Uttar Pradesh

StateCommission

A/406/2018

Smt. Radha Rani - Complainant(s)

Versus

Dakshinanchal Vidyut Vitaran Nigam - Opp.Party(s)

Umesh Kumar Sharma

04 Jul 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/406/2018
( Date of Filing : 05 Mar 2018 )
(Arisen out of Order Dated 02/02/2018 in Case No. C/181/2016 of District Etawah)
 
1. Smt. Radha Rani
Etawah
...........Appellant(s)
Versus
1. Dakshinanchal Vidyut Vitaran Nigam
Etawah
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Jul 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ

 (सुरक्षित)

अपील सं0- 406/2018

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, इटावा द्वारा परिवाद सं0- 181/2016 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 02.02.2018 के विरुद्ध)                                                                                                                   

1. Smt. Radha Rani W/o Late Kamlesh Kumar.

2.  Yadrendra Singh S/o Late Kamlesh Kumar.

      Both Residing at-Village-Lohari, Post Bahrpura, P.S. Bharthana, District- Etawah.

                                                                                                 ……Appellants

Versus

1. Dakhinanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd. Through Executive Engineer, Office of Infront of G.I.C. Station Road, Etawah.

2. Director, Vidyut Surachha Parishad, U.P. Govt. Vibhuti Khand-II, Gomti Nagar, Lucknow.  

                                          ……..Respondents

 

समक्ष:-

   माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

   माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित  : श्री उमेश कुमार शर्मा, विद्वान अधिवक्‍ता।                           

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन, विद्वान अधिवक्‍ता। 

                             

दिनांक:- 03.08.2023

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

निर्णय

            परिवाद सं0- 181/2016 श्रीमती राधा रानी व एक अन्‍य बनाम दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा अधीक्षण अभियंता व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, इटावा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 02.02.2018 के विरुद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

            विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश के माध्‍यम से निम्‍नलिखित आदेश पारित किया है:-

            ‘’प्रस्‍तुत परिवाद यथा विरचित, उपर्युक्‍त विपक्षीगण के विरुद्ध ससंघर्ष स वाद-व्‍यय, आंशिक रूप से स्‍वीकृत किया जाता है और तदनुसार विपक्षी सं0- 1 द्वारा संबंधित अधिशासी अभियंता, वि0वि0नि0लि0, खण्‍ड-II, इटावा को निर्देश दिया जाता है कि वह परिवाद की विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर, परिवादीगण को आज से एक माह के अन्‍दर मु0 2,00,000/- (दो लाख) रूपये क्षतिपूर्ति अदा करें और उन्‍हें एकमुश्‍त मु0 11,000/-रू0 वाद व्‍यय भी अदा करें, ऐसा न होने की स्थिति में उनके द्वारा मु0 2,00,000+11,000=2,11,000=00 रू0 की समस्‍त क्षतिपूर्ति की धनराशि पर वाद योजन की तिथि दि0 28.07.16 से भुगतान की तिथि तक 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी अदा करना होगा।‘’   

            अपीलार्थीगण/परिवादीगण का परिवाद पत्र में संक्षेप में कथन इस प्रकार है कि उनके पति/पिता दि0 05.09.2015 को करीब 1:20 बजे दिन में शौच हेतु घर से निकले थे, किन्‍तु विद्युत का तार टूटकर गिरा होने के कारण स्‍पर्शाघात से उनकी मृत्‍यु हो गई। उनका पंचनामा, पोस्‍टमार्टम हुआ। पुलिस को सूचनी उसी दिन दी गई। मृतक घर का गार्जियन था। जनता मा0 वि0 बाहरपुरा में बतौर क्‍लर्क मु0 28,000/-रू0 मासिक वेतन पाता था और अपीलार्थीगण/परिवादीगण उसी पर निर्भर थे। सूचना बिजली विभाग को दी गई, परन्‍तु कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिससे व्‍यथित होकर अपीलार्थीगण/परिवादीगण ने यह परिवाद प्रस्‍तुत किया है।

