Uttar Pradesh

StateCommission

A/1459/2016

Sunita Devi And Oth. - Complainant(s)

Versus

Dakshinanchal Vidyut Vitaran Nigam - Opp.Party(s)

A.K. Pandey

02 Sep 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1459/2016
( Date of Filing : 25 Jul 2016 )
(Arisen out of Order Dated 23/06/2016 in Case No. C/96/2016 of District Etawah)
 
1. Sunita Devi And Oth.
Vill. Gapchiyapur (Samthar) Tahsil Takha Thana Usarahar Distt. Etawah
...........Appellant(s)
Versus
1. Dakshinanchal Vidyut Vitaran Nigam
III Adhi. Abhiyanta Office Saifei Distt. Etawah
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 02 Sep 2021
Final Order / Judgement

                                        सुरक्षि‍त

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                                                   अपील संख्‍या- 1459/2016

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, इटावा द्वारा परिवाद संख्‍या- 96/2015 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23-06-2016 के विरूद्ध)

 

1- सुनीता देवी पत्‍नी स्‍व0 अविन्‍द कुमार

2- नीलेश पुत्र स्‍व0 अरविन्‍द कुमार उम्र 14 वर्ष

3- रोशनी पुत्री स्‍व0 अरविन्‍द कुमार उम्र 13 वर्ष

4- रश्मि पुत्री स्‍व0 अरविन्‍द कुमार उम्र 11 वर्ष

5- सोनी पुत्री स्‍व0 अरविन्‍द कुमार 10 वर्ष

6- गोलू पुत्र स्‍व0 अरविन्‍द कुमार उम्र 08 वर्ष

7- श्रीमती फूला देवी पत्‍नी नाथूराम

     समस्‍त निवासीगण-गपचियापुर (समथर) तहसील ताखा, थाना ऊसराहार जिला-इटावा।                                       ....अपीलार्थीगण

                                                         बनाम 

1- दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा तृतीय अधिशाषी अभियन्‍ता कार्यालय सैफई, जिला इटावा।

2- निदेशक विद्युत सुरक्षा उ०प्र० शासन विभूति खण्‍ड गोमती नगर लखनऊ-226010                      .                                                .                                                 .....प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

मक्ष:-  

 माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य

 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :  विद्वान अधिवक्‍ता श्री ए०के० पाण्‍डेय

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :    विद्वान अधिवक्‍ता, श्री इशार हुसैन

 

दिनांक: 20-09-2021

 

माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

                                                                                            निर्णय

 

  प्रस्‍तुत अपील, परिवाद संख्‍या- 96 सन् 2015 सुनीता देवी व अन्‍य बनाम दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा तृतीय अधिशाषी अभियन्‍ता व

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एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, इटावा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 23-06-2016 के विरूद्ध धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  श्री ए०के० पाण्‍डेय और प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री इशार हुसैन उपस्थित आए हैं। 

हमने उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना और पत्रावली का परिशीलन किया है।

अपीलार्थी का कथन है कि प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश मनमाना, विधि विरूद्ध, एवं दोषयुक्‍त है।

संक्षेप में अपील के मुख्‍य आधार इस प्रकार हैं कि अपीलार्थिनी सुनीता देवी मृतक अरविन्‍द कुमार की पत्‍नी है एवं अपीलार्थी सं०2 से 6 तक स्‍व0 अरविन्‍द कुमार के नाबालिग बच्‍चे हैं जिनकी विधिक वारिसान अपीलार्थिनी सुनीता देवी है एवं अपीलार्थिनी संख्‍या-7 श्रीमती फूला देवी स्‍व0 अरविन्‍द कुमार की मॉं है। उक्‍त सभी अपीलार्थीगण स्‍व0 अरविन्‍द कुमार की आय पर आश्रित थे किन्‍तु अरविन्‍द कुमार भी दिनांक 22-04-2015 को विद्युत तार की चपेट में आ जाने के कारण असामयिक मृत्‍यु के कारण उक्‍त सभी अपीलार्थीगण के भरण-पोषण की विकट समस्‍या आ गई है।

