''राष्ट्रीय लोक अदालत’’
अपील संख्या-2145/2011
इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 बनाम श्रीमती दीपा आदि
10.07.2021
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी सर्वश्री इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 द्वारा इस आयोग के सम्मुख विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, ललितपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 14.09.2011 के विरूद्ध योजित की गयी। आदेश दिनांक 14.09.2011 को जिला उपभोक्ता आयोग, ललितपुर द्वारा निम्न आदेश अपीलार्थी इंश्योरेंस कम्पनी के विरूद्ध पारित किया गया:-
''विपक्षीगण को निर्देश दिया जाता है कि वे परिवादीगण को 1,00,000/-रूपये (एक लाख रूपये)प्रतिकर, परिवाद प्रस्तुत करने के दिनांक-29-7-10, से वास्तविक अदायगी की तिथि तक 10% वार्षिक ब्याज सहित अदा करें तथा 2,000/-रूपये(दो हजार रूपये) वाद व्यय भी अदा करें। परिवाद में परिवादी सं0-2 तथा परिवादी सं0-3 जो अवयस्क है की आयु तथा जन्मतिथि का कोई उल्लेख नहीं है, ऐसी स्थिति में देय धनराशि का 1/3 भाग परिवादिनी श्रीमती दीपा को भुगतान कर दिया जायेगा, शेष बची धनराशि को परिवादी सं0-2व3 के पक्ष में समान भाग में किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में सावधि निक्षेप के रूप में विनियोजित की जायेगी जो परिवादीगण को उनके वयस्क हो जाने पर भुगतान की जायेगी।
आदेश का पालन एक माह में हो।
निर्णय की प्रतियां पक्षकारों को नि:शुल्क प्रदान की जावे।''
उपरोक्त निर्णय दिनांक 14.09.2011 के विरूद्ध इस आयोग के सम्मुख प्रस्तुत अपील संख्या-2145/2011 योजित की गयी, जो कि इस आयोग द्वारा दिनांक 14.11.2011 को सुनी गयी तथा निम्न अन्तरिम आदेश पारित किया गया:-
''सुना गया।
विलम्ब का संतोषजनक स्पष्टीकरण दिया गया है। विलम्ब क्षमा किया जाता है।
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अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने यह तर्क लिया है कि प्रस्तुत प्रकरण में विपिन व्यक्ति की हत्या की गयी थी, जिसे दुर्घटना जनित मृत्यु नहीं कहा जा सकता। उन्होंने अपने मत के समर्थन में मा0 राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली द्वारा III (2006) CPJ 213 (NC), पृथ्वी राज भण्डारी बनाम् लाइफ इंश्योरेंस कार्पोरेशन आफ इण्डिया लि0 व अन्य में पारित विधि व्यवस्था को उद्धरित किया है।
अपील अंगीकृत की जाती है।
अपील पर आपत्ति योजित करने हेतु प्रत्यर्थी को मेमोरैण्डम ऑफ अपील की प्रतिलिपि सहित पंजीकृत पत्र के माध्यम से नोटिस जारी हो।
अपील सुनवाई हेतु दिनांक 13.03.2012 को सूचीबद्ध हो।
अग्रिम आदेशों तक जिला मंच, ललितपुर द्वारा परिवाद संख्या-89/2010 में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 14.09.2011 का क्रियान्वयन निष्पादन कार्यवाही सहित स्थगित रहेगा।''
उक्त आदेश दिनांक 14.11.2011 के अनुपालन में अपीलार्थी इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा इस आयोग के सम्मुख 25,000/-रू0 जमा किये गये, जो इस आयोग के खाते में जमा है। प्रस्तुत अपील यद्यपि अनेकों अवसरों पर सुनवाई हेतु सूचीबद्ध हुई, परन्तु किसी न किसी कारणवश अन्तिम सुनवाई सम्भव नहीं हो सकी। अतएव पिछली तिथि पर उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ताओं की सहमति से प्रस्तुत अपील को आज ''राष्ट्रीय लोक अदालत'' की कार्यवाही के अन्तर्गत सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किया गया तथा अपीलार्थी इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा ''राष्ट्रीय लोक अदालत'' में सुनवाई हेतु एक प्रार्थना पत्र दिनांक 05.07.2021 प्रस्तुत किया गया, जो पत्रावली पर उपलब्ध है।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अशोक मेहरोत्रा उपस्थित हैं। प्रत्यर्थी श्रीमती दीपा स्वयं उपस्थित हैं। साथ ही उनके विद्वान अधिवक्ता श्री हरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव उपस्थित हैं। उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना गया।
प्रत्यर्थी श्रीमती दीपा जो स्वयं उपस्थित हैं साथ ही उनके विद्वान अधिवक्ता श्री हरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव द्वारा इस आयोग के सम्मुख
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अपीलार्थी द्वारा 1,00,000/-रू0 (एक लाख रूपया मात्र) श्रीमती दीपा को एक माह की अवधि में प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की गयी। अतएव प्रस्तुत अपील उपरोक्त समझौते/सहमति के आधार पर अन्तिम रूप से इस आदेश के साथ निर्णीत की जाती है कि अपीलार्थी इंश्योरेंस कम्पनी प्रत्यर्थीगण को 1,00,000/-रू0 (एक लाख रूपया मात्र) का डिमाण्ड ड्राफ्ट 01 माह की अवधि में प्रदान करेंगे। साथ ही वाद व्यय के रूप में 10,000/-रू0 (दस हजार रूपया मात्र) भी प्रत्यर्थी संख्या-1 श्रीमती दीपा को अपीलार्थी की ओर से 01 माह की अवधि में प्रदान किया जायेगा। उपरोक्त आदेश के अनुसार प्रस्तुत अपील अन्तिम रूप से निस्तारित की जाती है।
आदेश/निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि सम्बन्धित पक्षों को 01 सप्ताह की अवधि में उपलब्ध करायी जाये।
अपीलार्थी द्वारा इस आयोग में जमा की गयी 25,000/-रू0 की धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को 10 दिन की अवधि में वापस की जायेगी।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (गोवर्धन यादव) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1