Uttar Pradesh

StateCommission

A/1084/2022

Manish Tyagi - Complainant(s)

Versus

Dell Tecnologis Pvt. Ltd. - Opp.Party(s)

Sanjay Kumar Kuntal

20 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1084/2022
( Date of Filing : 13 Oct 2022 )
(Arisen out of Order Dated 14/09/2022 in Case No. C/2018/138 of District Muradabad-I)
 
1. Manish Tyagi
S/o Sri Rajesh Tyagi R/o Kothi bal nagar Hyland Firm Ke Peecche Doodh Dairy Moradabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Dell Tecnologis Pvt. Ltd.
Banglore
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 20 Dec 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1084/2022

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग-प्रथम, मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या 138/2018 में पारित आदेश दिनांक 14.09.2022 के विरूद्ध)

मनीष त्‍यागी पुत्र श्री राजेश त्‍यागी निवासी कोठीबाल नगर, हाईलैण्‍ड फर्म के पीछे, त्‍यागी दूध डेयरी थाना कोतवाली शहर, मुरादाबाद

                              ........................अपीलार्थी/परिवादी  

बनाम

1. डेल टैक्‍नोलाजिस प्रा0 लि0 सी/ओ लीगल डिपार्टमेन्‍ट मेलरूम दिव्‍या श्री ग्रीन कोरामंगल इनर रिंग रोड, डोमलूर पो0 बैंगलोर द्वारा प्रबन्‍धक।

2. प्रेम कम्‍प्‍यूटर दुकान नं0-5 सुपर बाजार ग्राउण्‍ड फ्लोर रोड, जनपद-मुरादाबाद द्वारा ब्रांच मैनेजर

                             ...................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री संजय कुमार कुन्‍तल,  

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 20.12.2022

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग-प्रथम, मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-138/2018 मनीष त्‍यागी बनाम डेल टैक्‍नोलाजिस प्रा0लि0 व एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 14.09.2022 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है।

जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा प्रश्‍नगत आदेश के द्वारा परिवाद खारिज किया गया है।

मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता      श्री संजय कुमार कुन्‍तल को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

     संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा डेल डेस्‍कटॉप

 

 

-2-

दिनांक 15.08.2012 को 30,000/-रू0 में क्रय किया गया, जिसे खरीदते  ही उसमें खराबी थी तथा वह चालू नहीं हो पाया अर्थात् उसकी स्‍क्रीन में खराबी थी, जिसके कारण परिवादी को निराशा हुई। इस संबंध में परिवादी द्वारा डेल की उच्‍च स्‍तरीय टीम को शिकायत की गयी तो उनके द्वारा स्‍क्रीन को 10-15 दिन बाद बदल दिया गया। कुछ दिन बाद उक्‍त डेस्‍कटॉप के सी0पी0यू0 में खराबी आ गयी, जिसे डेल कम्‍पनी द्वारा ठीक नहीं किया जा सका, जबकि डेल कम्‍पनी द्वारा दो बार मदरबोर्ड व अन्‍य पार्ट बदलकर देखा गया, परन्‍तु परिवादी की समस्‍या का समाधान कुछ ही दिनों के लिए होता था तथा सिस्‍टम बार-बार ऑन-ऑफ होता था। उक्‍त डेस्‍कटॉप की वारन्‍टी अवधि निकलने के उपरान्‍त डेल कम्‍पनी द्वारा उसे ठीक नहीं किया गया। परिवादी द्वारा डेस्‍कटॉप को वापस कर नया डेस्‍कटॉप देने हेतु सम्‍बन्धित अथॉरिटी से कई बार अनुरोध किया गया, परन्‍तु परिवादी की समस्‍या का समाधान नहीं किया गया।

परिवादी का कथन है कि परिवादी द्वारा दिनांक 19.12.2017 को विपक्षीगण को नोटिस प्रेषित किया गया, परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

     विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षीगण द्वारा आपत्ति प्रस्‍तुत की गयी तथा कथन किया गया कि परिवादी द्वारा जब भी डेस्‍कटॉप में कोई खराबी बतायी गयी तो डेल कम्‍पनी के प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा उस कमी को दूर किया गया। परिवादी द्वारा वारण्‍टी अवधि बीतने के पश्‍चात् दावा प्रस्‍तुत किया गया है। परिवादी द्वारा वारण्‍टी अवधि बीतने के बाद डेस्‍कटॉप को बदलकर नया डेस्‍कटॉप देने हेतु कहा गया, जबकि वारण्‍टी अवधि बीतने के पश्‍चात् विपक्षी कम्‍पनी डेस्‍कटॉप को बदले जाने या उसका पैसा देने के लिए उत्‍तरदायी नहीं है। विपक्षीगण द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

     विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के  अभिकथन  एवं

 

 

 

-3-

उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त तथा विभिन्‍न न्‍याय निर्णयों को उल्लिखित/दृष्टिगत करते हुए यह पाया गया कि‍ परिवादी का परिवाद साक्ष्‍य व तथ्‍यों पर आधारित नहीं है, तदनुसार परिवाद खारिज किया गया।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुनने के उपरान्‍त तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग के निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त मेरे विचार से प्रस्‍तुत अपील में कोई बल नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, वह पूर्णत: सुसंगत है, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं प्रतीत होती है।

अतएव, प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                           (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)           

                          अध्‍यक्ष           

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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