Uttar Pradesh

Faizabad

CC/31/2008

Avadesh Dubey - Complainant(s)

Versus

DASMESH AUTOMOBILE - Opp.Party(s)

22 May 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/31/2008
 
1. Avadesh Dubey
Srawasti
...........Complainant(s)
Versus
1. DASMESH AUTOMOBILE
CIVIL LINE FZD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपपरिवाद सं0-31/2008

 

अवधेश दूबे पुत्र श्री रणधीर प्रसाद निवासी सुबेखा (गिलौला) जनपद श्रावस्ती ।
        .................परिवादी          
                    बनाम


पार्टनर/प्रोपराइटर दसमेश आटोमोबाइल्स सिविल लाइन फैजाबाद   ................. विपक्षी


निर्णय दिनाॅंक 25.05.2015    


                    
                        निर्णय 

    उद्घोषित द्वारा: श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष

परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध दो टायर मु0 5100=00 की वापसी के सम्बन्ध में और उनके मूल्य के सम्बन्ध में योजित किया है। 

संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार है कि परिवादी ने दि0 24.3.2007 को 4 किता जीप का टायर एम.आर.एफ. कम्पनी का विपक्षी के दुकान से क्रय किया था, जिसका क्रय रसीद संख्या-44872 विपक्षी द्वारा परिवादी को निर्गत किया गया और टायर का भुगतान मु0 9400=00 नकद प्राप्त किया ह,ै जिसमें से दो टायर मु0 5100=00 व दो टायर मु0 4300=00 का था। परिवादी उक्त टायर को वाहन संख्या-यू.पी.46/6065  जीप  में  लगवाकर अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल में चलाता था। 


                    (  2  )

गारन्टी सीमा के अन्दर वाहन मु0 5100=00 वाले दो टायर फूल गये जिसको लेकर परिवादी विपक्षी की दुकान पर दि0 07.07.2007 को आया और विपक्षी द्वारा परिवादी से दोनों फूले टायर लेकर टायर वापसी का रसीद दिया गया और कहा गया कि 15 दिन बाद दूसरा टायर दे दिया जायेगा। 15 दिन बाद दि0 31.07.2007 को परिवादी विपक्षी के दुकान पर गया तो टायर के बारे में पूछा, तो विपक्षी ने कहा कि अभी टायर नहीं आ पाया है कम से कम एक माह का समय लगेगा। परिवादी एक माह बाद पुनः विपक्षी के दुकान पर दि0 04.9.2007 को गया, तो विपक्षी ने कहा कि उस माडल का टायर आया था उसे मैंने बेच दिया है जैसे ही दूसरा टायर आयेगा परिवादी को सूचित कर दिया जायेगा और विपक्षी ने परिवादी का मोबाइल नम्बर ले लिया। परिवादी विपक्षी के फोन का इन्तजार करता रहा फोन न आने पर दि0 19.12.2007 को विपक्षी के दुकान पर गया तो विपक्षी ने कहा कि हम आपको कोई टायर वापसी नहीं दे सकते हैं। इस प्रकार विवश होकर परिवादी को यह परिवाद प्रस्तुत करना पड़ा।

विपक्षी ने परिवादी के केस को इन्कार किया और अपने जवाबदावे में कहा है कि विपक्षी टायर बिक्रेता है, निर्माता नहीं। सेवा में कमी का दायित्व निर्माण कम्पनी का है। परिवादी द्वारा निर्माता कम्पनी को पक्षकार नहीं बनाया गया है अतएव परिवाद पक्षों के असंयोजन दोष से दूषित होने के कारण संधार्य नहीं है। परिवादी फैजाबाद में व्यवसाय करता है। शिकायत निस्तारण का क्षेत्राधिकार जनपद श्रावस्ती जिला फोरम का है जहाॅं से संविदा का प्रार्दुभाव होता है। क्षेत्राधिकार के बिन्दु पर परिवादी की शिकायत निरस्त होने योग्य है। परिवादी का टायर प्राप्त कर नेक नियती से निर्माता कम्पनी को भेजा गया। कम्पनी द्वारा जाॅंचोपरान्त् यह अवधारित किया गया कि कथित टायर कम हवा पर चालन के फलस्वरूप क्षतिग्रस्त हुआ है जो कम्पनी के नियम शर्तो के अधीन परिवर्तनीय नहीं थे। अतएव कम्पनी द्वारा क्षतिग्रस्त टायरों को टिप्पणी के साथ वापस कर दिया गया। फलतः परिवादी को टायर मूल रूप से वापस लेने की सलाह दी गयी। सेवा में कमी परिवादी द्वारा कारित की गयी। परिवादी द्वारा टायर का उपयोग और उपभोग दिशा निर्देशन के विपरीत किया गया है अतएव शिकायतकर्ता किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है। अतएव परिवाद निरस्त होने योग्य है। 

