(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-540/2010
United India Insurance Company Limited
Verus
Dharam Singh Dasila C/O Mukul Saxena resident of 155
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री वी0पी0 शर्मा, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री अनिल कुमार मिश्रा, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :10.01.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-78/2007, धरम सिंह दसिला बनाम यूनाइटेड इंडिया इं0कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, रामपुर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 18.02.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर उभय पक्ष के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता मंच ने बीमित वाहन सं0 यू0पी0 22 एम 6181 की बीमित अवधि के दौरान दुर्घटना कारित होने पर मरम्मत में खर्च राशि की पूर्ति के लिए अंकन 26,979/-रू0 08 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया गया है। निर्धारित तिथि दिनांक 18.07.2006 तक भुगतान प्राप्त न होने पर क्षतिपूर्ति की राशि एवं ब्याज की राशि 2 गुना होने का भी आदेश अंकित किया गया है।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि निर्णय का द्वितीय भाग पूर्णता अवैधानिक है तथा सर्वेयर द्वारा केवल 19,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आंकलन किया गया है, जबकि उपभोक्ता मंच द्वारा 26,979/-रू0 की राशि अदा करने के लिए आदेशित किया गया है, परंतु चूंकि जिला उपभोक्ता मंच के समक्ष जो रसीद प्रस्तुत की गयी थी, उन रसीदों के आधार पर क्षति की राशि का आंकलन किया गया है इसलिए आंकलन के संबंध में दिये गये निष्कर्ष में परिवर्तित करने का कोई आधार नहीं है, यद्यपि आदेश के दूसरे भाग का कोई औचित्य नहीं है। अत: अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश का द्वितीय भाग अर्थात निश्चित तिथि तक भुगतान न होने पर क्षतिपूर्ति तथा ब्याज की राशि डबल हो जायेगी, अपास्त किया जाता है। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट-3