Uttar Pradesh

StateCommission

A/169/2023

Indian Bank - Complainant(s)

Versus

Deen Mohammad and others - Opp.Party(s)

Sharad Kumar Shukla

13 Feb 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/169/2023
( Date of Filing : 27 Jan 2023 )
(Arisen out of Order Dated 15/11/2022 in Case No. C/2010/172 of District Shamli)
 
1. Indian Bank
Branch Bhainswal Tehsil and Dist. Shamli Through Branch Manger
...........Appellant(s)
Versus
1. Deen Mohammad and others
S/o Tafajull R/o Sonata Rasoolpur post Thanabhawan Tehsil and Dist. Shamli
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 13 Feb 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील संख्‍या-1388/2022

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, शामली द्वारा परिवाद संख्‍या 172/2010 में पारित आदेश दिनांक 15.11.2022 के विरूद्ध)

1. धर्मेन्‍द्र उर्फ बिट्टू, प्रोप्राइटर मै0 अम्‍बे ट्रैक्‍टर्स, कांधला रोड, बुढाना, जिला मुजफ्फरनगर, वर्तमान जिला शामली

2. प्रविन्‍द्र, प्रोप्राइटर मै0 जय अम्‍बे ट्रैक्‍टर्स, माजरा रोड, शामली तहसील, शामली, जिला मुजफ्फरनगर, वर्तमान शामली

              ........................अपीलार्थीगण/विपक्षी सं01 व 2

बनाम

1. दीन मौहम्‍मद पुत्र तफज्‍जुल, निवासी- ग्राम सोन्‍ता रसूलपुर, पोस्‍ट थानाभवन, तहसील, शामली, जिला मुजफ्फरनगर, वर्तमान जिला शामली

2. ब्रांच मैनेजर, इंडियन बैंक, ब्रांच भैंसवाल, तहसील, शामली, जिला मुजफ्फरनगर, वर्तमान जिला शामली

3. तहसीलदार, तहसील, शामली, जिला मुजफ्फरनगर, वर्तमान शामली

4. जिलाधिकारी, मुजफ्फरनगर वर्तमान शामली

            ...............प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी व विपक्षी सं03,4,5

एवं

अपील संख्‍या-169/2023

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, शामली द्वारा परिवाद संख्‍या 172/2010 में पारित आदेश दिनांक 15.11.2022 के विरूद्ध)

इंडियन बैंक, ब्रांच भैंसवाल, तहसील व जिला-शामली द्वारा ब्रांच मैनेजर

                    ........................अपीलार्थी/विपक्षी सं03

बनाम

1. दीन मौहम्‍मद पुत्र तफज्‍जुल, निवासी- ग्राम सोन्‍ता रसूलपुर, पोस्‍ट थानाभवन, तहसील व जिला-शामली

2. धर्मेन्‍द्र उर्फ बिट्टू, प्रोप्राइटर मै0 अम्‍बे ट्रैक्‍टर्स, कांधला रोड, बुढाना, जिला शामली

3. प्रविन्‍द्र, प्रोप्राइटर मै0 जय अम्‍बे ट्रैक्‍टर्स, माजरा रोड, तहसील व जिला शामली

 

 

-2-

4. तहसीलदार तहसील व जिला-शामली

5. जिलाधिकारी, तहसील व जिला-शामली

           ...............प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी व विपक्षी सं01,2,4,5

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री राजेश चड्ढा,  

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी सं01 व 2 की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन,  

                                  विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी सं03 की ओर से उपस्थित : श्री शरद कुमार शुक्‍ला,  

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी सं04 व 5 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 13.02.2023

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवादी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा, विपक्षी संख्‍या-1 व 2 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन तथा विपक्षी संख्‍या-3 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री शरद कुमार शुक्‍ला को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

उपरोक्‍त दोनों अपीलों के तथ्‍य एक समान हैं, इसलिए उपरोक्‍त दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक साथ किया जा रहा               है।

उपरोक्‍त दोनों अपीलें इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, शामली द्वारा परिवाद संख्‍या-172/2010 दीन मौहम्‍मद बनाम धर्मेन्‍द्र उर्फ बिट्टू प्रो0 मैसर्स अम्‍बे ट्रैक्‍टर्स व चार अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 15.11.2022 के विरूद्ध योजित की गयी है।

प्रश्‍नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग ने उपरोक्‍त परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

 

 

