SHIV CHARAN filed a consumer case on 16 Jun 2021 against DHAN LAXMI NIDHI LTD. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/5/2018 and the judgment uploaded on 30 Jun 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 05 सन् 2018
प्रस्तुति दिनांक 10.01.2018
निर्णय दिनांक 16.06.2021
शिव चरन पुत्र रामलखन, साकिन मौजा- ठेकमा, पोस्ट- ठेकमा, तहo- मार्टीनगंज, जनपद- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि विपक्षी संख्या 01 कम्पनी है जो पैसे का लेन-देन करती है तथा विपक्षी संख्या 02 कम्पनी का डायरेक्टर है। विपक्षी संख्या 02 परिवादी के पड़ोस गांव का रहने वाला है जिसने उत्प्रेरित किया कि वह विपक्षी संख्या 01 के यहाँ खाता खोलकर पैसा जमा करे, उसे अन्य बैंकों से ज्यादा ब्याज मिलेगा। विपक्षी संख्या 02 की बातों पर विश्वास करके परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 के यहाँ एक आरoडीo खाता नं. डी.002आर0000079 खोला, जिसमें परिवादी मुo 1500/- रुपया प्रतिमाह जमा करता रहा। यह कि उक्त जमा धनराशि की परिपक्वता राशि मुo 18,771/- थी तथा उसकी परिपक्वता तिथि 04.08.2017 थी। परिवादी का यह कहना है कि वह विपक्षीगण के यहाँ बराबर किश्त जमा करता रहा और परिपक्वता तिथि पर विपक्षीगण से परिपक्वता राशि 18,771/- रुपए की मांग की तो विपक्षीगण उक्त धनराशि का भुगतान करने में हीलाहवाली करने लगे तथा भुगतान नहीं किए। जिससे हैरान व परेशान होकर परिवादी ने यह वाद प्रस्तुत किया है। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के दादरसी में परिपक्वता राशि 18,771/- रुपए 15% वार्षिक ब्याज की दर से अदा करने तथा मानसिक शारीरिक व आर्थिक क्षति हेतु विपक्षीगण से 50,000/- रुपए तथा खर्चा मुकदमा दिलवाए जाने का दावा किया है।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 धनलक्ष्मी निधि लिमिटेड को जमा धन सर्टिफिकेट की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
अतः चूंकि विपक्षीगण द्वारा कोई भी जवाबदावा आदि प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसलिए दिनांक 03.12.2019 को विपक्षीगण के विरुद्ध परिवाद एक पक्षीय अग्रसारित किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि परिवाद पत्र में किए गए कथनों का कोई भी खण्डन प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतः ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद पत्र स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी संख्या 01 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को परिपक्वता राशि मुo 18,771/- (रुo अट्ठारह हजार सात सौ इकहत्तर मात्र) अन्दर तीस दिन परिवादी को अदा करे, जिस पर परिवाद दाखिला की तिथि से भुगतान की तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज देय होगा तथा विपक्षी संख्या 01 को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति हेतु 4,000/- रुपए (रुo चार हजार मात्र) तथा खर्चा मुकदमा 1,000/- रुपए (रुo एक हजार मात्र) भी अदा करे।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 16.06.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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