Uttar Pradesh

StateCommission

A/2007/458

Krishan Lal Khandelwal - Complainant(s)

Versus

Devendra Singh Siharwal - Opp.Party(s)

M H Khan

20 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2007/458
( Date of Filing : 01 Mar 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Krishan Lal Khandelwal
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Devendra Singh Siharwal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 20 Jun 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील सं0-458/2007

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-148/2003 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 02-02-2007 के विरूद्ध)

 

श्री किशन खण्‍डेलवाल मालिक ट्रक नं0-आर0जे0-05/जी-0784 निवासी अमैदीपुरा, किरावली, वर्तमान पता 124-बी, अशोक नगर, जिला होमगार्ड कार्यालय के सामने, जिला आगरा।

    ............अपीलार्थी/विपक्षी सं0-3.  

                                बनाम    

1. देवेन्‍द्र सिंह सिकरवार पुत्र श्री सुरेन्‍द्र सिंह, निवासी 193, ट्रान्‍स यमुना कालोनी, जिला आगरा।

            ............प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

2. राजीबीर सिंह चौहान

3. निर्मल कुमार

   दोनों पार्टनर्स मै0 राजस्‍थान बॉम्‍बे फ्राइट कैरियर, नराइच, हाथरस रोड, आगरा।  

            ............प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षी सं0-1 व 2.

 समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एम0एच0 खान विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

 

दिनांक :- 20-06-2024.

 

मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-15 के अन्‍तर्गत, जिला उपभोक्‍ता आयोग (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-148/2003 देवेन्‍द्र सिंह सिकरवार बनाम राजबीर सिंह चौहान व अन्‍य में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 02-02-2007 के विरूद्ध योजित अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम0एच0 खान को सुना गया। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

 

-2-

विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए परिवादी द्वारा विपक्षीगण को सुपुर्द किया गया आलू गन्‍तव्‍य स्‍थान पर न पहुँचने के कारण आलू की कीमत अंकन 95,281/- रू0 अदा करने का आदेश पारित किया है। साथ ही मानसिक उत्‍पीड़न के लिए अंकन 1,000/- रू0 क्षतिपूर्ति तथा अंकन 1,000/- रू0 वाद व्‍यय के रूप में भुगतान हेतु भी आदेश पारित किया है।

परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी द्वारा 204 बोरी आलू, बजन 15245 किलोग्राम, कीमत अंकन 95,281.25 रू0 विपक्षी सं0-1 के ट्रांसपोर्ट के माध्‍यम से श्री नटवर लाल जीवन लाल एण्‍ड सन्‍स नाडियाड, गुजरात को भेजा, परन्‍तु यह आलू कभी भी गन्‍तव्‍य स्‍थान पर नहीं पहुँचा। पूछताछ करने पर विपक्षी सं0-1 ने बताया कि रास्‍ते में माल मय ट्रक के गायब हो गया और थाने में रिपोर्ट करने पर ट्रक बरामद हो गया है। विपक्षीगण ने परिवादी का आलू वापस करने के लिए आश्‍वासन दिया परन्‍तु आलू वापस नहीं किया और न ही उसकी कीमत अदा की।

नोटिस की तामीलाके बाबजूद भी विपक्षीगण द्वारा विद्वान जिला आयोग के समक्ष कोई आपत्ति प्रस्‍तुत नहीं की गई। अत: परिवादी के एकतरफा साक्ष्‍य पर विचार करते हुए उपरोक्‍त वर्णित आदेश विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित किया गया।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता तर्क है कि यह कार्य व्‍यापारिक प्रकृति का है, परन्‍तु व्‍यापार में संलग्‍न होने के बाबजूद भी चूँकि आलू ट्रक के माध्‍यम से भेजा गया, अत: इस परिवादी के कृत्‍य को वाणिज्यिक नहीं का जा सकता, क्‍योंकि ट्रक मालिक द्वारा परिवादी के प्रति अपनी सेवाऐं प्रतिफल के बदले दी गई हैं। आलू गन्‍तव्‍य स्‍थान पर न पहुँचाने के लिए ट्रक मालिक उत्‍तरदायी है। उनके द्वारा ट्रक को बरामद करने का प्रयास तो किया गया, परन्‍तु परिवादी के आलू को बरामद करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।

परिवाद के तथ्‍यों का खण्‍डन विपक्षीगण द्वारा विद्वान जिला आयोग के समक्ष नहीं किया गया, इसलिए अखण्‍डनीय साक्ष्‍य के आधार पर प्रश्‍नगत निर्णय एवं

 

-3-

आदेश पारित किया गया, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की कोई आवश्‍यकता नहीं है।

तदनुसार अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

वर्तमान अपील निरस्‍त की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-148/2003 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 02-02-2007 की पुष्टि की जाती है।

अपील व्‍यय उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

अपीलार्थी द्वारा यदि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत कोई धनराशि जमा की गई हो तो वह सम्‍पूर्ण धनराशि मय अर्जित ब्‍याज के सम्‍बन्धित जिला आयोग को विधि अनुसार शीघ्रातिशीघ्र प्रेषित कर दी जाए ताकि विद्वान जिला आयोग द्वारा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश के सन्‍दर्भ में उक्‍त धनराशि का विधि अनुसार निस्‍तारण किया जा सके।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

        (सुधा उपाध्‍याय)                     (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                             सदस्‍य                    

 

दिनांक :- 20-06-2024.

 

 

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.         

 

  

             

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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