-3-

''परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0 1, 2 व 3 के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है और विपक्षी सं0 1 व 2 को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी को विपक्षी सं0 3 द्वारा ट्रैक्‍टर क्रय करने हेतु दिये गये ऋण का मय ब्‍याज भुगतान विपक्षी सं0 3 को अदा करें और यदि परिवादी ने विपक्षी सं0 3 को उक्‍त ऋण का भुगतान कर दिया है तो परिवादी द्वारा विपक्षी सं0 3 को दी गयी समस्‍त भुगतान की राशि विपक्षी सं0 1 व 2 परिवादी को अदा करें तथा विपक्षी सं0 1 द्वारा अपनाये गये अनैतिक व्‍यापार व्‍यवहार से परिवादी को हुई शारीरिक, आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु 1,00,000/-रू0 तथा वाद व्‍यय हेतु 10,000/-रू0 आदेश तिथि से एक माह के अन्‍दर परिवादी को भुगतान हेतु जिला आयोग, शामली में जमा करें। विपक्षी सं0 3 को सेवा में कमी के लिए               20,000/-रू0 के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया जाता है तथा तत्‍कालीन सहायक सम्‍भागीय परिवहन अधिकारी, मुजफ्फरनगर व सहायक सम्‍भागीय निरीक्षक प्राविधिक मनोज सिंह तथा मौहम्‍मद अनवार सम्‍भागीय निरीक्षक प्राविधिक को भ्रष्‍ट आचरण और सेवा में कमी के लिए 75,000/-रू0 अर्थदण्‍ड से दण्डित किया जाता है तथा उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही भी किये जाने का आदेश दिया जाता है। यदि तत्‍कालीन सहायक सम्‍भागीय परिवहन अधिकारी, मुजफ्फरनगर व सहायक सम्‍भागीय निरीक्षक प्रावि‍धिक मनोज सिंह तथा मौहम्‍मद अनवार सम्‍भागीय निरीक्षक प्राविधिक वर्तमान में सेवानिवृत्‍त हो चुके हैं तो अर्थदण्‍ड की धनराशि उनकी पेंशन से वसूलकर जिला आयोग शामली में जमा की जाये। अर्थदण्‍ड की धनराशि परिवादी को देय नही होगी। चूक होने पर उपरोक्‍त समस्‍त धनराशि पर 09 प्रतिशत अतिरिक्‍त ब्‍याज दिनांक 15.12.2022 से भुगतान की तिथि तक देय होगा।''

जिला उपभोक्‍ता आयोग के उपरोक्‍त निर्णय एवं आदेश दिनांक 15.11.2022 के विरूद्ध प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-1388/2022 परिवाद के विपक्षी संख्‍या-1 व 2 अर्थात्  डीलर  द्वारा  योजित  की

 

 

-4-

गयी है तथा प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-169/2023 परिवाद के विपक्षी संख्‍या-3 बैंक द्वारा योजित की गयी है।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी को अपने निजी कृषि कार्य हेतु ट्रैक्‍टर की आवश्‍यकता थी तथा विपक्षी संख्‍या-3 बैंक द्वारा ट्रैक्‍टर खरीदने हेतु ऋण स्‍वीकृति के बाद दिनांक 12.04.2008 को विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा परिवादी को नया आयशर ट्रैक्‍टर प्रदत्‍त किया गया तथा विपक्षी संख्‍या-1 व 2 द्वारा ट्रैक्‍टर एवं रोटावेटर खरीदने का बिल 5,56,070/-रू0 का दिया गया। विपक्षी संख्‍या-1 व 2 द्वारा परिवादी से उक्‍त ट्रैक्‍टर का रजिस्‍ट्रेशन व बीमा कराने हेतु शुल्‍क प्राप्‍त किया गया। विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा परिवादी को स्‍वीकृत ऋण 4,95,000/-रू0 का सीधा भुगतान विपक्षी संख्‍या-1 को कर दिया गया। विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा उक्‍त ट्रैक्‍टर का रजिस्‍ट्रेशन कराकर रजिस्‍ट्रेशन सर्टिफिकेट यू0पी0-12 आर 5214 की छायाप्रति विपक्षी संख्‍या-3 बैंक शाखा में जमा करायी गयी।

