्वारा जिस क्रोस के अंतर्गत शिक्षा प्राप्‍त करने का शुल्‍क जमा किया गया था, उस क्रोस की डिग्री/डिप्‍लोमा प्रदत्‍त करने के लिए विपक्षी शैक्षिक संस्‍थान अधिकृत नहीं था।

3.   अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि सर्वप्रथम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा उन्‍हें अधिकृत किया गया है।  इस  दस्‍तावेज के अवलोकन से ज्ञात होता है कि एम.बी.ए.

-2-

की शिक्षा प्रदत्‍त करने के लिए उन्‍हें अधिकृत किया गया है, इसके पश्‍चात महामहिम राज्‍यपाल, उत्‍तर प्रदेश द्वारा भी केवल एम.बी.ए. की शिक्षा प्रदत्‍त करने के लिए अधिकृत किया गया है, परन्‍तु अपीलार्थी द्वारा पी.जी.डी.बी.एम. की डिग्री प्रदत्‍त कराने के लिए दाखिल कराया गया, जिसका उसे कोई अधिकार नहीं था। अत: इस सीमा तक शैक्षिक संस्‍थान को शैक्षिक संस्‍थान नहीं कहा जा सकता। चूंकि प्रस्‍तुत केस में अपीलार्थी उपरोक्‍त कोर्स में डिग्री प्रदत्‍त करने के लिए अधिकृत नहीं था, जिसके लिए शुल्‍क वसूला गया। तदनुसार विद्वान जिला आयोग ने विधिसम्‍मत निर्णय/आदेश पारित किया है, जिसमें कोई अवैधानिकता नहीं है। प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

4.   प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रे‍षित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

  लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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