Uttar Pradesh

StateCommission

A/746/2022

M/s Om Sai Electronics and Furniture Center point - Complainant(s)

Versus

Digvijay Singh - Opp.Party(s)

Dr. Manoj Dubey and Roopani Mishra

22 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/746/2022
( Date of Filing : 05 Aug 2022 )
(Arisen out of Order Dated 05/05/2022 in Case No. C/2018/69 of District Etah)
 
1. M/s Om Sai Electronics and Furniture Center point
G.T. road Etah Prop. Kaleshwar Shakya
...........Appellant(s)
Versus
1. Digvijay Singh
S/o Late Shanti Swaroop R/o Etah Nagar near Station and Mandi samiti Dist. Eata
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 22 Sep 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-746/2022

मैसर्स ओम सांई इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एण्‍ड फर्नीचर्स सेण्‍टर पॉइंट, जी0टी0 रोड़ एटा द्वारा प्रोपराइटर श्री कालेश्‍वर शाक्‍य।

                                              ........... अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम          

श्री दिग्विजय सिंह पुत्र स्‍व0 श्री शान्ति स्‍वरूप, निवासी एटा नगर, स्‍टेडियम व मण्‍डी समिति के पास, जी0टी0 रोड एटा, उपखण्‍ड एटा सकीट, खण्‍ड व जनपद एटा।

…….. प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता   : सुश्री रूपानी मिश्रा

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता   : कोई नहीं।

दिनांक :- 22.9.2022

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-41 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, एटा द्वारा परिवाद सं0-69/2018 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05.5.2022 के विरूद्ध योजित की गई है।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्रीमती रूपानी मिश्रा को सुना, जिनके द्वारा यह कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा एक पक्षीय रूप से आदेश बिना अपीलार्थी/विपक्षी पर परिवाद के सम्‍बन्‍ध में नोटिस तामीली के पारित किया गया है अर्थात परिवाद की सुनवाई अथवा परिवाद योजन के सम्‍बन्‍ध में अपीलार्थी/विपक्षी को कोई सूचना प्राप्‍त नहीं हुई थी, जब उपरोक्‍त निर्णय दिनांक 05.5.2022 के पश्‍चात, निर्णय के अनुपालन

-2-

में निष्‍पादन की कार्यवाही प्रारम्‍भ हुई, तब अपीलार्थी/विपक्षी को उपरोक्‍त परिवाद के सम्‍बन्‍ध में जानकारी प्राप्‍त हुई।

अपीलार्थी की विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा मेरा ध्‍यान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05.5.2022 की ओर आकृष्‍ट किया गया, जिसमें निम्‍न तथ्‍य उल्लिखित पाये गये:-

     ''परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से आंशिक तौर पर स्‍वीकार किया जाता है।

     विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को एक माह के अन्‍दर विक्रय की गई प्रश्‍नगत वोल्‍टास एयर कण्‍डीशनर को परिवर्तित करके नया ए0सी0 संयोजित करें या उसका क्रय मूल्‍य मु0 40500/- रू0 (चालीस हजार पॉच सौ रूपये) परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से मय 07 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से परिवादी को वापस करें।

     विपक्षीगण को यह भी आदेशित किया जाताहै कि वह परिवादीको वाद व्‍यय के रूप में 2000/- रू0 दिया जाना भी सुनिश्चित करें।''

     समस्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा न्‍यायहित में मेरे अनुसार अपीलार्थी/विपक्षी को एक अवसर सुनवाई का दिया जाना उचित प्रतीत होता है, तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार करते हुए विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, एटा द्वारा परिवाद सं0-69/2018 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05.5.2022 अपास्‍त किया जाता है तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग से आग्रह किया जाता है कि उपरोक्‍त परिवाद सं0-69/2018 को अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करते हुए पक्षकारों को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर, बिना वाद स्‍थगन प्रदान करते हुए यथासम्‍भव परिवाद का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर 03 माह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें। यदि कोई भी पक्ष वाद

-3-

स्‍थगन हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत करता है तो उक्‍त प्रार्थना पत्र पर समुचित आदेश पारित करते हुए स्‍थगन 1,000.00 रू0 हर्जाना योजित कर किया जाना अपेक्षित।

चूंकि जिला उपभोक्‍ता आयोग के उपरोक्‍त निर्णय/आदेश दिनांक 05.5.2022 को अपास्‍त किया गया है तद्नुसार अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी के विरूद्ध किसी प्रकार की उत्‍पीड़न की कार्यवाही नहीं की जावेगी, यहॉ यह उल्लिखित किया जाना आवश्‍यक है कि इस निर्णय को पारित करते समय गुणदोष के सम्‍बन्‍ध में न तो कोई विचार किया, न ही कोई व्‍याख्‍या की गई।

पक्षकार जिला उपभोक्‍ता आयोग, गाजियाबाद के सम्‍मुख दिनांक 01.11.2022 उपस्थित हों।

धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनिमय, 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि 25,000.00 रू0 अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को नियमानुसार वापस की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                          (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                    

                                             अध्‍यक्ष                                                                                                          

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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