Shri Rakesh Ahuja filed a consumer case on 15 Dec 2017 against Darshan Communication in the Muradabad-II Consumer Court. The case no is CC/53/2015 and the judgment uploaded on 16 Dec 2017.
Uttar Pradesh
Muradabad-II
CC/53/2015
Shri Rakesh Ahuja - Complainant(s)
Versus
Darshan Communication - Opp.Party(s)
Shri Rajeev Kumar Tyagi
15 Dec 2017
ORDER
परिवाद प्रस्तुतिकरण की तिथि: 28-04-2015
निर्णय की तिथि: 15.12.2017
कुल पृष्ठ-4(1ता4)
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद
उपस्थिति
श्री पवन कुमार जैन, अध्यक्ष
श्री सत्यवीर सिंह, सदस्य
परिवाद संख्या-53/2015
राकेश आहूजा पुत्र स्व. श्री किशन लाल आहूजा निवासी चन्द्र नगर, थाना सिविल लाइन्स, तहसील व जिला मुरादाबाद। …...परिवादी
बनाम
1-दर्शन कम्यूनिकेशन्स जी-21 चडढा काम्पलेक्स मुरादाबाद द्वारा उसके प्रोपराइटर।
2-मार्डन टच एफ-30 द्वितीय तल विकास मंजिल गुलजारीमल धर्मशाला रोड, मुरादाबाद द्वारा उसके प्रोपराइटर।
3-आई बाल मोबाइल्स मुख्य कार्यालय-87, 89 मिस्ट्री इंडस्ट्रियल काम्पलेक्स एमआईडीसी चौराहा टॅुगा इंटरनेशनल होटल के पीछे मुम्बई द्वारा उसके प्रबन्धक।
….....विपक्षीगण
(श्री सत्यवीर सिंह, सदस्य द्वारा उद्घोषित)
निर्णय
इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह अनुतोष मांगा है कि विपक्षीगण से उसे परिवाद के पैरा-1 में उल्लिखित मोबाइल का मूल्य अंकन-6000/-रूपये, क्षतिपतूर्ति की मद में अंकन-50,000/-रूपये तथा परिवाद व्यय की मद में कुल अंकन-20,000/-रूपये दिलाये जाये।
संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि दिनांक 28-5-2014 को विपक्षी-1 से परिवादी ने परिवाद के पैरा-1 में उल्लिखित मोबाइल अंकन-6000/-रूपये में खरीदा था। परिवादी ने पाया कि इसकी बैटरी बहुत जल्दी डिस्चार्ज हो रही है और बैक-अप भी कम है। विपक्षी-1 से शिकायत करने पर परिवादी से उसने कहा कि बैटरी शुरू में कम काम करती है, धीरे-धीरे पर्याप्त बैक-अप होने लगेगा। 10-15 दिन के बाद भी बैटरी का बैक-अप नहीं बढ़ा तथा मोबाइल में अन्य कमियां भी आनी शुरू हो गईं। मोबाइल सही प्रकार से चार्ज नहीं हो रहा था, इसके ऑन-ऑफ में समस्या थी, सेंसर ने काम करना बन्द कर दिया था और टच भी सही काम नहीं कर रहा था। परिवादी ने दिनांक 05-11-2014 को विपक्षी-2 से संपर्क किया, उसने परिवादी से मोबाइल लेकर बिल पर उसकी रिसीविंग दे दी, कुछ दिन बाद उसने परिवादी से आने के लिए कहा। परिवादी अनेक बार विपक्षी-2 के पास गया, अन्तत: दिनांक 20-11-2014 को विपक्षी-2 ने परिवादी से कहा कि उसका मोबाइल ठीक होने के लिए कंपनी भेज दिया गया है, जो 26-27 नवम्बर तक परिवादी को दे दिया जायेगा। परिवादी के अनुसार उसका मोबाइल आज तक भी उसे वापस नहीं किया गया। वह चक्कर लगाता-लगाता थक चुका है। परिवादी ने यह कहते हुए कि विपक्षीगण ने उसे सेवा प्रदान करने में कमी की है और अब वह मोबाइल वापस नहीं लेना चाहता, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाये जाने की प्रार्थना की।
परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथपत्र दाखिल किया और साथ ही साथ प्रश्गनत मोबाइल खरीदने की रसीद की छायाप्रति भी दाखिल की, जो पत्रावली का कागज सं.-3/10 है।
फोरम के आदेश दिनांक 03-03-2016 के अनुपालन में परिवाद की सुनवाई विपक्षी-1 के विरूद्ध एकपक्षीय हुई।
