Uttar Pradesh

StateCommission

A/2004/692

M/s Eicher Tractors - Complainant(s)

Versus

Devendra Bahadur Singh - Opp.Party(s)

A Tandon

12 Apr 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2004/692
( Date of Filing : 23 Mar 2004 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. M/s Eicher Tractors
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Devendra Bahadur Singh
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Apr 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील सं0-692/2004

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0-117/1993 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18-07-2003 के विरूद्ध)

 

मै0 आयशर ट्रैक्‍टर्स लिमिटेड, 59, एन0आई0टी, फरीदाबाद।

...........अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2.      

 

बनाम

 

1. देवेन्‍द्र बहादुर सिंह पुत्र श्री प्रताप बहादुर, निवासी ग्राम बहुवरा सुनवा, परगना मवई, तहसील रूदौली, जिला बाराबंकी।

............ प्रत्‍यर्थी/परिवादी।  

 

2. लखपत राय शर्मा, मैनेजर, सलवान ट्रैक्‍टर कम्‍पनी, वर्तमान नाम वीर प्रताप किसान ट्रैक्‍टर कम्‍पनी, नाका पैसार, फैजाबाद रोड, बाराबंकी।

............ प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-1.

3. स्‍टेट बैंक आफ इण्डिया, ब्रान्‍च रूदौली, जिला बाराबंकी द्वारा ब्रान्‍च मैनेजर।   

............ प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-3.

 

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अरूण टण्‍डन विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार शर्मा विद्वान 

                               अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-2 व 3 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

 

दिनांक : 12-04-2024.

 

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-15 के अन्‍तर्गत, जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0-117/1993

 

 

-2-

देवेन्‍द्र बहादुर सिंह बनाम लखपत राय शर्मा व दो अन्‍य में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18-07-2003 के विरूद्ध योजित की गई है।

विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए विपक्षी सं0-1 व 2 को संयुक्‍त रूप से तथा पृथक-पृथक रूप से आदेश दिया है कि वे परिवादी को नया ट्रैक्‍टर उपलब्‍ध कराऐं अन्‍यथा अंकन 1,19,300/- रू0 की राशि 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज के साथ भुगतान करें।

परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी द्वारा अंकन 1,19,300/- रू0 में एक ट्रैक्‍टर दिनांक 23-09-1992 को धनराशि जमा करते हुए क्रय किया गया था। दिनांक 10-01-1993 को परिवादी को ट्रैक्‍टर बदल कर दिया गया, जिसका चेसिस नं0-145/0262553 तथा इंजन नं0-54429936481 है। सेल लैटर में गलत नम्‍बर होने के कारण दूसरा सेल लैटर जारी करने के लिए कहा गया कि घर जाकर देखा तो यह पाया कि ट्रैक्‍टर पुराना है। परिवाद के  विपक्षी सं0-1 से शिकायत की गई, जिनके द्वारा विपक्षी सं0-2 से सम्‍पर्क करने के लिए कहा गया। विपक्षी सं0-2 द्वारा ट्रैक्‍टर के साथ आवश्‍यक टूल्‍स भी नहीं दिए गए और गलत इंजन नम्‍बर होने के कारण पंजीकरण भी नहीं हो सका। उपरोक्‍त सभी तथ्‍य स्‍थापित मानते हुए विद्वान जिला आयोग ने उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया। 

हमारे द्वारा केवल अपीलार्थी एवं प्रत्‍यर्थी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस विस्‍तार से सुनी गयी तथा पत्रावली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया गया। प्रत्‍यर्थी सं0-2 व 3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि ट्रैक्‍टर का विक्रय डीलर द्वारा किया गया है। अपीलार्थी के विरूद्ध परिवाद में कोई आरोप भी नहीं लगाया गया है। सेल लैटर तथा अन्‍य टूल्‍स न उपलब्‍ध कराने का आरोप परिवाद के विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध है। ट्रैक्‍टर में निर्माण सम्‍बन्‍धी त्रुटि का कोई आरोप परिवाद में नहीं है, इसलिए उक्‍त आरोपों के लिए

 

-3-

अपीलार्थी को उत्‍तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। यह सही है कि परिवाद में सभी आरोप विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध लगाए गए हैं, जिसकी पुष्टि परिवाद के तथ्‍यों से होती है। चूँकि परिवाद में सभी आरोप विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध लगाए गए है, इसलिए विद्वान जिला आयोग के आदेश का अनुपालन करने का उत्‍तरदायित्‍व केवल परिवाद के विपक्षी सं0-1 का है न कि अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 का।

तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0-117/1993 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18-07-2003 इस प्रकार संशोधित किये जाने योग्‍य है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित इस आदेश का अनुपालन मात्र परिवाद के विपक्षी सं0-1 द्वारा ही किया जायेगा न कि अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 द्वारा।

तदनुसार वर्तमान अपील, केवल अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 पक्ष में स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।  

आदेश

वर्तमान अपील, केवल अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 के पक्ष में स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0-117/1993 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18-07-2003 इस सीमा तक संशोधित किया जाता है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित इस आदेश का अनुपालन मात्र परिवाद के विपक्षी सं0-1 द्वारा ही किया जायेगा न कि अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 द्वारा।

अपील व्‍यय उभय पक्ष पर।

अपीलार्थी द्वारा उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उस धनराशि को अर्जित ब्‍याज सहित विधि अनुसार एक माह में अपीलार्थी को वापस अदा किया जाए।

     

-4-

उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

       (सुधा उपाध्‍याय)                   (सुशील कुमार)

             सदस्‍य                           सदस्‍य                    

 

 

दिनांक : 12-04-2024.

 

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.     

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.