Uttar Pradesh

StateCommission

A/1997/325

Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Dildar Nagar Rishikesh Rai - Opp.Party(s)

V P SHARMA

21 Mar 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1997/325
( Date of Filing : 26 Feb 1997 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Cold Storage
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Dildar Nagar Rishikesh Rai
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 HON'BLE MRS. DR. ABHA GUPTA MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Mar 2022
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

 

अपील सं0- 325/1997

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, गाजीपुर द्वारा परिवाद सं0- 140/1996 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27.01.1997 के विरुद्ध)

 

Dildar Nagar Cold Storage & Ice Plant Pvt. Ltd., through its Managing Director, Namely Ajay kumar Sharma R/o Town Dildar Nagar, Distt. Ghazipur. 

                                                                                              ………..Appellant

 

                                                            Versus

 

Jawahar singh Kushwaha, R/o Village- Raghowapur, Tehsil and Pargana   Jamaniya, District- Ghazipur.

                                                                                              ………Respondent

 

समक्ष:-

        माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य    

    माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

    माननीया डॉ0 आभा गुप्‍ता, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से : श्री वी0पी0 शर्मा, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से   : कोई नहीं। 

 

दिनांक:- 24.03.2022

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय

1.        परिवाद सं0- 140/1996 जवाहर सिंह कुशवाहा बनाम प्रोपराइटर दिलदार नगर कोल्‍ड स्‍टोरेज एवं आइस प्‍लांट प्रा0लि0 में जिला उपभोक्‍ता आयोग, गाजीपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 27.01.1997 के विरुद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

2.        विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया गया है कि 01 माह के अन्‍दर अंकन 37,060/-रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में 12 प्रतिशत सालाना ब्‍याज सहित प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा किया जाए।

3.        संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने दि0 19.03.1996 को 40 बोरा आलू वजन प्रति बोरा 83 कि0ग्रा0 कुल वजन 3320 कि0ग्रा0 तथा दि0 20.03.1996 को 46 बोरा आलू वजन प्रति बोरा लगभग 87 कि0ग्रा0 कुल वजन 4002 कि0ग्रा0 दिलदार नगर कोल्‍ड स्‍टोरेज एवं आइस प्‍लांट दिलदार नगर जिला गाजीपुर में जमा किया जिसकी रसीद क्रमश: 305 तथा 386 उपरोक्‍त कोल्‍ड स्‍टोर के मालिक द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दी गई। इस प्रकार कुल मिलाकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उपरोक्‍त कोल्‍ड स्‍टोरेज में 7322 कि0ग्रा0 आलू अर्थात 73.22 कुन्‍तल आलू रखा। दि0 12.08.1996 को जब प्रत्‍यर्थी/परिवादी आलू वापस लेने के लिए कोल्‍ड स्‍टोरेज पर गया तो पता चला कि उसका पूरा आलू सड़ गया है और प्रयोग करने लायक नहीं रहा गया है जो अपीलार्थी/विपक्षी की लापरवाही के कारण हुआ है। उक्‍त आलू की कीमत 500/-रू0 प्रति कुन्‍तल की दर से रू036,610/- है तथा आलू पहुँचाने में उसका खर्च लगभग रू0450/- लगा है।

4.        अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से लिखित कथन सूचना के बावजूद भी प्रस्‍तुत नहीं किया गया, इसलिए एकतरफा सुनवाई करते हुए प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश पारित किया गया है।

5.        प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश के विरुद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय व आदेश तथ्‍य एवं विधि के विपरीत है। एकतरफा निर्णय व आदेश पारित किया गया है। कोई सूचना प्राप्‍त नहीं हुई है।  निर्णय व आदेश की सूचना होने पर एकतरफा पारित निर्णय व आदेश को अपास्‍त करने का अनुरोध किया गया, परन्‍तु यह अनुरोध नकार दिया गया। अपीलार्थी/विपक्षी के स्‍तर से किसी प्रकार की असावधानी नहीं बरती गई है।     

6.        केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0पी0 शर्मा को सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया गया।

7.        प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद के तथ्‍यों के समर्थन में अपना शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया जिसका कोई खण्‍डन पत्रावली पर मौजूद नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अपने निर्णय में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया है कि पंजीकृत डाक द्वारा दि0 23.08.1996 को अपीलार्थी/विपक्षी पर नोटिस भेजी गई थी, इसलिए उन पर ता‍मील मानने का निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत है। यह नहीं कहा जा सकता कि एकतरफा सुनवाई बगैर सूचना दिए की गई है, चूँकि परिवाद पत्र में वर्णित तथ्‍यों का कोई खण्‍डन मौजूद नहीं है, इसलिए विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय व आदेश में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार अपील खारिज किए जाने योग्‍य है।        

आदेश

8.        अपील खारिज की जाती है। प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।  

          अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।             

               

    (राजेन्‍द्र सिंह)           (सुशील कुमार)         (डॉ0 आभा गुप्‍ता)        

       सदस्‍य                 सदस्‍य                सदस्‍य

 

           निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

    (राजेन्‍द्र सिंह)           (सुशील कुमार)         (डॉ0 आभा गुप्‍ता)        

       सदस्‍य                 सदस्‍य                सदस्‍य

शेर सिंह, आशु0,

कोर्ट नं0-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. DR. ABHA GUPTA]
MEMBER
 

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