मैं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। इस परिवाद में दो बिन्दु 

 

                    (  3  )

विवादित है। प्रथम बिन्दु यह है कि यह परिवाद जनपद श्रावस्ती में चलना चाहिए। दूसरा बिन्दु टायर की धनराशि की वापसी के सम्बन्ध में है। परिवादी द्वारा दाखिल किये गये कागजात असल रसीद के अनुसार दो टायर मु0 5100=00 तथा दो टायर मु0 4300=00 के खरीदे थे। रसीद के पीछे वारन्टी सम्बन्धी नियम अंकित हैः-
ऽ    बिका हुआ माल वापस नहीं होगा।
ऽ    टायर की सिर्फ उत्पादन सम्बन्धी त्रुटि (एयर) की वारंटी है।
ऽ    कटने फटने तथा तार टूटने की कोई गारंटी नहीं है।
ऽ    एयर लेने पर टायर कम्पनी में भेजा जायेगा तथा कम्पनी से वापस आने पर ही टायर उपभोक्ता को वापस दिया जायेगा।
ऽ    टायर के घिसावट के बराबर मूल्य एवं सर्विस चार्ज उपभोक्ता द्वारा देय होगा।
ऽ    कम्पनी का निर्णय अन्तिम होगा।
ऽ    समस्त विवादों का निर्णय फैजाबाद न्यायालय के अन्तर्गत होगा। 

विपक्षी की दुकान जनपद फैजाबाद में है। परिवाद में जनपद श्रावस्ती का पता दिया है। चॅंकि विपक्षी जनपद फैजाबाद में अपना माल परिवादी को बेचा है इसलिए  वाद कारण जनपद फैजाबाद में उत्पन्न हुआ है। अतः यह परिवाद जनपद फैजाबाद में चलेगा जनपद श्रावस्ती में नहीं चलेगा।

वारन्टी के अनुसार टायर फूलने के सम्बन्ध में कुछ नहीं लिखा है। इस प्रकार परिवादी दो टायर एम.आर.एफ. कम्पनी के विपक्षी से जो मु0 5100=00 में क्रय किये थे उन टायरों को प्राप्त करने का अधिकारी है। यदि टायर विपक्षी नहीं देता है तो उनकी धनराशि परिवादी विपक्षी से पाने का अधिकारी है। यदि रसीद में टायर फूलने पर वापस नहीं होने का लिखा होता, तो विपक्षी टायर वापस नहीं करता और टायर की धनराशि देने की जिम्मेदारी भी नहीं होता। परिवादी के यह टायर वारन्टी के अन्दर है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है। 

                 आदेश

परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षी से एम.आर.एफ. जीप के दो टायर का मूल्य मु0 5100=00 प्राप्त करने का अधिकारी है 


                    (  4  )

तथा मानसिक, सामाजिक, आर्थिक क्षतिपूर्ति मु0 3,000=00 और वाद व्यय मु0 2,000=00 पाने का अधिकारी है। विपक्षी यह समस्त धनराशि निर्णय एवं आदेश के तिथि के एक माह के अन्दर परिवादी को अदा कर देवे। यदि विपक्षी टायर का मूल्य उक्त दिये गये समय में अदा नहीं करता है, तो परिवादी 12 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज परिवाद योजित करने की तिथि से तारोज वसूली करने का अधिकारी होगा।

           (विष्णु उपाध्याय)           (माया देवी शाक्य)            ( चन्द्र पाल )            
               सदस्य                   सदस्या                    अध्यक्ष    
            
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 25.05.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।

           (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              ( चन्द्र पाल )
               सदस्य                 सदस्या                      अध्यक्ष

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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