            प्रत्‍यर्थी सं0- 1/विपक्षी सं0- 1 ने अपने प्रतिवाद पत्र में कहा है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग, इटावा को इस परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है। य‍ह कि कथित दुर्घटना झूठी और निराधार है तथा कथित घटना तिथियों में अन्‍तर है, घटना स्‍थल भी विभिन्‍न है। यह कि अपीलार्थी/परिवादिनी के पति द्वारा अवैध रूप से सीधे हाई वोल्‍टेज लाईन से कनेक्‍शन जोड़ने के कारण कथित दुर्घटना घटी है। मृतक विद्युत विभाग का उपभोक्‍ता नहीं था। अत: परिवाद खारिज होने योग्‍य है।   

            प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 ने अपने प्रतिवाद पत्र में कहा है कि कमलेश पुत्र किशन लाल की घातक विद्युत दुर्घटना जो ग्राम टिमरूआ, पो0 हरदोई, सैफई, जिला इटावा में दि0 24.09.2016 को घटित हुई, से सम्‍बन्धित प्रथम सूचना दक्षिणांचल वि0वि0नि0 के सम्‍बन्धित अधिकारी द्वारा निदेशालय के इटावा जोनल कार्यालय में दि0 05.10.2016 को प्राप्‍त हुई। श्री मो0 मोइज इलयास वि0 अवर अभियंता, इटावा जोन द्वारा दि0 15.10.2016 को उक्‍त दुर्घटना की जांच की गई और पाया गया कि कमलेश उक्‍त एल0टी0 लाईन से क्षतिग्रस्‍त केबिल जोड़ रहे थे और उसके खुले भाग से उनका सम्‍पर्क हो गया जिसके कारण विद्युत स्‍पर्शाघात से उनकी मृत्‍यु हो गई जिसके लिए वह स्‍वयं उत्‍तरदायी हैं।

            अपीलार्थीगण की ओर से अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग का प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है, क्‍योंकि सही विधि का प्रसंज्ञान विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा नहीं लिया गया है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो 2,00,000/-रू0 धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में एवं 11,000/-रू0 की धनराशि अपीलार्थीगण/परिवादीगण को वाद व्‍यय की धनराशि दिलायी गई वह गलत है और मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा पारित किये गये निर्णयों के विरुद्ध है। अपीलार्थी/परिवादिनी ने प्रत्‍यर्थी/विपक्षी विद्युत निगम के पक्ष पर सेवा में कमी का तथ्‍य साबित किया है, किन्‍तु इन तथ्‍यों पर विचार न करते हुए प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश पारित किया गया है।

            हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री उमेश कुमार शर्मा एवं प्रत्‍यर्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया।

            अपीलार्थी/परिवादिनी श्रीमती राधारानी द्वारा यह अपील अपने पति की मृत्‍यु विद्युत का तार टूटकर उनको लगने से एवं विद्युतघात से मृत्‍यु हो जाने के आधार पर प्रस्‍तुत की गई है जिसमें विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा किये गये अवार्ड रू0 2,00,000/- को बढ़ाये जाने हेतु यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन द्वारा निर्गत सर्कुलर सं0- 4095-औसं/2016-19(125)ए0एस0/2001 दिनांक 13 अक्‍टूबर, 2016 प्रस्‍तुत किया गया है। उक्‍त सर्कुलर में निदेशक मण्‍डल की आज्ञा से यह निर्णीत किया गया है कि उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन की त्रुटि पूर्ण विद्युत अधिष्‍ठापन के सम्‍पर्क में आने पर मानवीय अथवा पशुओं की दुर्घटना में धनराशि विद्युत विभाग द्वारा वहन की जायेगी। उक्‍त सर्कुलर में दि0 13.10.2016 से दुर्घटना में मानवीय हानि होने पर 4,00,000/-रू0 अनुमन्‍य किये जाने के निर्देश दिये गये हैं जो निम्‍नलिखित प्रकार से हैं:-

