जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री कैलाश चन्द्र शर्मा - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 551/2012
फहीम अहमद पुत्र श्री इफ्क्तार अहमद जाति मुसलमान, आयु 40 वर्ष , निवासी 18, संजय कालोनी (बी) झोटवाड़ा , जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
1. दीपक जनरल एण्ड प्रोविजन स्टोर, एस-7, कबीर मार्ग, बनीपार्क, जयपुर जरिए प्रोपराईटर/मालिक
2. Pepsico India Holdings Pvt. Ltd. (Frito - Lay Division) C-5, MIDC- Ranjangaon, Taluka, Shirur, Pune - 412220 (Maharashtra) Through Director
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री नरेन्द्र पलसानियां - परिवादी
श्री शम्भू दयाल गोठवाल - विपक्षी सॅंख्या 1
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 03.05.12
आदेश दिनांक: 16.01.2015
परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी से दिनांक 11.04.2012 को घरेलू सामान के साथ-साथ 4 पैकेट कुरकुरे के क्रय किए थे जिनके सम्बन्ध में प्रत्येक के 5/- रूपए के हिसाब से 20/- रूपए का भुगतान किया गया । परिवादी का कथन है कि एक पैकिट जिसका बैच नंबर एन-226 बी है पूर्णतया पैक था लेकिन उसके अंदर माल नहीं था केवल मात्र हवा भरी हुई थी । विपक्षी सॅंख्या 1 से सम्पर्क करने पर उसने कहा कि हम सिर्फ माल बेचते हैं पैकिंग का कार्य नहीं करते है । परिवादी का कथन है कि विपक्षी सॅंख्या 2 माल की जगह खाली पैकेट का विक्रय करता है और इस प्रकार कीमत के बदले कोई माल नहीं देता जिससे करोड़ों रूपए अवैध रूप से कमा रहा है । परिवादी का कथन है कि विपक्षीगण ने गम्भीर सेवादोष एवं अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस अपनाई है । परिवादी ने माल से भरा हुआ दूसरा पैकिट या उसकी कीमत 5/- रूपए ब्याज सहित, आर्थिक, शारीरिक, सामाजिक क्षति एवं मानसिक वेदना के लिए 50,000/- रूपए, परिवाद व्यय के 11000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षी सॅंख्या 1 का मुख्य रूप से अपने जवाब में यह कहना है कि वह किसी वस्तु विशेष का स्टोकिस्ट नहीं है ना ही किसी कम्पनी विशेष का एजेंट या अभिकृत विक्रेता है बल्कि वह थोक विक्रेताओं के यहां से अपनी आवश्यकता के आधार पर विभिन्न उत्पाद क्रय करके उनका विक्रय करता है । विपक्षी सॅंख्या 2 के कृत्यों के लिए वह उत्तरदायी नहीं है । परिवादी विपक्षी सॅंख्या 1 का नियमित ग्राहक नहीं है । विपक्षी का कथन है कि परिवादी ने अन्यत्र किसी अन्य दुकान से कुरकुरे क्रय कर के उनका बिल प्राप्त नहीं किया और बदनियति से विपक्षी सॅंख्या 1 से कुरकुरे खरीद कर उनका बिल विपक्षी सॅंख्या 1 से योजनाबद्ध तरीके से प्राप्त किया है । परिवादी की घर लेजाकर सामान चैक करने की बात मिथ्या है क्योंकि वह ग्राहक को सामान चैक करवा कर देता है । विपक्षी सॅंख्या 1 का कथन है कि उसके द्वारा कोई अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस व सेवादोष कारित नहीं किया गया है अत: परिवाद पत्र खारिज किया जावे ।
विपक्षी सॅंख्या 2 की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ना ही कोई मंच के समक्ष उपस्थित आया है ।
मंच द्वारा परिवादी व विपक्षी सॅंख्या 1 की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी का आक्षेप है कि उसने विपक्षी सॅंख्या 1 से दिनंाक 11.04.2012 को 4 पैकेट कुरकुरे के क्रय किए थे जिनमें से एक पैकिट में अंदर माल नहीं था मात्र हवा भरी हुई थी । विपक्षी सॅंख्या 1 का कहना है कि वह माल का निर्माता नहीं है मात्र विक्रय करता है । विपक्षी सॅंख्या 2 की ओर से परिवादी के कथनों का कोई खण्डन नहीं किया गया है ।
जहां तक विपक्षी सॅंख्या 1 का प्रश्न है यह सही है कि वह माल का निर्माता नहीं है । विपक्षी सॅंख्या 1 विपक्षी सॅंख्या 2 का एजेंट हो ऐसी भी कोई साक्ष्य पत्रावली पर नहीं है । विपक्षी सॅंख्या 1 का यह कथन सत्य प्रतीत होता है िकवह थौक विक्रेताओं के यहां से अपनी आवश्यकता के आधार पर माल खरीद कर उन्हीं वस्तुओं को ग्राहकों को विक्रय करता है ऐसी स्थिति में विपक्षी सॅंख्या 1 द्वारा कोई सेवादोष किया जाना साबित नहीं होता है ।
विपक्षी सॅंख्या 2 की ओर से उपस्थित होकर परिवाद के कथनों का कोई खण्डन नहीं किया गया है । ऐसी स्थिति में परिवादी के इस कथन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि प्रश्नगत कुरकुरे के पैकिट के अंदर माल नहीं था और वह खाली था । इस प्रकार विपक्षी सॅंख्या 2 जो बड़े स्तर पर उत्पादन कार्य करता है वह खाली पैकिट बाजार में विक्रय हेतु प्रेषित कर लाभ अर्जित करता है और इस प्रकार अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस अपनाते हुए सेवादोष कारित किया गया है ।
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि विपक्षी सॅंख्या 2 परिवादी को कुरकुरे के खाली पैकिट के संबंध में 5/- रूपए वापिस लौटाएगा । इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेगा। उक्त समस्त राशि विपक्षी सॅंख्या 2 जरिए रेखांकित चैक परिवादी के निवास स्थान के पते पर जरिए रजिस्टर्ड डाक एक माह की अवधि में प्रेषित करेगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है। विपक्षी सॅंख्या 1 के विरूद्ध परिवाद खारिज किया जाता है ।
निर्णय आज दिनांक 16.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (कैलाश चन्द्र शर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष