(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-561/2010
Poorvanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd & others
Versus
Devi Dayal S/O Lala R/O Chandanpur, Mazre-Gunir, Post-Kalyanpur
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री मोहन अग्रवाल, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :25.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-319/2001, देवी दयाल बनाम पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड व अन्य में विद्वान जिला आयोग फतेहपुर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 10.02.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने विद्युत कनेक्शन पर उचित रूप से विद्युत आपूर्ति कराने और अन्य व्यक्ति को उसी ट्रान्सफार्मर से विद्युत आपूर्ति
करने के कारण हुई बाधा को दूर करने के लिए आदेश पारित किया गया है।
3. उक्त आदेश से अपीलार्थी को किसी प्रकार की क्षति नहीं है। प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा विद्युत कनेक्शन प्राप्त किया गया है, उसे नियमित रूप से विद्युत आपूर्ति प्राप्त करने का अधिकार है। यदि इस ट्रांसफार्मर से किसी अन्य व्यक्ति को विद्युत कनेक्शन देने पर विद्युत आपूर्ति में बाधा होती है तब इस बाधा को दूर करने का दायित्व विद्युत विभाग का है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में परिवर्तन करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित किया जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2