Uttar Pradesh

StateCommission

A/345/2021

Pari Services And Solution - Complainant(s)

Versus

Deepak Gupta - Opp.Party(s)

Anand Dubey

06 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/345/2021
( Date of Filing : 16 Jul 2021 )
(Arisen out of Order Dated 07/11/2016 in Case No. C/2016/42 of District Ghazipur)
 
1. Pari Services And Solution
Prop. Navneet Chaubey R/o Mohalla Aamghat Sahar Ghazipur
...........Appellant(s)
Versus
1. Deepak Gupta
S/o Sri Radhey Shyam R/o Mohalla Mishra Bazar Dist. Ghazipur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 06 Jun 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील संख्‍या-345/2021

परी सर्विसेज एण्‍ड सोलूसन

बनाम

दीपक गुप्‍ता, पुत्र श्री राधेश्‍याम

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आनन्‍द दूबे,  

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 06.06.2024

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता           आयोग, गाजीपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-42/2016 दीपक गुप्‍ता बनाम प‍री सर्विसेज एण्‍ड सोलूसन में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.11.2016 के विरूद्ध विलम्‍ब से लगभग साढ़े चार वर्ष से अधिक की अवधि के पश्‍चात् प्रस्‍तुत की गयी।

मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता  श्री आनन्‍द दूबे को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

अपीलार्थी द्वारा प्रत्‍यर्थी को दस्‍ती माध्‍यम से नोटिस प्राप्‍त कराये जाने हेतु आदेश पारित किया गया, परन्‍तु अपीलार्थी को अनेक अवसर प्रदान किये जाने के बावजूद भी प्रत्‍यर्थी को दस्‍ती माध्‍यम से नोटिस प्राप्‍त नहीं करायी गयी।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा विपक्षी से दिनांक 13.07.2015 को एक सैमसंग मोबाइल 25,300/-रू0 में क्रय किया गया। फुल  वारंटी  अवधि  में  उक्‍त

 

 

 

-2-

मोबाइल के डिस्‍प्‍ले में गड़बड़ी आ गई, जिसकी शिकायत परिवादी द्वारा दिनांक 19.10.2015 को विपक्षी से की गयी, परन्‍तु विपक्षी द्वारा उक्‍त मोबाइल सही करके परिवादी को नहीं दिया गया। मोबाइल खराब होने के कारण परिवादी का व्‍यापार प्रभावित हुआ। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षी के विरूद्ध परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी द्वारा नोटिस की पर्याप्‍त तामील होने के बावजूद लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया गया तथा न ही विपक्षी की ओर से सुनवाई की तिथियों पर कोई उपस्थित हुआ। अत: विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय सुनवाई की गयी।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवादी के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त यह पाया गया कि विपक्षी द्वारा प्रश्‍नगत मोबाइल मरम्‍मत करके परिवादी को नहीं दिया गया, जो विपक्षी की सेवा में त्रुटि है। तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद निर्णीत करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

''परिवादी का परिवाद अंशत: स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देश दिया जाता है कि आज से दो माह के अंदर परिवादी का प्रश्‍नगत मोबाइल ई0एम0आई0ई0 नम्‍बर 359038/06/15948017 मरम्‍मत करके उसे वापस प्राप्‍त करायें। यदि किसी कारण उक्‍त मोबाइल वापस लौटाने में असमर्थ हो तो परिवाद योजित करने की दिनांक 12/2/2016 से भुगतान की वास्‍तविक दिनांक तक की अवधि के लिए 07 प्रतिशत वार्षिक दर से साधारण ब्‍याज सहित प्रश्‍नगत मोबाइल का मूल्‍य रू0 25300/- भुगतान करे और परिवाद व्‍यय के रूप में परिवादी को रू0 1500/- भी भुगतान करे।''

 

 

 

-3-

सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.11.2016 के विरूद्ध लगभग साढ़े चार वर्ष से अधिक की अवधि के पश्‍चात् प्रस्‍तुत अपील में हुए विलम्ब को क्षमा किये जाने हेतु पर्याप्‍त आधार नहीं है तथा यह कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया, जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। अतएव, प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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