Rajasthan

Nagaur

CC/1/2015

Rajveer - Complainant(s)

Versus

Dharaniya automobile - Opp.Party(s)

14 Jul 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/1/2015
 
1. Rajveer
vill Ramsiya
Nagaur
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. Dharaniya automobile
Manasar
Nagaur
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Brijlal Meena PRESIDENT
 HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya MEMBER
 HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर

 

परिवाद सं. 01/2015

 

राजवीर पुत्र श्री हरकाराम, निवासी-जाटों का बास की गली रामसिया, तहसील व जिला-नागौर (राज.)।                                                                                                                                                                                      -परिवादी     

बनाम

 

धारणियां आॅटो मोबाईल्स, जोधपुर रोड, मानासर, नागौर।                                              

                -अप्रार्थी

 

समक्षः

1. श्री बृजलाल मीणा, अध्यक्ष।

2. श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।

3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।

 

उपस्थितः

1.            श्री अशोक कुमार वैष्णव, अधिवक्ता, वास्ते प्रार्थी।

2.            श्री पवन कुमार श्रीमाली, अधिवक्ता वास्ते अप्रार्थी।

 

    अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986

 

                      आ  दे  श            दिनांक 14.07.2015

 

 

1.            परिवाद-पत्र के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने अप्रार्थी से विवादित मोटरसाइकिल दिनांक 01.11.2013 को खरीद की। पांच माह पश्चात् ही परिवादी की मोटरसाइकिल का इंजन खराब हो गया एवं बैटरी भी खराब हो गई। अप्रार्थी के यहां वाहन को ले जाया गया, परन्तु बिना जांच किये ही सही बताकर टालमटोल कर दिया गया। अप्रार्थी ने प्रार्थी को यह बताया कि इंजन का काम करवाना होगा। नई बैटरी डलवानी होगी। जिसका 12,000/- रूपये खर्चा आयेगा। वाहन के इंजन की वारंटी पांच वर्ष या 70,000 किमी दर्शायी गई एवं बैटरी की वारंटी विक्रय की दिनांक से 18 महीने या 20,000 किलोमीटर दर्शायी गई, जबकि परिवादी द्वारा उक्त वाहन को क्रय किये हुए अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ और ना ही 10,000 किलोमीटर चला। अतः प्रार्थी के उक्त वाहन का इंजन व बैटरी अप्रार्थी से ठीक कराया जावे। परिवाद व्यय भी दिलाया जावे।

 

 

2.            अप्रार्थी का संक्षिप्त में जवाब निम्न प्रकार है-प्रार्थी ने उक्त वाहन की सर्विस अप्रार्थी के बजाय अन्य स्थान से करवाई है। प्रार्थी ने वाहन का प्रयोग वाणिज्यिक उपयोग के लिए किया है क्योंकि प्रार्थी दूध बेचता है। प्रार्थी ने उक्त वाहन को कम्पनी के निर्धारित मानदण्डों के विपरित चलाया है। इसलिए अप्रार्थी कम्पनी की कोई जिम्मेदारी नहीं है। प्रार्थी ने जान बूझकर वारंटी में लाने के उदेश्य से किलोमीटर चैन बंद कर दी तथा अन्य स्थान से सर्विस करवाई है। जिसके लिए अप्रार्थी जिम्मेदार नहीं है। प्रार्थी ने प्रथम सर्विस 06.12.2013 को करवाई, जिसमें वाहन का 950 किलोमीटर चलने का उल्लेख था। 31.12.2013 को पुनः द्वितीय सर्विस लाने पर वाहन का 3987 किलोमीटर चलना पाया गया। अगली सर्विस में प्रार्थी ने किलोमीटर बंद कर दिया। मीटर पर 3987 किलोमीटर ही अंकित थी। इस प्रकार से प्रार्थी ने मीटर को बंद कर दिया। अगली सर्विस में भी इसी प्रकार से अंक लिखे हुए थे। अतः परिवाद-पत्र को मय खर्चा खारिज किया जावे।

 

 

3.            बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन एवं मनन किया गया। वारंटी में वारंटी की शर्तों के मुताबिक वाहन चलाने, अधिकृत वक्र्स शाॅप पर सर्विस करवाने, वाणिज्यिक उपयोग में न लेने आदि शर्तों का उल्लेख है। यह सही है कि विवादित मोटरसाइकिल के कुछ छाया-चित्र अप्रार्थी की ओर से प्रस्तुत किये गये हैं। सभी छाया-चित्रों में कैन टंगे हुए हैं। परन्तु इससे इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है कि प्रार्थी दूध का व्यापार करता हो। इन छाया-चित्रों के आधार पर ही वाहन का वाणिज्यिक उपयोग नहीं माना जा सकता। अप्रार्थी को उक्त तथ्य को साबित करने के लिए यह साबित करना था कि किस-किस व्यक्ति को या किस-किस दुकानदार/हलवाई को दूध का विक्रय किया। यह भी अप्रार्थी ने साबित नहीं किया है कि बिना अधिकृत किस वक्र्स शाॅप पर प्रार्थी ने कब-कब कितनी बार विवादित मोटरसाइकिल की सर्विस करवाई। प्रार्थी ने अपने उपयोग व उपभोग के लिए उक्त वाहन को क्रय किया है। उक्त वाहन की बैटरी सही सर्विस नहीं दे रही है, ना ही इंजन भली प्रकार से सर्विस दे पा रहा है। इस प्रकार से अप्रार्थी की सर्विस कमी स्पष्ट रूप से प्रकट होती है। प्रार्थी ने अपने उक्त वाहन में जो उपरोक्त कमियां बतलाई है जिन्हें वारंटी पीरियड में ठीक करने का जिम्मा अप्रार्थी पर है। प्रार्थी ने अप्रार्थी को परेशान करने के लिए या उससे किसी प्रकार का नाजायज फायदा उठाने के लिए झूंठा परिवाद प्रस्तुत नहीं किया है। अप्रार्थी कम्पनी का यह स्पष्ट रूप से सेवा दोष है। इस प्रकार से परिवादी, अप्रार्थी के विरूद्ध अपना परिवाद साबित करने में सफल रहा है। परिवाद स्वीकार किया जाता है।

 

आदेश

 

4.            आदेश दिया जाता है कि अप्रार्थी, प्रार्थी के उक्त विवादित वाहन का इंजन फ्री आॅफ कोस्ट एक माह में दुरूस्त कराये। इसी अवधि में पुरानी बैटरी बदलकर नई बैटरी फ्री आॅफ कोस्ट लगाई जाये। पक्षकार खर्चा अपना-अपना वहन करें।

 

 

 

                आदेश आज दिनांक 14.07.2015 को लिखाया जाकर खुले न्यायालय में सुनाया      गया।

 

 

 

।बलवीर खुडखुडिया।    ।बृजलाल मीणा।   ।श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य।

                सदस्य             अध्यक्ष                   सदस्या

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Brijlal Meena]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.