Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/3113

Indusind Bank - Complainant(s)

Versus

Dilip Kumar - Opp.Party(s)

Brijendra Chaudhary

29 Nov 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/3113
( Date of Filing : 07 Dec 2006 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Indusind Bank
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Dilip Kumar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 29 Nov 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-3113/2006

इण्‍डसइण्‍ड बैंक लि0 तथा एक अन्‍य

बनाम

दिलीप कुमार पुत्र श्री राम चन्‍द्र 

 

 

समक्ष:-                                                  

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित        : श्री बृजेन्‍द्र चौधरी,                                    

                                                        विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित             : श्री विकास अग्रवाल,

                                     विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक : 29.11.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-529/2003, दिलीप कुमार बनाम मैसर्स अशोक लीलैण्‍ड फाइनेन्‍स लिमिटेड में विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 5.2.2005 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री बृजेन्‍द्र चौधरी तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री विकास अग्रवाल को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        यह अपील दिनांक 7.12.2006 को प्रस्‍तुत की गई है। अपील देरी से प्रस्‍तुत करने के साथ देरी माफी का आवेदन भी प्रस्‍तुत किया गया है, परन्‍तु इस आवेदन के साथ कोई शपथ पत्र प्रस्‍तुत नहीं

 

 

-2-

किया गया है, इसलिए देरी का जो कारण वर्णित किया गया है, वह शपथ पत्र से पुष्‍ट नहीं किया गया है। उपभोक्‍ता परिवाद में निर्णय पारित होने के पश्‍चात समय के अंतर्गत अपील प्रस्‍तुत करना आवश्‍यक है। यद्यपि पर्याप्‍त कारणों के आधार पर देरी माफ की जा सकती है, परन्‍तु जब पर्याप्‍त कारण स्‍थापित नहीं हों तब उन कारणों की चर्चा किया जाना संभव नहीं है, इसलिए प्रस्‍तुत केस में देरी माफ करने का कोई औचित्‍य प्रतीत नहीं होता है। तदनुसार देरी माफी का आवेदन खारिज किया जाता है। परिणामत: प्रस्‍तुत अपील भी निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

3.        तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0, 

    कोर्ट-3

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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