DINESH YADAV filed a consumer case on 02 Jun 2022 against DEEP AUTOMOBILES in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/135A/2013 and the judgment uploaded on 14 Jun 2022.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 135 सन् 2013
प्रस्तुति दिनांक 11.09.2013
निर्णय दिनांक 02.06.2022
दिनेश यादव पुत्र स्वo राजेन्द्र यादव साकिनग्राम चण्डेश्वर पोस्ट- चण्डेश्वर तहसील- सदर जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
याची ने अपने याचना पत्र में यह कहा है कि वह विपक्षी संख्या 02 महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा फाईनेन्सियल सर्विस लिo से मुo 3,10,000/- दिनांक 16.11.2012 को ऋण प्राप्त किया एवं विपक्षी संख्या 01 को दिनांक 19.11.2012 को लोन धनराशि अदा किया। जिसे 33 माह में याची को मय ब्याज भुगतान करना था। याची दिनांक 16.11.2012 को मुo 61,000/- रुपए नकद व बकाया मुo 12,000/- रुपए कुल मुo 73,000/- रुपए विपक्षी सं.01 को दिनांक 03.12.2012 को भुगतान किया। दिनांक 18.11.2012 को वाहन क्रय किया जिसका बाउचर रिसीप्ट नं. 4274 व 7970 है एवं ऋण धनराशि दिनांक 19.11.2012 को विपक्षी संख्या 02 ने विपक्षी संख्या 01 को अदा कर दिया। याची दिनांक 18.11.2012 को रुपया विपक्षी संख्या 01 को भुगतान कर गाड़ी महेन्द्रा मैक्सिमों मिनी वैन जिसका चेचिस नं. बी.6जे47566 इंजन नं. एम.स.ई6जे23669 विपक्षी संख्या 01 से क्रय किया एवं वाहन का पंजीकरण 26.11.2012 को परिवहन विभाग में कराया गया, वाहन संख्या यू.पी.50 ए.टी./4865 है। उपरोक्त वाहन का बीमा याची द्वारा विपक्षी संख्या 03 बीमा कम्पनी से विस्तृत बीमा कराया गया जिसका कवरनोट पॉलिसी नं. 081103/31/12/01/00008456 था, उक्त बीमा के आधार पर सभी प्रकार की जोखिम, त्रुटि, कमी की क्षतिपूर्ति का दायित्व विपक्षी संख्या 03 बीमा कम्पनी पर था। उक्त बीमा दिनांक 19.11.2012 से 18.11.2013 तक वैध एवं प्रभावी था। इस अवधि तक वाहन चलाने तक की गारण्टी विपक्षी संख्या 01 द्वारा प्रदान की गयी थी कि अगर गाड़ी में कोई त्रुटि या दोष, कमी वारण्टी अवधि के अन्दर उत्पन्न होगा तो उसके मरम्मत कराने व उसके खर्च की जिम्मेदारी विपक्षी संख्या 01 की होगी। वारण्टी शर्तों के आधार पर अगर गाड़ी की त्रुटि, दोष, एवं कमी का निराकरण नहीं हो सकेगा तो निर्धारित अवधि के अन्दर बदलकर उसके स्थान पर दूसरी गाड़ी प्रदान कर दी जाएगी। वारण्टी के शर्तों के अनुसार 5000 कि.मी. तक पहली सर्विसिंग फ्री, दूसरी सर्विसिंग 10,000 कि.मी. तक फ्री एवं तीसरी सर्विसिंग 20,000 कि.मी. तक फ्री की जाएगी। याची जब भी गाड़ी स्टार्ट करता था तो स्टार्ट करने में वाहन का सेल्फ कार्य नहीं करता था, गाड़ी का गियर काफी हार्ड था गियर बदलने में काफी परेशानी होती थी। याची उपरोक्त गाड़ी को लेकर विपक्षी संख्या 01 की एजेन्सी गया तो विपक्षी संख्या 01 ने उपरोक्त गाड़ी की मरम्मत कराई और कहा कि सर्विसिंग कराने आइएगा तो त्रुटि ठीक कर दी जाएगी। तीन सर्विसिंग के पश्चात् भी गाड़ी के इंजन की त्रुटि ठीन नहीं हुई। विपक्षी संख्या 01 ने वारण्टी की शर्तों को मानने से इन्कार कर दिया। अतः विपक्षीगण के खिलाफ इस आशय का आदेश पारित किया जाए कि वे उक्त वाहन को बदलकर दूसरा नया वाहन अथवा याची द्वारा अदा की गयी रकम मुo 73,000/- रुपए एवं 3,10,000/- कुल 3,83,000/- रुपए मय ब्याज अदा करें, उसके द्वारा जमा की गयी बीमा धनराशि भी वापस दिलायी जाए और विपक्षीगण से मुo 80,000/- रुपए याची को क्षतिपूर्ति दिलाया जाए।
याची द्वारा अपने याचना पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में याची ने कागज संख्या 7/1 वारण्टी पेपर प्रस्तुत किया है, इसके अलावा याची द्वारा अन्य कागजात प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 8क² विपक्षी संख्या 03 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि बीमा कम्पनी को वाहन में हुई यांत्रिक खराबी की कोई सूचना नहीं दी गयी। विपक्षी युनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo से उससे कोई वास्ता सरोकार नहीं है। अतः याचना पत्र खारिज किया जाए।
कागज संख्या 14क² विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवाद गलत आधार पर दाखिल किय गया है। याची उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। याची याचना पत्र प्रस्तुत करने के पहले धारा 12 व 13 का अनुपालन नहीं किया है। कोई तकनीकी विशेषज्ञ की रिपोर्ट नहीं है। वाहन की सर्विसिंग में आयी त्रुटि को दूर कर दिया गया है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 17क² विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि उसे अनावश्यक रुप से पक्षकार मुकदमा बनाया गया है। याचना पत्र में उल्लिखित वाहन याची द्वारा विपक्षी जो एक विधि मान्य वित्तीय संस्था से वित्तपोषित कराया है। वित्त पोषित उक्त वाहन पर लिए गए ऋण धनराशि की अदागयी का दायित्व अनुबन्ध शर्तों के तहत निर्धारित अवधि के अन्दर परिवादी की है। उक्त के बाबत परिवाद में कोई उल्लेख विवाद या सेवा त्रुटि का विपक्षी के बाबत नहीं है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
विपक्षी संख्या 02 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 22क² विपक्षी संख्या 04 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, इसमें भी वही बातें लिखी गयी हैं जो कि विपक्षी संख्या 02 ने अपने जवाबदावा में कथित किया है।
विपक्षी संख्या 04 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। याची ने जो कागजात दाखिल किया है उसमें कागज संख्या 7/1 वारण्टी पेपर है, जिसमें केवल बैट्री की वारण्टी एक साल की दी गयी है। ऐसी स्थिति में याची केवल बैट्री ही प्राप्त कर सकता है अन्य कोई भी अनुतोष देना युक्तिसंगत नहीं है। परिवाद अंशतः स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद अंशतः स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 04 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को अन्दर 30 दिन महेन्द्रा मैक्सिमों मिनी वैन वाहन संख्या यू.पी.50 ए.टी./4865 की नई बैट्री उपलब्ध करा दे। साथ ही विपक्षी संख्या 04 को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति हेतु मुo 5,000/- रुपए (रु.पांच हजार मात्र) तथा वाद खर्च के रूप में मुo 2,000/- रुपए (रु.दो हजार मात्र) भी अदा करे।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 02.06.2022
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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