RamNath Singh filed a consumer case on 03 Apr 2017 against Desty Money Sequrities in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/272/2016 and the judgment uploaded on 29 Jun 2017.
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण को आदेषित किया जाये कि विपक्षीगण, परिवादी को रू0 43,547.99 मय 18 प्रतिषत ब्याज के जो कि परिवादी की बिना सहमति षेयरों को बेचने व खरीदने में हुए नुकसान के रूप में अदा करे, मानसिक व षारीरिक क्षति हेतु रू0 50,000.00 तथा परिवाद व्यय रू0 6000.00 अदा करे।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-3 नन्दकिषोर श्रीवास्तव के कहने पर परिवादी ने विपक्षी डिस्टमिनी सिक्योरिटीज प्रा0लि0 खाता क्लाईट आई. डी. ज्ञछच्त्त्।387 एवं डी.पी.आई.डी. नं0-12045500 दिनांक 07.03.14 को खुलवाया गया। उक्त कंपनी द्वारा डिलीवरी स्लिप बुक नं0-45728 लीव नं0-411061 से 411065 प्रदान की गयी और बताया गया कि जब भी किसी षेयर को बेंचा जायेगा, उक्त स्लिप द्वारा ही षेयर ट्रांसफर हो
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सकेगा। परिवादी द्वारा इस स्लिप का कभी प्रयोग नहीं किया गया। परिवादी को दिनांक 21.08.15 को इनकम टैक्स विभाग का नोटिस प्राप्त हुआ तो परिवादी को ज्ञात हुआ कि परिवादी के खाते में विपक्षी कंपनी द्वारा रू0 10,00,000.00 से अधिक के ट्रांजैक्षन किये गये हैं। उक्त कंपनी से प्राप्त फाईनेन्सियल स्टेटमेंट दिनांक 01.04.14 से 04.04.15 के अवलेकन से ज्ञात हुआ कि उक्त कंपनी ने बिना अथारिटी एवं परिवादी को बताये बिना परिवादी के षेयर खातें में लाखों रूपये के ट्रांजेक्षन किये हैं तथा डिलेड पेमेंट के रूप में दिनांक 24.05.14 से दिनांक 20.09.14 तक रू0 4,163.99 डेबिट किया गया है। पासबुक की इन्ट्री कराने पर ज्ञात हुआ कि कंपनी द्वारा बैंक खाते से कई बार धन निकाला गया है। विपक्षी का उक्त कृत्य गंभीर प्रकार की अनियमितता एवं सेवा में कमी का द्योतक है। परिवादी के बैंक खाता सं0-695610100003842 से दिनांक 12.04.14 को रू0 7800.00, दिनांक 03.06.14 को रू0 49,000.00 तथा दिनांक 24.01.15 को रू0 25000.00 कुल रू0 74000.00 निकाला गया है तथा दिनांक 14.07.14 को रू0 9000.00 व दिनांक 28.01.15 को रू0 24,416.00 क्रेडिट किया गया है। कंपनी के फाइनेन्सियल लेजर एवं परिवादी के बैंक खाते के अनुसार परिवादी को प्रत्यक्ष रूप से रू0 43,547.99 की हानि हुई है। बावजूद विधिक नोटिस विपक्षीगण के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 22.11.16 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 10.05.16 एवं 18.01.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची
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कागज सं0-4/1 व 4/2 के साथ संलग्नक कागज सं0-4/3 लगायत् 4/30 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
6.परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा प्रस्तुत लिखित बहस व पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण की ओर से बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से, परिवादी को रू0 43,547.99 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली दिलाये जाने के लिए तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
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ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को, रू0 43,547.99 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
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