Uttar Pradesh

StateCommission

A/837/2024

Smt Arti Mishra - Complainant(s)

Versus

Dayaram Agrhari - Opp.Party(s)

Avinash Mishra & Saurabh Pandey

14 Oct 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/837/2024
( Date of Filing : 12 Jun 2024 )
(Arisen out of Order Dated 01/05/2024 in Case No. Complaint Case No. CC/132/2018 of District Sultanpur)
 
1. Smt Arti Mishra
village kudwaar near telephone exchange pargana miranpur tehsil sadar jila sultanpur pro bank of baroda jan svidha kendra kudwaar jila sultanpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Dayaram Agrhari
village kudwaar pargana meeranpur tehsil sadar jila sultanpur pro gayatri vastralay kudwaar bazar janpad sultanpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 14 Oct 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)

अपील संख्‍या-837/2024

श्रीमती आरती मिश्रा पत्‍नी श्री गोरखनाथ मिश्रा निवासी ग्राम कुडवार निकट टेलीफोन एक्‍सचेन्‍ज परगना मीरानपुर तहसील सदर जिला-सुलतानपुर प्रा0 बैंक आफ बड़ौदा/जन सुविधा केन्‍द्र कुडवार जिला-सुलतानपुर।

बनाम

दयाराम अग्रहरि पुत्र रमाशंकर अग्रहरि निवासी ग्राम कुडवार परगना मीरानपुर तहसील सदर जिला-सुलतानपुर प्रो0 गायत्री वस्‍त्रालय कुडवार बाजार जनपद-सुलतानपुर।

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्‍ता : श्री अविनाश मिश्रा

प्रत्‍यर्थी  की ओर से उपस्थित अधिवक्‍ता:  कोई नहीं

दिनांक 14.10.2024

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्धारा उदघोषित

निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, सुलतानपुर द्धारा परिवाद संख्‍या- 132/2018 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 01.05.2024 के विरूद्ध योजित की गई है।

     संक्षेप में, परिवाद के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी की कपड़े की दुकान है। परिवादी कपड़े का अधिकाधिक भुगतान श्‍यामलीला फेशन हाउस प्रा0 लि0 कानपुर के खाता संख्‍या–संख्‍या-00610200000981 विपक्षी संख्‍या-01 के बैंक के माध्‍यम से करता चला आ रहा है। परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-01 को रू0 30,000/- दिनांक 25.04.2016 को तथा रू0 15,000/- दिनांक 26.04.2016 को कुल 45,000/- श्‍याम लीला फैशन हाउस प्रा0 लि0 के उपरोक्‍त खाते में जमा करने हेतु दिया जिसकी रसीद विपक्षी संख्‍या-01 द्धारा जारी की गई। जब परिवादी श्‍यामलीला फैशन हाउस प्रा0 लि0 कानपुर गया तो फर्म द्धारा बताया गया कि उसे रू0 45,000/- बकाया धनराशि के एवज में रू0 10,000/-अभी तक प्राप्‍त नहीं हुये है। तत्‍पश्‍चात परिवादी, विपक्षी फर्म से सम्‍पर्क किया लेकिन उनके द्धारा स्‍पष्‍ट उत्‍तर नहीं दिया गया जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवादी ने यह परिवाद योजित किया है।

     विपक्षी ने अपने जवाबदावा में कहा है कि किसी भी जन सुविधा केन्‍द्र के संचालक को हस्‍तलिखित रसीद देने का अधिकार नहीं है बल्कि जन सुविधा केन्‍द्र कम्‍प्‍यूटर से निकली रसीद ही दे सकता है। जन सुविधा केन्‍द्र से केवल रू0 10,000/-की जमा व निकासी हो सकती है। चूंकि विपक्षी दो बार प्रधान रह चुके है। चुनावके समय परिवादी से वोट के बारे में कहा सुनी हुई इसलिए रंजिशवश हैरान परेशान करने के लिये परिवाद योजित किया है अत: निरस्‍त करने की याचना किया है।

     विद्धान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्धारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त परिवाद निर्णीत करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

‘’ परिवाद विपक्षी संख्‍या-01 के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्‍या-01 को निर्देशित किया जाता है कि वह निर्णय की तिथि से एक माह के अंदर परिवादी को मु0 10,000/-रूपये एवं उस पर परिवाद दाखिल करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक सात प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज सहित अदा करें। इसके अतिरिक्‍त शारीरिक, मानसिक कष्‍ट के लिये रू0 3,000/-एवं वाद व्‍यय के लिए रू0 2,000/-अदा करें।‘’

मेरे द्धारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्‍ता श्री अविनाश मिश्रा को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुनने तथा समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्धारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हॅू कि विद्धान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्धारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, इसमे किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

प्रस्‍तुत अपील योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्धारा जमा की गयी हो, तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

     आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

                               

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

 

 

रंजीत, पी.ए.,

कोर्ट न0- 1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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