(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण सं0- 04/2019
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, वाराणसी द्वारा परिवाद सं0- 46/2017 में पारित आदेश दि0 18.05.2018 के विरूद्ध)
Fry-Bake food eqipments through its proprietor, 2/A, B.M. Estate, Nr. Nagarwel char rasta, Hatkeshwar road, opp. Chetna Estate, Amraiwadi, Ahmedabad (Gujarat)-380026 India.
…….Revisionist
Versus
Dhirendra kumar singh son of Shri Randhir singh, R/o SA-4/79, CK-2, Keshav Vihar colony, pandeypur, PH- Cantonment, District Varanasi.
………. Opp. Party
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री ओ0पी0 श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : श्री रमेश कुमार राय,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 20.02.2019
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 46/2017 धीरेन्द्र कुमार सिंह बनाम फ्राई बेक फूड इक्वीपमेंट में जिला फोरम, वाराणसी द्वारा पारित आदेश दि0 18.05.2018 के द्वारा परिवाद की कार्यवाही विपक्षी अर्थात पुनरीक्षणकर्ता के विरुद्ध एकपक्षीय रूप से किये जाने हेतु आदेश पारित किया गया है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता जिला फोरम जौनपुर से आते थे, अत: निश्चित तिथि दि0 18.05.2018 को वह थोड़ा विलम्ब से पहुंचे। इस बीच एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेश पारित कर दिया गया है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि पुनरीक्षणकर्ता जानबूझकर जिला फोरम के समक्ष अनुपस्थित नहीं हुआ है। उसके विद्वान अधिवक्ता के देर से पहुंचने के कारण निश्चित तिथि पर पुनरीक्षणकर्ता की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि आदेश दि0 18.05.2018 के आदेश पत्र से ही यह स्पष्ट है कि पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता बाद में उपस्थित हुए हैं।
विपक्षी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विपक्षी/पुनरीक्षणकर्ता को पहले ही कई अवसर दिया जा चुका है, परन्तु लिखित कथन विपक्षी ने निर्धारित समय-सीमा के अन्दर प्रस्तुत नहीं किया है। अत: जिला फोरम ने एकपक्षीय कार्यवाही का जो आदेश पारित किया है वह उचित और विधि सम्मत है।
मैंने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है।
जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दि0 18.05.2018 से स्पष्ट है कि उस दिन पुनरीक्षणकर्ता की ओर से कोई उपस्थित न होने के कारण एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेश पारित किया गया है, जब कि आदेश दि0 18.05.2018 से स्पष्ट है कि इस आदेश के तुरंत बाद उस दिन पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आये हैं। अत: सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए उचित प्रतीत होता है कि आक्षेपित आदेश दि0 18.05.2018 रू0=7500/- हर्जे पर अपास्त करते हुए पुनरीक्षणकर्ता को अपना लिखित कथन जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया जाए।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर पुनरीक्षण याचिका स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दि0 18.05.2018 रू0=7500/- हर्जे पर अपास्त करते हुए पुनरीक्षणकर्ता को अपना लिखित कथन प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाता है। पुनरीक्षणकर्ता अपना लिखित कथन आज की तिथि से 30 दिन के अन्दर जिला फोरम के समक्ष उपरोक्त हर्जे की धनराशि के साथ प्रस्तुत करेगा। जिला फोरम में पुनरीक्षणकर्ता उपरोक्त हर्जे की धनराशि जमा करेगा, जिसे जिला फोरम द्वारा विपक्षी/परिवादी को दिया जायेगा।
उपरोक्त अवधि में पुनरीक्षणकर्ता द्वारा लिखित कथन व हर्जे की धनराशि प्रस्तुत किये जाने पर परिवाद की अग्रिम कार्यवाही विधि के अनुसार उभयपक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर यथाशीघ्र सुनिश्चित की जायेगी।
उभयपक्ष जिला फोरम के समक्ष दि0 22.03.2019 को उपस्थित हों।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
शेर सिंह आशु0,
कोर्ट नं0-1