अपीलार्थी संख्‍या-1 के पति अरविन्‍द कुमार दिनांक 22-04-2015 की शाम 8 बजे बकरी खोजते हुए गांव की ओर जा रहे थे तभी बाकेलाल पुत्र टीकाराम के खेत के पास जमीन पर पड़े बिजली के तार की चपेट में आ गये जिन्‍हें बचाने के लिए राजेश कुमार व छोटा भाई संतोष कुमार एवं संजीव कुमार ने प्रयास किया जिसमें उक्‍त सभी लोग गम्‍भीर रूप से घायल हो गये।

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उपरोक्‍त सभी घायलों को सरकारी अस्‍पताल सरसई नावर ले जाया गया जहॉं अरविन्‍द कुमार व राजेश कुमार को मृत घोषित कर दिया गया। उक्‍त घटना की सूचना थाना ऊसाहार में दूसरे दिन दिनांक 23-04-2015 को दर्ज करायी गयी। मृतक का पोस्‍टमार्टम व पंचायतनामा हुआ। उक्‍त दुर्घटना विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण घटित हुयी। मृतक अरविन्‍द कुमार 36 वर्ष का व्‍यक्ति था जो मोटर वाहन चालक था जो रू0 8000/- प्रतिमाह कमाकर अपना व अपने परिवार (अपीलार्थीगण) का भरण-पोषण करता था।

प्रतिपक्षीगण द्वारा उक्‍त दुर्घटना की जांच भी करायी गयी जिसमें घटना की पुष्टि होने के बावजूद प्रतिपक्षीगण द्वारा क्षतिपूर्ति की कोई धनराशि अपीलार्थीगण को अदा नहीं की गयी जिसके कारण अपीलार्थीगण को अपना जीवन-यापन करने में निरन्‍तर कठिनाई हो रही है।

परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षी संख्‍या-1 पर नोटिस तामील हुयी किन्‍तु उसकी ओर से कोई उत्‍तर दाखिल नहीं किया गया इसलिए उसके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।

विद्वान जिला आयोग ने इस मामले में परिवाद स्‍वीकार करते हुए मात्र 97,000/-रू० की धनराशि का अनुतोष दिया है जो अत्‍यन्‍त कम है। जबकि ऐसे ही एक मामले में परिवाद संख्‍या- 07/2013 में  3,00,000/-रू० ब्‍याज सहित दिये जाने का आदेश पारित किया है। प्रश्‍नगत निर्णय साक्ष्‍यों पर विचार कर पारित किया गया है। विद्वान जिला आयोग ने मनमाने ढंग से निर्णय पारित किया है। अत: जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय संशोधित किये जाने योग्‍य है।  

हमने उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना और पत्रावली का सम्‍यक रूप से अवलोकन किया।

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हमने विद्वान जिला आयोग के प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का भी अवलोकन किया।

विद्वान जिला आयोग के प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश में विपक्षीगण की त्रुटि मानते हुए और तटस्‍थ जांच एजेन्‍सी की रिपोर्ट को देखते हुए 97,000/-रू० की धनराशि दिलाने का आदेश पारित किया है। धनराशि को बढ़ाने के लिए अपील प्रस्‍तुत की गयी है।

इस मामले में अपीलार्थी की ओर से नेशनल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 बनाम राजन सूद IV (2014) CPJ 415 (N.C.) में दिया गया दृष्‍टांत प्रस्‍तुत किया गया है जिसमें कहा गया है कि जहॉं पर परिवादी का घरेलू सामान आग की दुर्घटना में जल गया हो और वह एक वर्ष तक अपने दावे के भुगतान का इंतजार करता रहा हो और फिर उसने चेक को पूर्ण और अंतिम समझौते के आधार पर दबाव के अन्‍तर्गत प्राप्‍त किया हो। वहॉं पर माना जाएगा कि यह स्‍वीकारोक्ति है क्‍योंकि न तो कोई औपचारिक पत्र दिया गया और न ही कोई पहले से सहमति ली गयी कि इस धनराशि पर उभय-पक्ष सहमत हैं।

