Uttar Pradesh

StateCommission

A/2004/333

U P P C L - Complainant(s)

Versus

Deep Public School - Opp.Party(s)

Isar Husain

29 Jan 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2004/333
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. U P P C L
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Deep Public School
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-333/2004

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, मेरठ द्वारा परिवाद संख्‍या-600/1999 में पारित आदेश दिनांक 09.01.2004 के विरूद्ध)

यू0पी0पी0सी0एल0 एक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, इलेक्ट्रिकसिटी अर्बन

डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन 1 मेरठ।                         .........अपीलार्थी@विपक्षी

बनाम्

मैनेजर, दीप पब्लिक स्‍कूल शिव शक्तिनगर इंदिरा नगर,

मेरठ।                                              ........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    : श्री इसार हुसैन, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     :श्री आर0के0 गुप्‍ता, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 17.03.16

मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम मेरठ के परिवाद संख्‍या 600/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दि. 09.01.2004 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला मंच द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

      '' एतद्द्वारा परिवादी का परिवाद स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वे उक्‍त शासनादेश के आलोक में परिवादी को विद्युत कनेक्‍शन एल0एम0वी0-20 से एल0एम0वी0-10 में परिवर्तित करते हुए उसे वर्ष 94 से संशोधित बिल जारी करे और इस अवधि के दौरान परिवादी द्वारा जो अधिक राशि जमा की गयी है उसको सूचित करते हुए उसके अगले बिलों में समायोजित करें।  इसके अलावा विपक्षी परिवादी को इस परिवाद का व्‍यय एक हजार रूपये भी एक माह में अदा करें।''

      संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी द्वीप पब्लिक स्‍कूल शिवशक्ति नगर मेरठ का प्रबंधक है और स्‍कूल के बच्‍चों की सुविधाओं को देखते हुए उसने विपक्षी से एक विद्युत कनेक्‍शन ले रखा है। परिवादी समय विद्युत बिल का भुगतान करता चला आ रहा है। माह जुलाई 94 विपक्षी द्वारा एक आदेश जारी किया गया जिसके अनुसार जो संस्‍थाएं मान्‍यता प्राप्‍त हैं उनको बिजली के कनेक्‍शन एल0एम0वी-20 से एल0एम0वी0-10 कर दिये जाये।  उक्‍त शासनादेश के आलोक में विपक्षी द्वारा बहुत सी मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍थाओं

-2-

के विद्युत कनेक्‍शन उपरोक्‍तानुसार परिवर्तित कर दिये गए, जबकि परिवादी ने विद्युत विभाग से अनुरोध किया कि उसका विद्युत कनेक्‍शन परिवर्तित कर दिया जाए, परन्‍तु विपक्षी द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई।

      पीठ ने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ताओं की बहस को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों एवं साक्ष्‍यों का भलीभांति परिशीलन किया।

      अपीलार्थी का कथन है कि जिला मंच का निर्णय तथ्‍यों एवं साक्ष्‍यों पर आधारित नहीं है। अपीलार्थी ने परिवादी से कुछ सूचनाएं मांगी थी जो उनके द्वारा नहीं दी गई। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह तर्क प्रस्‍तुत किया कि शासकीय सर्कुलर के परिप्रेक्ष्‍य में केवल उन्‍हीं स्‍कूलों को टैरिफ में लाभ अनुमन्‍य था, जिनके कर्मचारियों के वेतन का भुगतान शासन द्वारा किया जाता है। परिवादी द्वारा जो टैरिफ मांगा गया था वह शासकीय स्‍कूलों पर लागू होता है। अपीलार्थी द्वारा अपने कथन के समर्थन में मा0 राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा निर्णीत केस 2014 (1) सी.पी.सी. 414 इलेक्ट्रिकसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन 1 लखीमपुर खीरी बनाम अशोक कुमार शर्मा पर विश्‍वास व्‍यक्‍त किया है।

      प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि उसकी संस्‍था एक मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍था है और उसके संबंध में समस्‍त साक्ष्‍य अपीलार्थी को उपलब्‍ध करा दिए गए थे। प्रत्‍यर्थी द्वारा स्‍वयं के सर्कुलर के परिप्रेक्ष्‍य में मान्‍यता प्राप्‍त स्‍कूल रेट शिडयूल के अनुसार लाभ पाने के अधिकारी है। जिला मंच का आदेश साक्ष्‍यों पर आधारित है।

      यह निर्विवाद है कि प्रत्‍यर्थी एक मान्‍यता प्राप्‍त विद्यालय है।  राज्‍य विद्युत परिषद की 15 जुलाई 94 के नोटिफिकेशन से यह स्‍पष्‍ट है कि इस सर्कुलर के माध्‍यम से विद्युत उपभोग के नए रेट लागू किए गए थे।  इस सर्कुलर के माध्‍यम से संशोधित रेट शिडयूल दिनांक 16 जुलाई 94 से लागू किए गए थे। शिडयूल के प्रस्‍तर-1 बी में मान्‍यता प्राप्‍त स्‍कूल/कालेज/विश्‍वविद्यालय/हास्पिटल/लाइब्रेरीज शासकीय अस्‍पताल आदि की श्रेणी दी गई है। अपीलार्थी कोई ऐसा अकाट्य प्रमाण पत्र नहीं दे पाएं हैं, जिससे यह सिद्ध होता हो कि राज्‍य विद्युत परिषद के सर्कुलर के अनुक्रम में प्रत्‍यर्थी स्‍कूल का कनेक्‍शन विद्युत उपभोग एल0एम0वी0-10 के अनुसार लाभ लेने के पात्र नहीं है।  राज्‍य विद्युत परिषद द्वारा जो वर्ष 1994 में अपना सर्कुलर जारी किया गया है, उसमें स्‍पष्‍टत: मान्‍यता प्राप्‍त स्‍कूलों से किस प्रकार विद्युत बिल लिया जाए उसका स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है। इस सर्कुलर के परिप्रेक्ष्‍य में

 

-3-

प्रत्‍यर्थी स्‍कूल निर्धारित रेट शिडयूल के अनुसार विद्युत उपभोग का बिल प्राप्‍त करने का अधिकारी है।

      जिला मंच ने साक्ष्‍यों की पूर्ण विवेचना करते हुए अपना निर्णय दिया है, जो विधि सम्‍मत है और उसमें हस्‍तक्षेप किए जाने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

                                    आदेश

     प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

      पक्षकार अपना-अपना अपीलीय व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

        (राम चरन चौधरी)                               (राज कमल गुप्‍ता)

         पीठासीन सदस्‍य                                      सदस्‍य

राकेश, आशुलिपिक

      कोर्ट-4 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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