Uttar Pradesh

StateCommission

A/2001/86

Union Of India - Complainant(s)

Versus

Dhermendra Kumar Agrawal - Opp.Party(s)

M. H. Khan

12 Dec 2014

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2001/86
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Union Of India
a
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Ashok Kumar Chaudhary PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

(राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ)

                                    सुरक्षित 

अपील संख्‍या 86/2001

 

(जिला मंच मुरादाबाद प्रथम द्वारा परिवाद सं0 122/2000 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 30/10/2000 के विरूद्ध)

                                                     

यूनियन आफ इंडिया द्वारा डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर, श्री पी0के0 श्रीवास्‍तव, डी.आर.एम. आफिस, न्‍यू दिल्‍ली।

                                                      …अपीलार्थी/विपक्षी सं0 2

 

बनाम

 

1- धर्मेन्‍द्र कुमार अग्रवाल, निवासी मोहल्‍ला दरीबापान, पी.एस. मुगलपुरा, मुरादाबाद।

.........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

2- डिवीजनल रेलवे मैनेजर (कामर्शियल) डी.आर.एम. आफिस, सिविल लाइन्‍स, जिला मुरादाबाद।

                                                       .........प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0 1

 

समक्ष:

       1. मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठा0 न्‍यायिक सदस्‍य।

  2. मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम0एच0 खान।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित    : कोई नहीं।

दिनांक 30-12-2014   

मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठा0 न्‍यायिक सदस्‍य द्वारा उदघोषित ।

 

निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील परिवाद सं0 122/2000 धर्मेन्‍द्र कुमार अग्रवाल बनाम डिवीजनल रेलवे मैनेजर , जिला पीठ मुरादाबाद प्रथम के निर्णय/आदेश दिनांक 30/10/2000 से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत की गई है, जिसमें की विद्वान जिला पीठ ने आदेशित किया है कि विपक्षीगण आदेश की सूचना के एक माह में परिवादी को मु0 10,000/ रूपये मानसिक कष्‍ट की क्षतिपूर्ति एवं मु0 1650/- रूपये परिवाद व्‍यय के रूप में भुगतान करे।

     संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने मुरादाबाद से गोहाटी के लिए तृतीय ए0सी0 में दिनांक 15/05/2000 को यात्रा करने के लिए आरक्षण कराया था और उसे शैय्या सं0 3 आवंटित हुआ था। यात्रा के दौरान रात्रि 12:00, - 1:00 बजे शैय्या पर सोते हुए उन्‍हें यह अनुभव कि मेरा बिस्‍तर व पहने हुए कपड़े वर्षा के पानी से भीग गये हैं और वह जाग गया एवं उसे शैय्या पर बैठकर यात्रा करनी पड़ी। ट्रेन बरौनी पहुंचने पर परिवादी व सहयात्रियों ने ट्रेन सुपरिटेण्‍डेन्‍ट (अधीक्षक) श्री बुद्धराम से शिकायत की तो एक घन्‍टा पश्‍चात अपने को यांत्रिक

2

अभियन्‍ता बताने वाला कुछ सफाई कर्मचारियों के साथ कोच के अंदर आया और कहा कि गोहाटी तक कोई सफाई नहीं की जायेगी और बाहर से आने वाले वर्षा के पानी को रोकने का उनका उत्‍तरदायित्‍व नहीं है। परिवादी ने शिकायत पुस्तिका में शिकायत अंकित करने का प्रयास किया किन्‍तु उन लोगों ने शिकायत पुस्तिका छीन ली और परिवादी को शिकायत अंकित नहीं करने दी।

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क दिया कि विद्वान जिला मंच द्वारा मु0 10,000/ रूपये मानसिक क्षति के रूप में तथा मु0 1650/- रूपये वाद व्‍यय के रूप में अत्‍यधिक दिलाई गई है जब कि विपक्षीगण की ओर से कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं किया गया है और परिवाद एकपक्षीय निर्णीत किया गया है।

     प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

     प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली में उपलब्‍ध अभिलेख का परिशीलन किया गया।

     विद्वान जिला मंच द्वारा एक पक्षीय निर्णय/आदेश देते हुए अत्‍यधिक धनराशि मु0 10,000/ रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में तथा मु0 1650/- रूपये वाद व्‍यय के रूप में दिलाई गयी है जिसका कोई न्‍यायोचित आधार नहीं है। अत: हम यह समीचीन पाते हैं कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी को वर्णित परिस्थितियों में मु0 3000/ रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में एवं मु0 1,000/ रूपये वाद व्‍यय के रूप में दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

          अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला मंच मुरादाबाद प्रथम द्वारा परिवाद सं0 122/2000 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 30/10/2000  को संशोधित करते हुए यह आदेशित किया जाता है कि अपीलार्थी, परिवादी को मु0 10,000/ रूपये के स्‍थान पर मु0 3,000/ रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए एवं मु0 1650/ रूपये के स्‍थान पर 1000/ रूपये वाद व्‍यय अपील के निर्णय की तिथि से दो माह के अंदर अदा करे।

                   उभय पक्ष अपना अपीलीय व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

         उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध कराई जाय।

 

 

                                                 (अशोक कुमार चौधरी)

                                                                     पीठा0 सदस्‍य

 

                                                                    

                                                                                 

                                                                                (संजय कुमार)

सुभाष चन्‍द्र आशु0  कोर्ट 3                                                              सदस्‍य

 

 

 

 

 
 
[HON'ABLE MR. Ashok Kumar Chaudhary]
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