Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/1408

Manager Glenhill School - Complainant(s)

Versus

Devendra Kumar Pandey - Opp.Party(s)

Sanjeev Bahadur Srivastava

23 Oct 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/1408
( Date of Filing : 08 Jul 2014 )
(Arisen out of Order Dated 25/04/2014 in Case No. C/2013/374 of District Varanasi)
 
1. Manager Glenhill School
Varanasi
...........Appellant(s)
Versus
1. Devendra Kumar Pandey
Varanasi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 23 Oct 2018
Final Order / Judgement

सुरक्षित

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या :1408/2014

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्‍या-374/2013 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 25-04-2014 के विरूद्ध)

Manager, Glenhill School, (Senior Secondary, Affiliated to CBSE Board, New Delhi) Manduadhi, Varanasi.       .........अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

Devendra Kumar Pandey,S/o Shri Kailash Nath Pandey R/o Gram Panditpur, Post Raisipur, Thana Jansa, Hal Pata-Plot No. 62 A, St. Jaunse Colony, Thana Manduadih, Distt. Varanasi.

                                                   .....प्रत्‍यर्थी/परिवादी

अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-          श्री संजीव बहादुर श्रीवास्‍तव।

प्रत्‍यर्थी  की ओर से उपस्थित-           श्री वरूण कुमार मिश्रा।

समक्ष  :-

  1. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता,              पीठासीन सदस्‍य।
  2. मा0 श्री महेश चन्‍द,                    सदस्‍य

दिनांक :

मा0 श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित निर्णय

परिवाद संख्‍या-374/2013 देवेन्‍द्र कुमार पाण्‍डेय बनाम् प्रबंधक, Glenhill School में जिला उपभोक्‍ता फोरम, वाराणसी  द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय एवं आदेश दिनां‍क 25-04-2014 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

इस प्रकरण में विवाद के संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी की नियुक्ति ग्‍लेनहिल स्‍कूल सीनियर सेक्रेन्‍डरी स्‍कूल में पी0जी0टी0 टीचर के रूप में रसायन विज्ञान पढ़ाने के लिए रू0 20,230/- प्रतिमाह पर हुई थी। जी0पी0एफ0 के रूप में रू0 1560/- उसके वेतन से कटौती की जाती थी।  दिनांक

2

30-09-2013 को स्‍कूल के प्रबंधक ने व्‍यक्तिगत द्धेष भावना के कारण उसे सेवा से टर्मिनेट कर दिया और उसे किसी प्रकार की कोई नोटिस भी नहीं दिया जब कि बिना सूचना के निकालने पर उक्‍त सत्र का पूरा वेतन देने का नियम है जो कि विपक्षीगण द्वारा नहीं दिया गया, जो कि विपक्षी के स्‍तर पर सेवा में कमी है इसलिए  परिवादी ने परिवाद संख्‍या-374/2013 जिला फोरम वाराणसी के समक्ष योजित करते हुए निम्‍न अनुतोष दिलाये जाने की याचना की है :-

  1. यह कि विपक्षी से परिवादी के 07 माह का वेतन रू0 1,21,380/- दिलाया जाए।
  2. यह कि परिवादी को विपक्षी से जी0पी0एफ0 धनराशि रू0 10920/- दिलाया जाए।
  3. यह कि परिवादी को मानसिक, शारीरिक भागदौड के मद रू0 2,50,000/- दिलाया जाए। ’  ‍

     जिला फोरम द्वारा विपक्षी को नोटिस निर्गत की गयी किन्‍तु विपक्षी की ओर से न तो कोई उपस्थित आया और न ही कोई जवाब दावा दाखिल किया गया अत: विपक्षी के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से की गयी है।

विद्धान जिला फोरम ने परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुनकर निम्‍नलिखित आक्षेपित आदेश पारित किया है :-

     ‘परिवादी देवेन्‍द्र पाण्‍डेय का परिवाद निम्‍नांकित रूप से स्‍वीकार किया जाता है और आज विपक्षी को यह आदेश पारित किया जाता है कि वह परिवादी को माह सितम्‍बर का वेतन रू0 20,230/- और बाद का तीन माह का वेतन रू0 60,690/- सेवा समाप्ति का पी0पी0एफ0 की जो भी कटौती वेतन से किया गया है नियमानुसार एक माह के अंदर विपक्षी परिवादी को अदा करें1 विपक्षी परिवादी को रू0 5000/- मानसिक कष्‍ट व रू0 2000/- वाद व्‍यय भी अदा करें। एक माह में धनराशि अदा न करने पर 07 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से सम्‍पूर्ण धनराशि पर दावा प्रस्‍तुतीकरण से संतुष्‍टीकरण तक ब्‍याज धन भी देय होगा। परिवादी द्वारा मांगे गये शेष अनुतोष खारिज किये जाते हैं1‘’

     इसी आदेश से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।

 

 

3

अपील सुनवाई हेतु पीठ के समक्ष प्रस्‍तुत हुई। अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री संजीव बहादुर श्रीवास्‍तव उपस्थित हुए। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री वरूण कुमार मिश्रा उपस्थित हुए।  

पीठ द्वारा उभयपक्षों के विद्धान अधिवक्‍ताओं के तर्कों को सुना गया तथा आक्षेपित निर्णय व आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

पत्रावली के अवलोकन से यह स्‍पष्‍ट है कि प्रश्‍नगत प्रकरण उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-1986 की परिधि में नहीं आता है। परिवादी प्रत्‍यर्थी ने अपीलार्थी के विद्यालय में शिक्षण कार्य किया तथा विद्यालय प्रबन्‍धन द्वारा Moral Turpitude के आधार पर उसकी सेवा समाप्‍त कर दी गई। अपने शेष वेतन तथा अन्‍य देयों की वसूली के लिए उसे दीवानी न्‍यायालय अथवा अन्‍य सक्षम फोरम में वाद दायर करना चाहिए था। इस प्रकरण की सेवा संबंधी विवाद के निस्‍तारण हेतु उपभोक्‍ता फोरम सक्षम नहीं है। विद्धान जिला फोरम ने प्रश्‍नगत परिवाद का संज्ञान लेकर विधिक रूप से त्रुटि की है। प्रश्‍नगत आदेश निरस्‍त होने योग्‍य है तथा अपील स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

अपील स्‍वीकार की जाती है। प्रश्‍नगत आदेश निरस्‍त किया जाता है। परिवाद भी निरस्‍त किया जाता है। अपील स्‍तर पर उभयपक्ष अपना अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करें।

इस आदेश की नि:शुल्‍क प्रमाणित प्रति पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

 

(राज कमल गुप्‍ता)                                   (महेश चन्‍द)

 पीठासीन सदस्‍य                                       सदस्‍य

कोर्ट नं0-3, प्रदीप मिश्रा, आशु0

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

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