(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-997/2010
दि ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 व अन्य बनाम धीर सिंह व अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक: 29.11.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-93/2008, धीर सिंह तथा एक अन्य बनाम दि ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 21.4.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री ए.के. श्रीवास्तव तथा प्रत्यर्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री घनश्याम त्रिपाठी को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने बीमित वाहन संख्या-यू.पी. 15 आर. 9688 के दुर्घटनाग्रस्त होने पर मरम्मत कराने पर खर्च राशि रू0 41,154.35 पैसे 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज के साथ अदा करें तथा मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 5,000/-रू0 तथा आर्थिक क्षतिपूर्ति की मद में अंकन 3,000/-रू0 भी अदा करने के लिए आदेशित किया है।
3. इस निर्णय/आदेश के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील के ज्ञापन में वर्णित तथ्यों तथा मौखिक बहस का सार यह है कि सर्वेयर द्वारा केवल 11,237/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया है, जबकि विद्वान जिला आयोग ने रू0 41,154.35 पैसे की क्षतिपूत्रि का आदेश दिया है, इस राशि में वह राशि भी सम्मिलित कर ली गई है, जिसके अंतर्गत नये पार्ट्स क्रय किए गए हैं, परन्तु विद्वान जिला आयोग के निर्णय/आदेश के अवलोकन
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से ज्ञात होता है कि मरम्मत कराने में जो राशि खर्च की गई है, उसकी रसीद विद्वान जिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई थी, इसलिए सर्वेयर के आंकलन को नकारने में कोई त्रुटि कारित नहीं हुई है, परन्तु ब्याज अत्यधिक उच्च दर से अधिरोपित किया गया है। ब्याज राशि 12 प्रतिशत के स्थान पर 06 प्रतिशत किया जाना न्यायोचित है। इसी प्रकार विभिन्न मदों में प्रदत्त राशि अपास्त होने योग्य है, क्योंकि इस राशि पर 06 प्रतिशत की दर से ब्याज भी दिया जा रहा है। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को देय राशि पर ब्याज 12 प्रतिशत के स्थान पर 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज की दर से देय होगा तथा अन्य मदों में अदा की जाने वाली राशि का आदेश अपास्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2