परिवादी का कथन है कि विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा अपने पत्र दिनांक 16.12.2009 द्वारा परिवादी को अवगत कराया गया कि ट्रैक्‍टर का जो रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र यू0पी0-12 आर 5214 की छायाप्रति बैंक में जमा करायी गयी है, वह जांच में फर्जी पायी गयी। इस संबंध में परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या-1 व 2 से सम्‍पर्क करने पर उनके द्वारा अवगत कराया गया कि ट्रैक्‍टर के रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र सम्‍बन्‍धी समस्‍या का निराकरण उनके द्वारा कराया जावेगा। विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा पत्र दिनांक 16.01.2010 द्वारा ट्रैक्‍टर का रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र पुन: फर्जी पाये जाने पर परिवादी के विरूद्ध धोखाधड़ी की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने की धमकी दी गयी, जिससे व्‍यथित होकर परिवादी द्वारा दिनांक 10.02.2010 को अपने ग्राम के कुछ लोगों को साथ लेकर विपक्षी संख्‍या-1 व 2 से सम्‍पर्क किया गया तथा विपक्षी संख्‍या-1 व 2 द्वारा फर्जी रजिस्‍ट्रेशन जमा करने  की  बात  स्‍वीकार  की  गयी।

 

 

-5-

परिवादी द्वारा अपने साथ आये व्‍यक्तियों के कहने पर उनके समक्ष विपक्षी संख्‍या-1 व 2 पर विश्‍वास करते हुए प्रश्‍नगत ट्रैक्‍टर व उससे सम्‍बन्धित मूल कागजात रजिस्‍ट्रेशन व बीमा विपक्षी  संख्‍या-1 व 2 को सौंपकर उनकी सुपुर्दगी में दे दिया तथा विपक्षी संख्‍या-1 व 2 द्वारा कहा गया कि वे ट्रैक्‍टर का रजिस्‍ट्रेशन कराकर ट्रैक्‍टर परिवादी को वापस दे देंगे।

परिवादी का कथन है कि परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या-1 व 2 से अपने ट्रैक्‍टर व उसके मूल कागजात रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र व बीमा इत्‍यादि की मांग की गयी, परन्‍तु उनके द्वारा टालमटोल किया गया। परिवादी द्वारा ए0आर0टी0ओ0 मुजफ्फरनगर से जानकारी करने पर बताया गया कि विपक्षी संख्‍या-1 व 2 द्वारा बैंक में जमा करायी गयी फर्जी आर0सी0 यू0पी0-12 आर 5214 अख्‍तर पुत्र निजामुद्दीन के नाम की मोपेड टू व्‍हीलर की है।

परिवादी का कथन है कि दिनांक 13.01.2010 को विपक्षी संख्‍या-3 बैंक की शाखा में पुन: जमा करायी गयी आर0सी0 परिवादी दीन मौहम्‍मद के नाम की है, परन्‍तु उसमें विपक्षी  संख्‍या-1 द्वारा परिवादी को प्रदत्‍त किये गये वाहन खरीद रसीद में चैसिस नम्‍बर व इंजन नम्‍बर भिन्‍न–भिन्‍न पाये गये। इस प्रकार विपक्षी संख्‍या-1 व 2 द्वारा जानबूझकर बदनियती से विपक्षी       संख्‍या-3 से साज करके फर्जी रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र बैंक में जमा कराये गये तथा विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा विपक्षी संख्‍या-1 व 2 द्वारा जमा कराये गये दोनों फर्जी रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र को असावधानी पूर्वक ऋण पत्रावली पर बिना सत्‍यापन कराये रखने में घोर लापरवाही की गयी। तत्‍पश्‍चात् परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या-1 ता 3 के विरूद्ध मु0अ0सं0 118/2010 थाना आदर्श मण्‍डी शामली में दिनांक 07.04.2010 को पंजीकृत कराया गया, जिसमें विपक्षी संख्‍या-1 ता 3 के विरूद्ध विवेचना लम्बित है। मुकदमा दर्ज होने की जानकारी होने पर विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा परिवादी पर अनैतिक रूप से दबाव बनाने की नियत से अवैधानिक तरीके से ट्रैक्‍टर खरीद की

 

 

-6-

मद में लिये गये ऋण की रिकवरी विपक्षी संख्‍या-4 व 5 के द्वारा तहसील में परिवादी के विरूद्ध प्रेषित की गयी। इस संबंध में परिवादी द्वारा तहसीलदार व उपजिलाधिकारी शामली एवं जिलाधिकारी, मुजफ्फरनगर को प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया।

