Uttar Pradesh

StateCommission

A/1162/2019

Employees State Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Dharmendra Kumar - Opp.Party(s)

Shishir Pradhan

21 Dec 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1162/2019
( Date of Filing : 27 Sep 2019 )
(Arisen out of Order Dated 25/06/2019 in Case No. C/30/2018 of District Bulandshahr)
 
1. Employees State Insurance Co. Ltd
Through Branch manager/ Authorized Officer Panch Deep Bhawan C.I.G. Marg New Delhi
...........Appellant(s)
Versus
1. Dharmendra Kumar
(Employee Code No. 048469) S/O Amarpal Singh R/O Village Reedawali Tehsil and Distt. Bulandshahr
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Dec 2023
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या : 1162/2019

 

कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम द्वारा शाखा प्रबन्‍धक/अधिकृत अधिकारी, पंचदीप भवन, सी0आई0जी0 मार्ग, नई दिल्‍ली  व अन्‍य

बनाम्

 

धर्मेन्‍द्र कुमार पुत्र श्री अमरपाल सिंह

 

                                          

समक्ष  :-

     1-मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,       अध्‍यक्ष।   

 

     उपस्थिति :

     अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-        श्री शिशिर प्रधान।

     प्रत्‍यर्थी  की ओर से उपस्थित-              कोई नहीं।

 

दिनांक : 21-12-2023

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील वर्ष 2019 से इस न्‍यायालय के सम्‍मुख सुनवाई हेतु लम्बित है। प्रत्‍यर्थी को कार्यालय द्वारा पंजीकृत डाक से नोटिस प्रेषित की गयी है परन्‍तु उपरोक्‍त नोटिस बिना तामीला वापस प्राप्‍त होने की आख्‍या कार्यालय द्वारा प्रेषित की गयी है। अत: परिवादी/प्रत्‍यर्थी पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त माना जाता है। आज अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री शिशिर प्रधान उपस्थित आए जब कि प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता अनुपस्थित है। अपीलार्थी के विद्धान

 

-2-

अधिवक्‍ता को विस्‍तारपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति अवलोकन करने के पश्‍चात अपील का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर किया जा रहा है।

     परिवाद संख्‍या-30/2018 धर्मेन्‍द्र कुमार बनाम कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम  व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, बुलन्‍दशहर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 25-06-2019 के विरूद्ध  प्रस्‍तुत अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद  आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍नलिखित निर्णय एवं आदेश पारित किया है:-

     ‘’ परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह 30 दिन के अंदर परिवादी को उसके चिकित्‍सा दावे की धनराशि अंकन 21,100/-रू0 परिवाद दायर करने की तिथि से वसूली की तिथि तक 06 प्रस्‍तुत वार्षिक साधारण ब्‍याज के साथ अदा करें।

     विपक्षीगण परिवादी को मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु 2000/-रू0 एवं वाद व्‍यय के रूप में अंकन 2,000/-रू0 का भुगतान करें। ‘’  

 

-3-

     विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश से क्षुब्‍ध होकर  परिवाद के विपक्षीगण  की ओर से प्रस्‍तुत अपील योजित की गयी है।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी  टी0वी0एस0 लॉगिस्टिक सर्विसेस लि0 में सीनियर फ्लोर स्‍टाफ सुपरवाईजर के पद पर सेवारत है। विपक्षी संख्‍या-1 ने अपने सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के स्‍वास्‍थ्‍य का बीमा किया, जिसमें सभी छोटी-बड़ी बीमारियॉं कवर्ड थी। वर्ष 2016 में परिवादी हैपेटाईटिस सी0 से पीडि़त हो गया। परिवादी ने अपना इलाज कर्मचारी राज्‍य बीमा योजना राजस्‍थान चिकित्‍सालय तथा वी0एम0एम0सी0 तथा सफदरगंज अस्‍पताल नई दिल्‍ली व कर्मचारी राज्‍य बीमा औषधालय बुलन्‍दशहर से कराया जिसमें परिवादी का लगभग 21,100/-खर्च हुआ। परिवादी ने अपने इलाज के खर्चें का क्‍लेम विपक्षी संख्‍या-1 के यहॉं समस्‍त प्रपत्रों सहित प्रस्‍तुत किया परन्‍तु उसका स्‍वास्‍थ्‍य बीमा क्‍लेम विपक्षीगण द्वारा नहीं दिया गया, जो कि विपक्षीगण के स्‍तर से सेवा में कमी है। अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।

     विपक्षी संख्‍या-1 ने अपने प्रतिवाद पत्र में यह अभिकथित किया है कि कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम के तहत व्‍याप्‍त कर्मचारी एवं उसके आश्रित परिवार के सदस्‍यों को पात्रता के अनुसार चिकित्‍सा हितलाभ प्रदत्‍त है। परिवादी उक्‍त बिल के भुगतान हेतु कर्मचारी राज्‍य बीमा औषधालय

 

-4-

बुलन्‍दशहर से खर्च हुए मेडिकल बिल जमा करें ताकि नियमानुसार भुगतान किया जा सके। परिवादी का कोई क्‍लेम बिल प्राप्‍त नहीं हुआ है, उनकी ओर से सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गयी है।

     विपक्षी संख्‍या-2 ने अपने प्रतिवाद पत्र में कथन किया कि परिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति दावे का बिल 21,100/-रू0 विपक्षी के यहॉं जमा नहीं किया गया है जिसके कारण आज तक परिवादी को क्‍लेम की धनराशि का भुगतान नहीं किया जा सका।

     विद्धान जिला आयोग द्वारा उभयपक्ष को विस्‍तारपूर्वक सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त विपक्षीगण  के स्‍तर से सेवा में कमी पाते हुए परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है।

      अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा जो निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है वह साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है अत: अपील स्‍वीकार करते हुए विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को अपास्‍त किया जावे।

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता  को विस्‍तारपूर्वक सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध  समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक विचार करने

 

-5-

के उपरान्‍त  विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है तदनुसार अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।  

आदेश

     अपील निरस्‍त की जाती है तथा विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।

     इस निर्णय एवं आदेश का अनुपालन निर्णय से दो माह की अवधि में सुनिश्चित किया जावे।

     अपील योजित करते समय अपीलार्थी द्वारा अपील में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो नियमानुसार अर्जित ब्‍याज सहित जिला आयोग को विधि अनुसार निस्‍तारण हेतु यथाशीघ्र प्रेषित की जावे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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