Uttar Pradesh

StateCommission

A/2001/1651

Raghunath Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Devraj Singh Tyagi - Opp.Party(s)

Arvind Garg

17 Dec 2014

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2001/1651
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Raghunath Cold Storage
A
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'ABLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

सुरक्षित

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

अपील संख्‍या-1651/2001

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-253/1998 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26-06-2001 के विरूद्ध)

 

1- Manager Shri Raghunath Cold Storage, Bulandshahr Road, Hapur District-Ghaziabad.

2- Shri Arvind Kumar, S/o Shri Ramesh Chandra, R/o Alok Colony, Hapur District Ghaziabad, Manager, shri Raghunath cold storage, Bulandshahr Road, Hapur District-Ghaziabad.                                                            अपीलार्थी/विपक्षीगण

                                                  बनाम्

Shri Devraj Singh Tyagt S/o Shri Mangu Singh Tyagi Resident of Taga Sarai Hapur, District-Ghaziabad.

                                              प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष :-

1-   मा0 श्री जितेन्‍द्र  नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य।

2-   मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

1-  अपीलार्थी की ओर से उपस्थित – कोई नहीं।

2-  प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित -   कोई नहीं।

दिनांक : 14-01-2015

मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य द्वारा उदघोषित निर्णय

अपीलाथी ने प्रस्‍तुत अपील विद्धान जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-253/1998 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26-06-2001 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की है जिसमें निम्‍न आदेश पारित किया गया –

'' वादी देवराज का प्रस्‍तुत वाद विरोधी पक्षकार प्रबन्‍धक श्री रघुनाथ कोल्‍ड स्‍टोरेज बुलन्‍दशहर हापुड तथा उक्‍त कोल्‍ड स्‍टोरेज के प्रबन्‍धक एवं स्‍वामी श्री अरविन्‍द शर्मा के विरूद्ध इस निर्देश के साथ स्‍वीकार तथा डिक्री किया जाता है कि वादी को विरोधी पक्षकार 41,000/-रू0 की राशि इस निर्णय के पारित होने के 2 माह के अन्‍दर 6 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करेगा। ब्‍याज की गणना दिनांक 22-03-1997 से इस निर्णय के पारित होने की दिनांक तक आंकलित की जायेगी। ब्‍याज की दर साधारण एवं वार्षिक होगी। यदि विरोधी पक्षकार उक्‍त निर्णय के पारित होने के दो माह के अंदर वादी को देय राशि उदा करने में असमर्थ रहता है तो विरोधी पक्षकार   वादी को  उक्‍त  ब्‍याज  उक्‍त  राशि के अंतिम भुगतान तक अदा करने का

 

 

 

2

 

 

उत्‍तरदायी रहेगा। वादी विरोधी पक्षकार से 300/-रू0 वाद व्‍यय के रूप में भी प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा, से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।

संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार है कि उसने दिनांक 22-03-1997 को विभिन्‍न किश्‍मों का 143 बोरा आलू अंकन 63/-रू0 प्रति कुन्‍टल किराये की दर से विपक्षी के रघुनाथ कोल्‍ड स्‍टोरजमें भण्‍डारित किया था और विरोधी पक्षकार ने वादी को उक्‍त 143 बोरा आलू रखने की एक अस्‍थायी रसीद जारी की थी। वादी के कथनानुसार विरोधी पक्षकार ने कोल्‍ड स्‍टोरेज की क्षमता से अधिक आलू भण्‍डारित कर लिया था। आलू की बोरियों को विरोधीपक्षकार ने समुचित रूप से अपने यहॉं अनुरक्षित नहीं रखा था और न नियमों की अपेक्षा के अनुसार अपने यहॉं रखे हुए आलू की दो बार पल्‍टी की थी। विरोधी पक्षकार के यहॉं जनरेटर की सुविधा भी उपलब्‍ध नहीं थी। उपरोक्‍त कारणों से वादी का आलू विरोधी पक्षकार की गलतियों के कारण उक्‍त कोल्‍ड स्‍टोरेज के अंदर ही गल गया जिसके कारण वादी को 41,000/-रू0 की हानि हुई वादी का यह भी कहना है कि उक्‍त क्षतिपूर्ति उपलब्‍ध कराने में विरोधी पक्षकार असफल रहा जिसके कारण वादी को प्रस्‍तुत वाद संस्थित करना पड़ा है।

विरोधी पक्षकार ने अपना लिखित कथन दिनांक 02-10-1994 को दाखिल किया है जिसके कारण वादी को कोई क्षति नहीं हुई है। क्‍योंकि वह अपना समस्‍त आलू विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज से निकाल कर ले गया था जिसका प्रमाण विपक्षी के पास है। विरोधी पक्षकार के अनुसार वादी विरोधी पक्षकार का उपभोक्‍ता नहीं है।

उभयपक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया।

     चूंकि पत्रावली वर्ष 2001 से विचाराधीन है एवं उभयपक्ष की और से कोई उपस्थित नहीं है अत: हमने स्‍वयं पत्रावली अवलोकन किया तथा विद्धान जिला मंच द्वारा पारित निर्णय का भी परिशीलन किया।

पत्रावली का परिशीलन यह दर्शाता है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा अपीलार्थी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में 133 बोरी आलू रखा गया जिसकी रसीद कागज संख्‍या-21 लगायत 23 पत्रावली पर उपलब्‍ध है जिनके द्वारा दिनांक 22-03-1997 को कुल 133 बोरी आलू परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने विपक्षी/अपीलार्थी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखा जबकि परिवादी ने 143 बोरी आलू विपक्षी/अपीलार्थी के यहॉं रखने की बात कही है उसकी रसीद पत्रावली पर कागज संख्‍या-15 है जिसमें 143 बोरी आलू रखने की बात कही गयी है। परन्‍तु 10 बोरी आलू के संदर्भ में रसीद होना नहीं पाया जाता है एवं केवल तीन रसीदों का होना पाया जाता है। एक रसीद 19 बोरी आलू की, दूसरी रसीद 91 बोरी आलू की तथा तीसरी रसीद 23 बोरी आलू की है और इस प्रकार केवल 133 बोरी आलू के संदर्भ में ही भुगतान किया जाना न्‍यायसंगत और उचित है। अत: अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                        आदेश

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्धान जिला मंच,  गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-253/1998 देवराज सिंह बनाम प्रबन्‍धक श्री रघुनाथ कोल्‍ड स्‍टोरेज बुलन्‍दशहर आदि द्वारा पारित निर्णय/आदेश मात्र इस सीमा संशोधित किया जाता है कि विपक्षी/अपीलार्थी को आदेशित किया जाता है कि वह प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 133 बोरी आलू की कीमत अदा करें, न कि 143 बोरी आलू की कीमत अदा करे। शेष विद्धान जिला मंच द्वारा पारित निर्णय की पुष्टि की जाती है।

उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्‍यय भार स्‍वयं वहन करेंगे।

 

    

 

( जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा )                    ( बाल कुमारी)

   पीठासीन सदस्‍य                           सदस्‍य

कोर्ट नं0-4

प्रदीप मिश्रा

 

 

 

 

 
 
[HON'ABLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'ABLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.