परिवादी का कथन है कि परिवादी द्वारा स्‍वीकृत ऋण की अदायगी समय-समय पर की जाती रही है। विपक्षी संख्‍या-1 व 2 का उपरोक्‍त कृत्‍य सेवा में कमी के अन्‍तर्गत आता है। परिवादी पर प्रदत्‍त ऋण की अगर कोई अदायगी बनती है तो विपक्षी संख्‍या-3 उक्‍त समस्‍त ऋण की वसूली विपक्षी संख्‍या-1 व 2 से करने के लिए बाध्‍य है। परिवादी द्वारा अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से विपक्षीगण को नोटिस प्रेषित की गयी, परन्‍तु विपक्षी संख्‍या-1 व 2 द्वारा परिवादी को प्रश्‍नगत ट्रैक्‍टर मय रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र प्रदत्‍त नहीं किया गया तथा यह कि उनके द्वारा सही रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र देने के नाम पर परिवादी का उक्‍त ट्रैक्‍टर हड़प लिया। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा विपक्षीगण को अपना लिखित कथन प्रस्‍तुत करने हेतु रजिस्‍टर्ड डाक से नोटिस प्रेषित की गयी तथा विपक्षी संख्‍या-1 व 2 पवर तामील हेतु कमीशन नियुक्‍त किया गया तथा कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर दिनांक 19.08.2010 को विपक्षी संख्‍या-1 व 2 के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय अग्रसारित की गयी।

विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया तथा मुख्‍य रूप से कथन किया गया कि विपक्षी बैंक को अपनी प्रतिभूति से धारणाधिकार के अन्‍तर्गत अपने ऋण को वसूलने का अधिकार है। परिवादी द्वारा बैंक के विरूद्ध लगाये गये आरोप निराधार होने के कारण  निरस्‍त  होने

 

 

 

-7-

योग्‍य है। परिवादी अपने ऋण को अदा न करने का दोषी है तथा बैंक द्वारा परिवादी के विरूद्ध वसूली प्रक्रिया जारी कर दी है। विपक्षी बैंक द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों को दृष्टिगत रखते हुए तथा समस्‍त तथ्‍यों की विस्‍तृत रूप से विवेचना करते हुए अपने निर्णय में उल्लिखित किया गया कि विपक्षी संख्‍या-1 व 2 द्वारा परिवादी को धोखा देने व उसका ट्रैक्‍टर हड़प लेने के उद्देश्‍य से वाहन के पंजीकृत कूटरचित दस्‍तावेज तैयार कराये तथा ट्रैक्‍टर का सही पंजीयन प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर परिवादी का ट्रैक्‍टर लेकर अपने पास रख लिया, जो अनैतिक व्‍यापार व्‍यवहार के अन्‍तर्गत आता है। विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा अपने विधिक दायित्‍वों की पूर्ति न करके सेवा में कमी की है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपने निर्णय में तत्‍कालीन सहायक सम्‍भागीय परिवहन अधिकारी, मुजफ्फरनगर व सहायक सम्‍भागीय निरीक्षक प्राविधिक मनोज सिंह तथा मौहम्‍मद अनवार सम्‍भागीय निरीक्षक प्रावि‍धिक को आर्थिक उद्देश्‍य हेतु कूटरचित व फर्जी पंजीयन प्रमाण पत्र बनवाने व विपक्षी संख्‍या-1 व 2 के विरूद्ध विधिक कार्यवाही न करने तथा भ्रष्‍ट आचरण के लिए सेवा में कमी का दोषी पाया गया। तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवादी का परिवाद स्‍वीकार करते हुए प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 15.11.2022 पारित किया गया।

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुनने के उपरान्‍त तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग के निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त मेरे विचार से विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, वह पूर्णत: सुसंगत है, परन्‍तु जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो विपक्षी  संख्‍या-3 बैंक के विरूद्ध सेवा में कमी के  लिए  20,000/-रू0  के

 

 

 

-8-

अर्थदण्‍ड हेतु आदेशित किया गया है, उसे न्‍यायहित में समाप्‍त किया जाना उचित है।

तदनुसार परिवाद के विपक्षी संख्‍या-3 बैंक द्वारा प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-169/2023 स्‍वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग, शामली द्वारा परिवाद संख्‍या-172/2010 दीन मौहम्‍मद बनाम धर्मेन्‍द्र उर्फ बिट्टू प्रो0 मैसर्स अम्‍बे ट्रैक्‍टर्स व चार अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 15.11.2022 को संशोधित करते हुए विपक्षी संख्‍या-3 बैंक के विरूद्ध आदेशित अर्थदण्‍ड 20,000/-रू0 को समाप्‍त किया जाता है।

परिवाद के विपक्षी संख्‍या-1 व 2 अर्थात् डीलर द्वारा प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-1388/2022 निरस्‍त की जाती है।

अपील संख्‍या-1388/2022 में अपीलार्थीगण द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग को 01 माह में विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

अपील संख्‍या-169/2023 में अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को 01 माह में विधि के अनुसार वापस की जाए।

इस निर्णय की मूल प्रति अपील संख्‍या-1388/2022 में एवं छायाप्रति अपील संख्‍या-169/2023 में रखी जाये।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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