राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण संख्या-03/2017
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, गाजियाबाद द्वारा इजरा वाद संख्या 36/2016 में पारित आदेश दिनांक 09.12.2016 के विरूद्ध)
1. Manager, Whirlpool of India Ltd., A.C. Service
Centre/Regional Office Lony Area, D-20, R.D.C.,
Ghaziabad (U.P.)
2. Chairman and Managing Director, Whirlpool India
Ltd, Whirlpool House, Plot No. 40, Sector- 44,
Gurgaon-122002 (Haryana)
3. Whirlpool India Ltd, Whirlpool House, Plot No. 40,
Sector-44, Gurgaon-122002 (Haryana)
...................पुनरीक्षणकर्तागण
बनाम
Dharamveer Kaushik son of Sri Brahmjeet Kaushik, House no. 87, Sharfuddinpur Jawali, District- Ghaziabad-201102 ...................विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से उपस्थित : श्री अशोक शुक्ला,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : श्री प्रतीक सक्सेना,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 18-01-2017
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
वर्तमान पुनरीक्षण याचिका धारा-17 (1) (बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत इजरा वाद संख्या-36/2016 धर्मवीर कौशिक बनाम व्लर्हपुल इ0लि0 व अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, गाजियाबाद द्वारा पारित आदेश दिनांक 09.12.2016
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के विरूद्ध उपरोक्त इजरा वाद के विपक्षीगण व्लर्हपुल इ0लि0 व अन्य की ओर से आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता श्री अशोक शुक्ला एवं विपक्षी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री प्रतीक सक्सेना उपस्थित आए।
हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश दिनांक 09.12.2016 तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
आक्षेपित आदेश दिनांक 09.12.2016 जिला फोरम ने परिवाद संख्या-93/2015 धर्मवीर कौशिक बनाम व्लर्हपुल इ0लि0 व अन्य में जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 08.03.2016 के अनुपालन हेतु पंजीकृत इजरा वाद संख्या-36/2016 में पारित किया है।
उपरोक्त परिवाद में जिला फोरम ने पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षीगण को आदेशित किया है कि एक माह के अन्दर वह विपक्षी/परिवादी का ए0सी0 बदले और वाद खर्च के रूप में 2000/-रू0 अदा करे अन्यथा वह एक महीने के अन्दर ए0सी0 का मूल्य 24,500/-रू0 ए0सी0 खरीद की तिथि 23.06.2013 से अंतिम भुगतान तक 08 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित विपक्षी/परिवादी को अदा करे और साथ ही 2000/-रू0 वाद व्यय भी अदा करे।
पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि पुनरीक्षणकर्तागण ने जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 08.03.2016 के अनुपालन में विपक्षी/परिवादी का ए0सी0
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बदल दिया है और उसे 2000/-रू0 हर्जे की धनराशि भी अदा कर दी है।
पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम ने विपक्षी/परिवादी के बदले गए ए0सी0 को जो त्रुटिपूर्ण माना है वह सत्यता से परे है।
विपक्षी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को यह स्वीकार है कि पुनरीक्षणकर्तागण ने जिला फोरम के निर्णय और आदेश दिनांक 08.03.2016 के अनुपालन में 2000/-रू0 वाद व्यय विपक्षी/परिवादी को अदा किया है और दूसरा ए0सी0 भी उसे बदलकर दिया है, परन्तु यह ए0सी0 पूर्ण रूप से तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण है और जिला फोरम ने आक्षेपित आदेश में यह तथ्य स्वीकार किया है।
विपक्षी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश परिवाद में जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 08.03.2016 के अनुकूल है। अत: इसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
हमने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।
आक्षेपित आदेश के अवलोकन से यह जाहिर नहीं होता है कि यह आदेश उभय पक्ष को सुनकर पारित किया गया है। पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि उन्होंने जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 08.03.2016 के अनुपालन में विपक्षी/परिवादी को जो ए0सी0 दिया है वह तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण नहीं है। इस सम्बन्ध में जिला फोरम ने आक्षेपित
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आदेश में जो निष्कर्ष निकाला है, वह एकपक्षीय है और बिना किसी उचित आधार के है।
आक्षेपित आदेश के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि इजरा वाद अभी जिला फोरम के समक्ष लम्बित है। अत: पुनरीक्षणकर्तागण जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होकर अपनी आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है और जिला फोरम द्वारा उसके द्वारा प्रस्तुत आपत्ति पर विधि के अनुसार आदेश पारित किया जा सकता है।
अत: वर्तमान पुनरीक्षण याचिका इस प्रकार अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है कि पुनरीक्षणकर्तागण जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होकर अपनी आपत्ति प्रस्तुत करें, जिस पर जिला फोरम विधि के अनुसार आदेश पारित करेगा।
पुनरीक्षणकर्तागण द्वारा प्रस्तुत आपत्ति का निस्तारण विधि के अनुसार जिला फोरम द्वारा किए जाने तक जिला फोरम पुनरीक्षणकर्तागण के विरूद्ध कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं करेगा।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1