विपक्षी-2 व 3 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं.-7/1 लगायत 7/4 दाखिल हुआ, जिसके साथ उनकी ओर से परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को भेजे गये जबाव नोटिस दिनांकित 09-3-2015 की नकल भी दाखिल की गई। प्रतिवाद पत्र में विपक्षी-2 व 3 की ओर से कहा गया कि परिवाद असत्य और आधारहीन कथनों पर आधारित है, परिवाद की सुनवाई का इस फोरम को क्षेत्राधिकार नहीं है क्योंकि मोबाइल कंपनी का पंजीकृत कार्यालय मुम्बई में स्थित है, उनकी ओर से यह भी कहा गया कि सर्वप्रथम दिनांक 05-11-2014 को परिवादी मोबाइल चार्जिंग की शिकायत लेकर उनके पास आये थे। विपक्षी-2 ने इस समस्या को दूर कर दिया। दिनांक 04-12-2014 को परिवादी पुन: चार्जिंग की समस्या लेकर विपक्षी-2 के पास आये, वह समस्या भी दूर कर दी गई। तीसरी बार मोबाइल के कैमरे की समस्या लेकर परिवादी उनके पास दिनांक 30-12-2014 को आये, उस समस्या को भी दूर कर दिया गया और परिवादी को सूचित किया गया कि वह मोबाइल आकर ले लें किन्तु परिवादी मोबाइल लेने नहीं आये। विपक्षी-2 व 3 की ओर से उक्त कथनों के आधार पर और अग्रेत्तर यह कहते हुए कि उन्होंने परिवादी को आवश्यकतानुसार तत्काल सेवायें उपलब्ध करायीं, परिवाद को सव्यय खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथपत्र कागज सं.-14/1 लगायत 14/3 दाखिल किया।
विपक्षी-2 व 3 की ओर से साक्ष्य शपथपत्र दाखिल नहीं हुआ।
विपक्षी-1 के विरूद्ध परिवाद एकपक्षीय चल रहा है।
हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षीगण की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ।
पत्रावली पर उपलब्ध अभिवचनों तथा प्रपत्रों के अवलोकन से इस बिन्दु पर कोई विवाद दिखायी नहीं देता है कि परिवादी ने परिवाद के पैरा-1 में उल्लिखित मोबाइल दिनांक 28-5-2014 को विपक्षी-1 से अंकन-6000/-रूपये में खरीदा था। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र तथा साक्ष्य शपथपत्र में स्पष्ट उल्लेख किया है कि मोबाइल खरीदने के बाद से ही इसमें अनेक समस्याएं आनी शुरू हो गई थीं। विपक्षी-2 व 3 ने अपने प्रतिवाद पत्र के पैरा-5 में स्वयं स्वीकार किया है कि परिवादी चार्जिंग की समस्या लेकर दो बार विपक्षी-2 के पास आये थे और एक बार मोबाइल के कैमरे की समस्या लेकर वे विपक्षी-2 के पास आये। विपक्षी-2 व 3 की ओर से प्रतिवाद पत्र के साथ दाखिल जबाव नोटिस में यह कहा गया है कि परिवादी का मोबाइल ठीक किया जा चुका है और वह सर्विस सेंटर से जाकर मोबाइल ले लें। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के इस कथन में बल दिखायी देता है कि प्रश्गनत मोबाइल में खरीदने के बाद से ही अनेक समस्यायें आ जाना यह दर्शाता है कि मोबाइल में शुरू से ही निर्माण संबंधी दोष थे। विपक्षी-2 व 3 की ओर से अपने प्रतिवाद पत्र के पैरा-5 में उक्त स्वीकारोक्तियों के दृष्टिगत हम यह उचित समझते हैं कि परिवादी को यह मोबाइल अब लेने के लिए बाध्य न किया जाये बल्कि विपक्षीगण से उसे मोबाइल का मूल्य वापस दिला दिया जाये। तद्नुसार परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
परिवादी का परिवाद विरूद्ध विपक्षीगण स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादी द्वारा प्रश्गनत मोबाइल का चार्जर एवं अन्य एसेसरीज वापस कर दिये जाने से एक माह के अंदर विपक्षीगण मोबाइल की कीमत अंकन-6000/-रूपये परिवादी को अदा करें। विपक्षीगण अंकन-1000/-रूपये क्षतिपूर्ति
एवं अंकन-2500/-रूपये परिवाद व्यय भी परिवादी को अदा करें।
(सत्यवीर सिंह) (पवन कुमार जैन)
सदस्य अध्यक्ष
आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(सत्यवीर सिंह) (पवन कुमार जैन)
सदस्य अध्यक्ष
दिनांक: 15-12-2017
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