इस सम्‍बन्‍ध में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा रमन बनाम उत्‍तर हरियाणा बिजली वितरण निगम 2015 (।) CPR 4 (SC) के दृष्‍टांत में कहा गया है कि जहॉं कोई बालक विद्युत दंश से 100 प्रतिशत अपाहिज हो गया हो वहॉं पर विपक्षी की उपेक्षा साबित होती है क्‍योंकि वह अपनी विद्युत लाइन का समय-समय पर निरीक्षण नहीं करा रहे थे। माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने यह भी कहा है कि उपेक्षा के लिए हर्जाना देय होगा चाहे वह मोटर वेहिकल प्राधिकरण हो, उपभोक्‍ता फोरम या राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग या राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग हो या उच्‍च न्‍यायालय इत्‍यादि के

 

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लिए मान्‍य है। यदि शिकायतकर्ता की मृत्‍यु हो चुकी हो तब अधिनियम के अन्‍तर्गत उसका विधिक वारिस वाद चलाएगा।

हमारा ध्‍यान अपीलार्थीगण ने उत्‍तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 के कार्यालय के आज्ञप्‍त 13 अक्‍टूबर 2016 की ओर आकृष्‍ट किया जिसमें ऐसी दुर्घटना के लिए विभिन्‍न श्रेणियों में क्षतिपूर्ति की बात लिखी है। इसमें लिखा है

कि दुर्घटना में रूपये 5 लाख के स्‍थान पर अब रूपये 4 लाख अनुमन्‍य किया जाएगा। इस कार्यालय ज्ञाप्‍त पर विपक्षी की ओर से कोई आपत्ति नहीं की गयी क्‍योंकि यह विभागीय धनराशि किसी को विधिक रूप से प्राप्‍त होना है उससे कम देकर यह लिखवाया जाए कि उसे यह धनराशि अंतिम रूप से स्‍वीकार है। यद्यपि यह उस पर बाध्‍य नहीं है और वह शेष धनराशि के लिए अपना पक्ष रख सकता है।

वर्तमान मामला भी इसी श्रेणी में आता है। विद्वान जिला आयोग ने विधि वि‍रूद्ध आदेश पारित किया है और कार्यालय ज्ञाप्ति को ध्‍यान में नहीं रखा है। ऐसी स्थिति में परिवादीगण ने अपने परिवाद पत्र में पांच लाख रूपये की मांग की है और इस कार्यालय ज्ञाप्ति के अनुसार चूँकि दुर्घटना दिनांक    07-05-2012 की है। अत: वह चार लाख रूपये की अनुग्रह राशि पाने का अधिकारी है। तदनुसार प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है और वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

      वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग के प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश को अपास्‍त किया जाता है तथा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह अपीलार्थी/परिवादीगण को बतौर क्षतिपूर्ति 4,00,000/-रू० (चार लाख रूपये) और इस पर विद्वान जिला

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आयोग के निर्णय दिनांक 29-04-2016 से 10 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज इस निर्णय के 30 दिन के अन्‍दर अदा करें।

     वाद व्‍यय पक्षकारों पर।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(सुशील कुमार)                                            (राजेन्‍द्र सिंह)            

      सदस्‍य                                                       सदस्‍य

 

     निर्णय आज दिनांक- 20-09-2021 को खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित/दिनां‍कित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(सुशील कुमार)                                            (राजेन्‍द्र सिंह)            

      सदस्‍य                                                    सदस्‍य

 

कृष्‍णा–आशु0

कोर्ट-2

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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