( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या : 435/2019
अधिशासी अभियन्ता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड
बनाम
देवेन्द्र कुमार सिंह
दिनांक : 18-05-2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-97/2017 देवेन्द्र कुमार सिंह बनाम अधिशासी अभियन्ता दक्षिणांचल विद्युत वितरण खण्ड कासगंज में जिला उपभोक्ता आयोग, कासगंज द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 14-02-2019 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
विद्धान जिला आयोग द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया है :-
‘’ प्रस्तुत वाद वादी सव्यय स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह दो माह के अंदर फरवरी, 2016 से पिछले बिलों के औसत के आधार पर निर्णय की तिथि तक के लिए संशोधित बिल जारी करें तथा परिवादी द्वारा दिनांक 16-11-2016 से जमा धनराशि बिलों में समायोजन करने के साथ मानसिक शारीरिक क्षति व वाद व्यय के एवज में 5,000/-रू0 अदा किया जाना सुनिश्चित करें।
उपरोक्त बिल विभाग द्वारा जारी किये जाने के पश्चात यदि कोई विद्युत देय परिवादी पर शेष निकलता है तो परिवादी उक्त रकम अविलम्ब अदा करें। ‘’
-2-
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री इसार हुसैन उपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
प्रस्तुत अपील वर्ष 2019 से इस न्यायालय के सम्मुख सुनवाई हेतु लम्बित है।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के विरूद्ध है। अत: अपील करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जावे।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों का परीक्षण एवं परिशीलन करने के पश्चात मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा जो निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है वह उचित प्रतीत होता है, जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है किन्तु विद्धान जिला आयोग द्वारा जो मानसिक, शारीरिक क्षति व वाद वाद के एवज में 5,000/-रू0 विपक्षी से परिवादी को दिलाया गया है उसे वाद के तथ्यों को परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए उचित नहीं कहा जा सकता है और निरस्त किये जाने योग्य है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
-3-
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुए मानसिक, शारीरिक क्षति व वाद वाद के एवज में 5,000/-रू0 अदा करने के आदेश को निरस्त किया जाता है। निर्णय का शेष भाग यथावत कायम रहेगा।
इस निर्णय एवं आदेश का अनुपालन निर्णय से 45 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित किया जावे।
उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम के अन्तर्गत अपील में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो मय अर्जित ब्याज सहित जिला आयोग को विधि अनुसार निस्तारण हेतु यथाशीघ्र प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1