''राष्ट्रीय लोक अदालत''
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-2642/2013
दि न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी लि0 बनाम देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी पुत्र श्री पी0के0 त्रिपाठी
दिनांक: 14.09.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील आज ''राष्ट्रीय लोक अदालत'' के सम्मुख प्रस्तुत की गयी, जो इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, प्रतापगढ़ द्वारा परिवाद संख्या-194/2001 देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी बनाम शाखा प्रबंधक दि न्यू इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.09.2013 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है। प्रस्तुत अपील विगत लगभग 11 वर्षों से लम्बित है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री जफर अजीज को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद निर्णीत करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया है:-
''परिवादी द्वारा विपक्षी के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद, विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी बीमा कम्पनी को आदेशित किया जाता है कि रू0 32,172/-आदेश से 60 दिन में भुगतान करे, ऐसा न करने पर उक्त धनराशि पर दावा के दिनांक से भुगतान की तिथि तक 6 प्रतिशत ब्याज एवं रू0 5,000/- क्षतिपूर्ति तथा रू0 3,000/-वाद-व्यय भी अदा करना होगा।''
जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त तथा अपीलार्थी के विद्वान
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अधिवक्ता की सहमति से मैं इस मत का हूँ कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो क्षतिपूर्ति हेतु 5000/-रू0 की देयता निर्धारित की गयी है, उसे न्यायहित में 2000/-रू0 किया जाना उचित है। इसके साथ ही जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो वाद व्यय हेतु 3000/-रू0 की देयता निर्धारित की गयी है, उसे न्यायहित में 1000/-रू0 किया जाना उचित है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, प्रतापगढ़ द्वारा परिवाद संख्या-194/2001 देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी बनाम शाखा प्रबंधक दि न्यू इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.09.2013 को संशोधित करते हुए क्षतिपूर्ति हेतु 2000/-रू0 (दो हजार रूपए) एवं वाद व्यय हेतु 1000/-रू0 (एक हजार रूपए) की देयता निर्धारित की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की
जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1