राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-1118/2008
(जिला उपभोक्ता आयोग, हरदोई द्वारा परिवाद सं0-132/2007 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 05-05-2008 के विरूद्ध)
उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद व एक अन्य
बनाम
दीपांकर व एक अन्य
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 08-05-2024.
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-15 के अन्तर्गत, जिला उपभोक्ता आयोग, हरदोई द्वारा परिवाद सं0-132/2007 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 05-05-2008 के विरूद्ध योजित अपील पर बल देने के लिए कोई उपस्थित नहीं है। अत: पीठ द्वारा स्वयं पत्रावली एवं प्रश्नगत निर्णय व आदेश का सम्यक् रूप से परिशीलन किया गया।
विद्वान जिला आयोग ने परिवादी आदेशित किया कि वह अंकन 46,177.80 रू0 की धनराशि 18 प्रतिशत की दर से ब्याज सहित विपक्षी सं0-1 को भुगतान करे। इसके बादे विद्वान जिला आयोग ने विपक्षी सं0-1 को आदेशित किया कि वह उक्त राशि को प्राप्त कर व पुनर्जीवन शुल्क
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3,000/- रू0 प्राप्त कर प्रश्नगत भवन बी0 190 प्रहलादपुरी को परिवादी के हक में हस्तांतरित करे।
परिवादी के पक्ष में परिवादी के दादा स्व0 सकटेलाल द्वारा पंजीकृत वसीयत की गई। इसी वसीयत के आधार पर प्रश्नगत भवन परिवादी के पक्ष में आवंटित करने का आदेश विद्वान जिला आयोग द्वारा विपक्षी आवास विकास परिषद को दिया गया।
उल्लेखनीय है कि वसीयत स्वयं में ग्राह्य साक्ष्य का स्थान तब तक नहीं लेती जब तक कि वसीयत को साक्ष्य अधिनियम की धारा-68 के अन्तर्गत अनुप्रमाणक साक्षीयों का साक्ष्य प्रस्तुत कर साबित न किया जाए या भारतीय उत्तराधिकारी अधिनियम के अन्तर्गत प्रोवेट प्राप्त न कर लिया जाए। केवल वसीयत होने मात्र से विपक्षी आवास विकास परिषद को यह निर्देश नहीं दिया जा सकता है कि परिवादी के पक्ष में प्रश्नगत भवन को अन्तरित कर दिया जाए, जिसका आवंटन मृतक सकटेलाल के पक्ष में हुआ था। अत: विपक्षी/अपीलार्थी आवास विकास परिषद द्वारा प्रस्तुत की गई अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है, क्योंकि विद्वान जिला आयोग द्वारा वैधानिक स्थिति के विपरीत स्वामित्व को हस्तान्तरित करने का आदेश पारित किया गया है।
आदेश
वर्तमान अपील, आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, हरदोई द्वारा परिवाद सं0-132/2007 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 05-05-2008 का द्वितीय भाग अपास्त किया जाता है। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है।
अपील व्यय उभय पक्ष पर।
अपीलार्थी द्वारा यदि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत कोई धनराशि जमा की गई हो तो वह सम्पूर्ण धनराशि मय अर्जित
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ब्याज के सम्बन्धित जिला आयोग को विधि अनुसार शीघ्रातिशीघ्र प्रेषित कर दी जाए ताकि विद्वान जिला आयोग द्वारा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश के सन्दर्भ में उक्त धनराशि का विधि अनुसार निस्तारण किया जा सके।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
दिनांक : 08-05-2024.
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-1,
कोर्ट नं.-2.