Uttar Pradesh

StateCommission

A/2000/2308

Union of India - Complainant(s)

Versus

Devendra Kumar - Opp.Party(s)

P W Khan

12 Dec 2014

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2000/2308
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Union of India
Moradabad
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Ashok Kumar Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'ABLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज् उपभोक्ता  विवाद प्रतितोष आयोग, 0 प्र0 लखनऊ।

                                सुरक्षित

          अपील संख्‍या-2308/2000      

1-यूनियन आफ इण्डिया द्वारा सेक्रेटरी रेलवे बोर्ड रेल भवन, नई दिल्‍ली।

2-डिवीजनल रेलवे मैंनेजर, इलाहाबाद डिवीजन, नार्दन रेलवे, इलाहाबाद।

3-स्‍टेशन मास्‍टर, रेलवे स्‍टेशन बहजोई मुरादाबाद।

                                       अपीलार्थीगण/विपक्षीगण                       

                                  बनाम

श्री देवेन्‍द्र कुमार, पुत्र श्री परमानन्‍द वार्ष्‍णेय निवासी बाजार गंज, सराय सरीन, तहसील-सम्‍भल, जिला-मुरादाबाद।                                                                     प्रत्‍यर्थी/परिवादी                                  

समक्ष:-

1-मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी पीठासीन सदस्‍य।

2-मा0 श्री संजय कुमार सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित। विद्वान अधिवक्‍ता श्री पी0 पी0 श्रीवास्‍तव।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित।   विद्वान अधिवक्‍ता श्री बी0 पी0 शर्मा।

दिनांक 30-12-2014

 

    मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी पीठासीन न्‍यायिक सदस्‍य द्वारा उदघोषित

   निर्णय

अपीलार्थीगण ने प्रस्‍तुत अपील विद्वान जिला मंच द्वितीय मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-374/1995 देवेन्‍द्र कुमार बनाम यूनियन आफ इण्डिया में पारित आदेश दिनांक 17-08-2000 के विरूद्ध प्रस्‍तुत किया है जिसमें कि विद्वान जिला मंच ने शिकायत कर्ता की शिकायत स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-2 को यह आदेशित किया है कि वे शिकायतकर्ता को 5,000/-रू0 की धनराशि बतौर हर्जाना एवं 30/-रू0 रिजर्वेशन चार्ज एक माह के अन्‍दर अदा करे।

उपरोक्‍त वर्णित आदेश से क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी द्वारा यह अपील योजित की गयी है। 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री पी0 पी0 श्रीवास्‍तव, प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री बी0 पी0 शर्मा उपस्थित हैं।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी मुरादाबाद में वकालत करता है इस संबंध में उसे विधिक कार्य से उसे इलाहाबाद आना-जाना पड़ता है उसने 1995 माह जनवरी में अपने मुकदमें के कार्य से ट्रेन संख्‍या-4163 लिंक एक्‍सप्रेस में चंदौसी से इलाहाबाद गया, लेकिन उक्‍त ट्रेन चंदौसी से अलीगढ़ तक एक्‍सप्रेस ट्रेन का किराया लिया जाता है इस सम्‍बन्‍ध में

 

2

उसने एक पत्र अपीलार्थी विपक्षी संख्‍या-1 को 30 जनवरी 1995 को किराया कम करने के सम्‍बन्‍ध में भेजा लेकिन कोई ध्‍यान नहीं दिया गया। शिकायतकर्ता ने दिनांक 06-08-1995 को चंदौसी से इलाहाबाद के लिए ट्रेन संख्‍या-4163 द्वारा रवाना हुआ और उसने 117/-रू0 का टिकट खरीदा दिनांक 07-08-1885 को सुबह 3 बजे जब वह इलाहाबाद पहुंचा तो उसकी तबियत खराब हो गयी तब उसने दिनांक 08-08-1995 को टिकट लिया और 147/-रू0 का भुगतान किया। परिवादी का नाम प्रतीक्षा लिस्‍ट नम्‍बर-09 पर था किन्‍तु ट्रेन पर उसे यह बताया गया कि बर्थ मिलना सम्‍भव नहीं है अत: ऐसी परिस्थिति में उसने खड़े-खड़े रिजर्वेशन चार्ज देने के बाद जनरल बोगी में यात्रा की अत: उसे रिजर्वेशन चार्ज वापिस दिलाया जाय तथा 50,000/-रू0 मानसिक एवं आर्थिक क्षति के रूप में दिलाया जाय।

अपीलार्थी विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा प्रतिवाद करते हुए यह बताया गया कि परिवादी का आरक्षण प्रतीक्षा सूची में 09 पर रखा गया था जो बाद में अंतिम चार्ट में प्रतीक्षा सूची संख्‍या-06 पर आ गया अत: उसको बर्थ मिलना सम्‍भव नहीं था उसका प्रकरण रेलवे क्‍लेम्‍स ट्रिब्‍यूनल एक्‍ट की धारा-13, 15 से बाधित है और उसकी शिकायत रेलवे क्‍लेम्‍स ट्रिब्‍यूनल एक्‍ट की धारा-13, 15 से बाधित है और इस न्‍यायालय में नहीं चल सकता है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह तर्क दिया कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी का प्रकरण रिजर्वेशन चार्ज को वापिस लिये जाने हेतु है अत: ऐसी परिस्थिति में उसका परिवाद रेलवे क्‍लेम्‍स ट्रिब्‍यूनल एक्‍ट 1987 की धारा-13, 15 के अन्‍तर्गत बाधित है और उपभोक्‍ता न्‍यायालय में पोषणीय नहीं है। प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क दिया कि विद्वान जिला मंच ने विधि अनुसार निर्णय पारित है एवं उपभोक्‍ता संरक्षण की धारा-3 के अन्‍तर्गत उसका परिवाद पोषणीय है।

प्रश्‍नगत निर्णय एवं पत्रावली में उपलब्‍ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया प्रश्‍नगत प्रकरण परिवादी द्वारा रिजर्वेशन चार्ज को वापिस लिये जाने हेतु है जिसके सम्‍बन्‍ध में परिवादी रेलवे क्‍लेम्‍स 1987 की धारा-13 (1) (बी) के अन्‍तर्गत रेलवे ट्रिब्‍यूनल के समक्ष प्रस्‍तुत किया जा सकता है क्‍योंकि उपरोक्‍त अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत किसी अन्‍य न्‍यायालय को इसके श्रवण का क्षेत्राधिकार नहीं है। उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-1986 के बाद रेलवे क्‍लेम्‍स ट्रिब्‍यूनल 1987 तथा रेलवे एक्‍ट 1989 प्रभावी हुआ है।

अत: उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर अपील स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है एवं प्रश्‍नगत निर्णय निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

 

3

                     आदेश

अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला मंच द्वारा परिवाद संख्‍या-374/1995 देवेन्‍द्र कुमार बनाम यूनियन आफ इण्डिया में पारित आदेश दिनांक 17-08-2000 निरस्‍त किया जाता है। परिवादी/प्रत्‍यर्थी अपना परिवाद/प्रतिवेदन को सक्षम न्‍यायालय/अधिकरण के समक्ष प्रस्‍तुत कर सकता है जो कि काल बाधित नहीं माना जाएगा।

वाद व्‍यय पक्षकार अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

     इस निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाये। 

 

 

 

(अशोक कुमार चौधरी)                                 (संजय कुमार)

 पीठासीन सदस्‍य                                             सदस्‍य

 मनीराम आशु0-2

 कोर्ट- 3  

 
 
[HON'ABLE MR. Ashok Kumar Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'ABLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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