Uttar Pradesh

StateCommission

RP/108/2023

PNB Housing Finance Ltd. - Complainant(s)

Versus

Deepak Kumar Singh - Opp.Party(s)

Shubham Tripathi, Aditi Tripathi, Asif Anees & Ankit Bharti

30 Oct 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/108/2023
( Date of Filing : 17 Oct 2023 )
(Arisen out of Order Dated 11/08/2023 in Case No. Complaint Case No. CC/97/2022 of District Gautam Buddha Nagar)
 
1. PNB Housing Finance Ltd.
D-2, Ground Floor, Sec-3, Noida-201301 Through its Authorised Representative
...........Appellant(s)
Versus
1. Deepak Kumar Singh
B-002, Stellar MI Citihomes, Omicron-III Greater Noida, G.B. Nagar, U.P.-201310
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 Oct 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

पुनरीक्षण संख्‍या-108/2023

पी0एन0बी0 हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड

बनाम

दीपक कुमार सिंह

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्रीमती अदिति त्रिपाठी,  

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 30.10.2023

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता     श्रीमती अदिति त्रिपाठी को सुना गया।

प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्‍या-97/2022 दीपक कुमार सिंह बनाम पी0एन0बी0 हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में पारित आदेश दिनांक 10.04.2023 एवं तदोपरान्‍त पारित आदेश दिनांक 11.08.2023 को अनुपयुक्‍त उल्लिखित करते हुए योजित की गयी।

हमारे द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 10.04.2023 में किसी प्रकार की कोई कमी अथवा अविधिक तथ्‍य उल्लिखित नहीं पाये गये। तदनुसार उपरोक्‍त आदेश पूर्णत: न्‍यायिक है, जिसमें हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

दौरान बहस पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्रीमती अदिति त्रिपाठी द्वारा दिनांक 11.08.2023 के आदेश का उल्‍लेख किया गया, जो निम्‍नवत् है:-

 

 

-2-

''प्रस्‍तुत उभय पक्षकारो को विपक्षी के प्रार्थना पत्र                   एकपक्षीय आदेश 10.4.23 को अपास्‍त किये जाने पर सुना                गया।

विपक्षी का कथन है कि नियत दिनांक को विपक्षी के अधिकृत प्रतिनिधि का स्‍वास्‍थ्‍य खराब होने के कारण न्‍यायालय उपस्थित होकर प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत नहीं कर पाए थे परिवादी ने प्रार्थना पत्र पर आपत्ति की है विपक्षी को अनेक अवसर प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत करने के दिये गये हैं। विपक्षी जानबूझकर परिवाद की कार्यवाही को विलंबित करना चाहता है।

आदेश पत्र के अवलोकन से विदित होता है कि विपक्षी को अनेक अवसर, दिनांक 21.2.23 को अन्तिम अवसर प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत करने हेतु दिया गया था। बाद की तिथियों पर भी विपक्षी ने प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया। उपरोक्‍त परिस्थितियो में विपक्षी के प्रार्थना पत्र में दिये आधार प्रार्थना पत्र स्‍वीकार किये जाने हेतु पर्याप्‍त नही है।

प्रार्थना पत्र निरस्‍त किया जाता है। पत्रावली दिनांक 22.9.23 को एकपक्षीय बहस हेतु प्रस्‍तुत हो।''

पुनरीक्षणकर्ता की विद्वान अधिवक्‍ता श्रीमती अदिति त्रिपाठी द्वारा माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा सिविल अपील डायरी नं0 31182/2023 ए0आर0एन0 इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर इण्डिया लिमिटेड बनाम हारा प्रसाद घोष में पारित आदेश दिनांक 04.09.2023 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित किया गया तथा उनके द्वारा उल्लिखित किया गया कि माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा पारित उपरोक्‍त निर्णय एवं आदेश को दृष्टिगत रखते हुए जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित ऊपर उल्लिखित आदेश दिनांक 11.08.2023 में एकपक्षीय रूप से परिवादी को अपना पक्ष प्रस्‍तुत किये जाने हेतु आदेशित किया जाना अनुचित है।

 

 

-3-

हमारे विचार से पुनरीक्षणकर्ता की विद्वान अधिवक्‍ता के उपरोक्‍त कथन में बल है, जिस हेतु पुनरीक्षण याचिका निस्‍तारित करते हुए आदेशित किया जाता है कि माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के उपरोक्‍त उल्लिखित आदेश की प्रति विविध प्रार्थना पत्र के             साथ अगली निश्चित तिथि से दो कार्यदिवस पूर्व यदि पुनरीक्षणकर्ता/‍पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्‍ता द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की जाती है तब उस स्थिति में जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उपरोक्‍त विविध प्रार्थना पत्र एवं               माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार अग्रिम आदेश पारित किया जावेगा।

तदनुसार प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका अन्तिम रूप से निस्‍तारित की जाती है।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)              (राजेन्‍द्र सिंह)     

              अध्‍यक्ष                      सदस्‍य

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 

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