            ‘’भैंस, गाय, ऊँट, याक आदि की मृत्‍यु होने पर वर्तमान में निर्धारित रू0 16400/- के स्‍थान पर रू0 30,000/- अनुमन्‍य किया जायेगा।

            भेड़, बकरी, सुअर आदि की मृत्‍यु होने पर वर्तमान में निर्धारित रू0 1650/- के स्‍थान पर रू0 3,000/- अनुमन्‍य किया जायेगा।

            दुग्‍ध पशुओं के अतिरिक्‍त पशु

            ऊँट, घोड़ा, बैल आदि की मृत्‍यु होने पर वर्तमान में निर्धारित रू0 15,000/- के स्‍थान पर रू0 25,000/- अनुमन्‍य किया जायेगा।

            बछड़ा, गधा, खच्‍चर आदि की मृत्‍यु होने पर वर्तमान में निर्धारित रू0 10,000/- के स्‍थान पर रू0 16,000/- अनुमन्‍य किया जायेगा।‘’

            उक्‍त सर्कुलर को देखते हुए प्रस्‍तुत मामले में रू0 4,00,000/- अनुमन्‍य होना साबित होता है, क्‍योंकि मृतक कमलेश कुमार पुत्र साधूराम की मृत्‍यु दि0 05.09.2015 को होना अपीलार्थी/परिवादिनी ने कथन किया है जिसके सम्‍बन्‍ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दि0 05.09.2015 को होना दर्शाया गया है जिसकी प्रतिलिपि अभिलेख पर है। पुलिस द्वारा इसकी सूचना धारा 174 दण्‍ड विधि संयंत्र के अनुसार अंकित किया जाना भी अभिलेख पर है। इसके अतिरिक्‍त मृतक कमलेश कुमार की पोस्‍टमार्टम भी अभिलेख पर है। उक्‍त दस्‍तावेजों को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी विद्युत निगम द्वारा आक्षेपित नहीं किया गया है एवं स्‍वयं विद्युत विभाग की ओर से जारी सर्कुलर सं0- 4095-औसं/2016-19(125)ए0एस0/2001 दिनांकित 13 अक्‍टूबर, 2016 के अनुसार उपरोक्‍त सर्कुलर की तिथि पर रू0 4,00,000/- की धनराशि मानवीय हानि पर विद्युत विभाग द्वारा दिया जाना स्‍वी‍कार किया गया है। अत: दुर्घटना की तिथि पर श्री कमलेश की मृत्‍यु पर उनके विधिक उत्‍तराधिकारीगण अपीलार्थीगण/परिवादीगण को रू0 4,00,000/- उक्‍त सर्कुलर के हिसाब से ही दिया जाना है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा रू0 2,00,000/- की धनराशि मय 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज अदा करने का आदेश दिया गया है। अत: अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए रू0 4,00,000/- की धनराशि हेतु अपीलार्थीगण/परिवादीगण की प्रार्थना स्‍वीकार किया जाना उचित प्रतीत होता है। अपील में अपीलार्थीगण/परिवादीगण द्वारा कुल 19,50,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति एवं अन्‍य धनराशियों की मांग की गई है, किन्‍तु उक्‍त सर्कुलर के अनुसार रू0 4,00,000/- की धनराशि अपीलार्थीगण/परिवादीगण को मय 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज वाद योजन की तिथि से वास्‍तविक अदायगी की तिथि तक दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है। तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश संशोधित करते हुए अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।     

                               आदेश 

            अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश संशोधित करते हुये प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे रू0 4,00,000/- (चार लाख रू0) की धनराशि अपीलार्थीगण/परिवादीगण को मय 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज वाद योजन की तिथि से वास्‍तविक अदायगी की तिथि तक अदा करें।

अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थीगण द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाये।   

            आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय व आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।     

 

       (विकास सक्‍सेना)                                 (राजेन्‍द्र सिंह)

           सदस्‍य                                         सदस्‍य

 

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

     (विकास सक्‍सेना)                                 (राजेन्‍द्र सिंह)

         सदस्‍य                                         सदस्‍य

शेर सिंह, आशु0, कोर्ट नं0-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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